अखिल भारतीय कला मंदिर संस्था का होली उत्सव ‘रस-रंग’ समारोह विश्व संवाद केंद्र, शिवाजी नगर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि होली सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि समरसता और उल्लास का पर्व है।
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रंगों और सुरों से सजी शाम
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के पूजन और अतिथि स्वागत से हुई, जिसके बाद संस्था की नवीन कार्यकारिणी की शपथ विधि संपन्न हुई। इसके पश्चात आमंत्रित कलाकारों और मंडलियों ने होली गीतों और फाग की शानदार प्रस्तुतियां दीं।
संस्था अध्यक्ष डॉ. गौरीशंकर शर्मा ‘गौरीश’ ने ‘मंदिर में होली खेलें रसिया, कला मंदिर में’ गीत गाकर समां बांध दिया।खुशी विजयवर्गीय ने सरस्वती वंदना संग होली गीत गाया, जबकि डॉ. सुधा दुबे, मंजु श्रोती, सुनीता तिवारी, उमा रावत सहित कई कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी।
बुंदेली होली की मिठास में आशा श्रीवास्तव, मंजुला श्रीवास्तव, पुष्पा भदौरिया, प्रभा रावत की प्रस्तुति को खूब सराहना मिली।डॉ. नीता खरे और महिमा वर्मा ने ब्रज और शिव होली के गीत सुनाकर माहौल भक्तिमय कर दिया।
फागुन के महीने में रंग बरसे
पुष्प लता शर्मा और साथियों ने ‘फागुन के महीना रंगीले घरे नैया छैला छबीले’ तथा ‘खेलें मसाने में होली दिगंबर’ गाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। डॉ. वंदना मिश्र, नीता खरे और महिमा वर्मा ने ‘होली खेले रे सांवरिया, डालो समरसता के रंग’ स्वरचित गीत प्रस्तुत किया।
विशिष्ट अतिथि विष्णु राजोरिया (अध्यक्ष, मध्यप्रदेश परशुराम कल्याण बोर्ड) ने फागुन मास और होली के पौराणिक महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. गौरीशंकर शर्मा ‘गौरीश’ (राष्ट्रीय अध्यक्ष, कला मंदिर) ने की। इस मौके पर वृक्षमित्र सुनील दुबे, कार्यकारी अध्यक्ष हरिवल्लभ शर्मा ‘हरि’, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. वंदना मिश्र सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। संस्था की ओर से जया शर्मा ‘केतकी’ ने सुंदर गीत प्रस्तुत किया, जबकि कार्यक्रम का सफल संचालन विमल भंडारी एवं जया केतकी ने किया।
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