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भोपाल एयरपोर्ट पर कोहरे में भी लैंड हो सकेंगे विमान, केटेगरी-दो आइएलएस सिस्टम का हवाई परीक्षण हुआ

रात में कम दृश्यता के बीच विशेष विमान से हुए लैंडिंग परीक्षण में सिस्टम अपने मापदंड के अनुरूप पाया गया। अब तक रन-वे पर लगी लाइटिंग की मदद से 550 मीटर तक दृश्यता होने पर विमान लैंड हो जाते हैं। सिस्टम अपग्रेड होने के बाद 350 मीटर तक दृश्यता होने पर भी विमान आसानी से लैंड हो सकेंगे।

By dilip mangtani

Publish Date: Sun, 10 Nov 2024 07:00:00 AM (IST)

Updated Date: Sun, 10 Nov 2024 07:00:00 AM (IST)

एयरपोर्ट रनवे की सेंट्रल लाइन के पास स्थापित आईएलएस सिस्टम का परीक्षण किया गया।

HighLights

  1. दिल्ली से आए विशेष विमान के जरिए हुआ परीक्षण।
  2. चार विशेषज्ञों की टीम ने दिया प्रक्रिया को अंजाम।
  3. अभी कम दृश्यता में विमान लैंडिंग में होती थी परेशानी।

नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी के राजा भोज एयरपोर्ट पर अब खराब मौसम में भी विमान लैंड हो सकेंगे। सर्दी एवं कोहरे के कारण अक्सर विमानों को पास के एयरपोर्ट पर डायवर्ट कर देना पड़ता है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अब आईएलएस यानि इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम को अपग्रेड कर दिया है। नया केटेगरी-दो सिस्टम स्थापित कर दिया गया है।

सफल रहा परीक्षण

गुरुवार को इसका हवाई परीक्षण किया गया। विशेष विमान से हुए लैंडिंग परीक्षण में सिस्टम अपने मापदंड के अनुरूप पाया गया। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने सितंबर माह में सिस्टम को अपग्रेड कर ग्राउंड टेस्टिंग की थी। गुरुवार को दिल्ली से अथॉरिटी का विशेष सर्विस एयरक्राफ्ट भोपाल पहुंचा। इस विमान ने नए सिस्टम एवं नेविगेशन प्रणाली का परीक्षण किया।

आरवीआर सिस्टम भी लगा

विमान में चार सदस्यीय विशेषज्ञ टीम सवार थी। एयरपोर्ट डायरेक्टर रामजी अवस्थी ने बताया कि परीक्षण सफल रहा। एयरपोर्ट पर पहले से केटगेरी-एक सिस्टम के साथ रनवे विजुअल रेंज (आरवीआर) भी लगा है। इसकी मदद से रन-वे पर लगी लाइटिंग की मदद से 550 मीटर तक दृश्यता होने पर विमान लैंड हो जाते हैं। सिस्टम अपग्रेड होने के बाद 350 मीटर तक दृश्यता होने पर भी विमान आसानी से लैंड हो सकेंगे।

डीजीसीए से अनुमति मिलना बाकी

परीक्षण रिपोर्ट अब नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को भेजी जाएगी। डीजीसीए से औपचारिक अनुमति मिलने के बाद नया सिस्टम काम करने लगेगा। आमतौर पर दिसंबर से फरवरी माह के बीच घने कोहरे के कारण उड़ानें लेट होती हैं। कई बार उन्हें डायवर्ट करना पड़ता है। अब इसमें कमी आएगी। 350 मीटर से कम दृश्यता होने पर ही उड़ानें डायवर्ट करने की जरूरत होगी।

पिछले दिनों एयरपोर्ट पर स्वचलित मौसम अवलोकन प्रणाली (एडब्ल्यूओएस) भी स्थापित की गई थी। इसकी स्थापना से मौसम खराब होने पर पायलटों को तत्काल कोहरे, वर्षा या आंधी चलने की जानकारी मिल जाती है। सुरक्षित लैंडिंग में मदद मिलती है।

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https%3A%2F%2Fwww.naidunia.com%2Fmadhya-pradesh%2Fbhopal-planes-will-be-able-to-land-at-bhopal-airport-even-in-fog-aerial-testing-of-category-two-ils-system-was-done-8358513
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