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भोपाल के हमीदिया अस्पताल में अब मात्र पांच लाख रुपये में हो सकेगा बोनमैरो प्रत्यारोपण

हमीदिया में 2021 में किडनी ट्रांसप्लांट की शुरुआत की गई थी। 2023 में दवाओं की कमी और खरीदी नियमों के चलते ट्रांसप्लांट नहीं हुआ। यहां किडनी ट्रांसप्लांट की सर्जरी लेप्रोस्कोपिक पद्धति से की जाती है। अब बोनमैरो प्रत्यारोपण की सुविधा मिलने से भोपाल देश के चुनींदा सरकारी अस्पताल में शामिल हो जाएगा।

By mukesh vishwakarma

Publish Date: Mon, 28 Oct 2024 01:54:50 PM (IST)

Updated Date: Mon, 28 Oct 2024 03:07:47 PM (IST)

हमीदिया अस्पताल भोपाल की तस्वीर।

HighLights

  1. निजी अस्पताल में चार गुणा कम, नवंबर से शुरू होने की उम्मीद।
  2. प्रदेश का दूसरा सरकारी अस्पताल, जहां होगा बोनमैरो प्रत्यारोपण।
  3. अस्पताल के एच-एक ब्लाक के चौथे माले पर 12 कमरे की मिली स्वीकृति।

नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। हमीदिया अस्पताल में किडनी के बाद बोनमैरो प्रत्यारोपण नवंबर माह तक शुरू करने की उम्मीद है। अगले माह तक यहां पहला बोनमैरो प्रत्यारोपण भी हो सकता है। इसके शुरू होने पर इंदौर के बाद हमीदिया प्रदेश का दूसरा सरकारी अस्पताल होगा, जहां यह सुविधा उपलब्ध मरीजों की दी जाएगी।

इसके लिए बकायदा अस्पताल के एच-1 ब्लाक की चौथी मंजिल पर 12 कमरों की स्वीकृति भी मिल गई है। जिसमें मरीजों के लिए 24 बिस्तर का वार्ड तैयार किया जाएगा। यह सुविधा शुरू होने से ब्लड कैंसर और खून की कमी से होने वाली बीमारियों-थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया का स्थायी इलाज किया जा सकेगा।

करीब 16 करोड़ रुपये की आएगी लागत

जानकारी अनुसार इस यूनिट को जमाने के लिए प्रबंधन को करीब 16 करोड़ खर्च करने होंगे। निजी अस्पतालों में बोनमैरो प्रत्यारापेण पर करीब 24 लाख तक खर्च आता है। यहां करीब पांच लाख तक आएगा। अमेरिका के कोलंबिया विवि के बोनमैरो ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट डा. प्रकाश सतवानी से इसके लिए एमओयू हो गया है।

आठ महीने बाद फिर शुरू होगा किडनी प्रत्यारोपण

वहीं हमीदिया अस्पताल में करीब आठ महीने बाद दोबारा किडनी प्रत्यारोपण करने की तैयारी भी की जा रही है। इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। बतादें कि हमीदिया प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल है, जहां सात किडनी प्रत्यारोपण हो चुके हैं। गांधी मेडिकल कालेज के यूरोलाजी विभाग के डा. अमित जैन ने बताया कि दो मरीजों के किडनी ट्रांसप्लांट होने हैं। इसके लिए अंगदान समिति ने मंजूरी दे दी है।

एम्स भोपाल ने सीएसआइआर-सीसीएमबी के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर

भोपाल। एम्स भोपाल ने काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च और सेंटर फार सेलुलर एंड मालिक्यूलर बायोलाजी (सीएसआइआर-सीसीएमबी), हैदराबाद के साथ सिकल सेल रोग और संबंधित आनुवंशिक विकारों पर एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे सिकल सेल रोग की चुनौतियों का सामना किया जाएगा। इससे अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ पहुंच सकेगा।

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो डा. अजय सिंह ने कहा सीएसआइआर-सीसीएमबी के साथ हमारा सहयोग सिकल सेल रोग के निदान के लिए महत्वपूर्ण कदम है। जिससे मरीजों की देखभाल में महत्वपूर्ण सुधार होगा। सीएसआइआर-सीसीएमबी के सिकल सेल एनीमिया मिशन के मिशन प्रमुख डा. गिरिराज चंदक ने कहा कि इस साझेदारी के माध्यम से पीसीआर-आधारित परीक्षण विकसित किया है, जिससे अब अनगिनत रोगियों को लाभ पहुंचा सकता है।

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