भोपाल में पराली जलाने पर रोक लगा दी गई है। गुरुवार देर रात कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आदेश जारी किया। 2 महीने के लिए पराली यानी, नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। उल्लंघन करने पर थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
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NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेश का पालन करते हुए यह रोक लगाई गई है, जो पूरे भोपाल जिले में लागू रहेगी। कलेक्टर सिंह ने सभी एसडीएम को पराली जलाने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। इधर, जानकारों का मानना है कि वर्तमान में किसान गेहूं की बुआई में लगे हैं। अधिकांश ने बोवनी भी कर ली है। ऐसे में आदेश का इस समय लागू होने से कोई मतलब भी नहीं रहा है। हाल ही में पराली के कुछ मामले जरूर सामने आ चुके हैं।
आदेश में यह
- खेत की आग के अनियंत्रित होने पर जनसंपत्ति एवं प्राकृतिक वनस्पति, जीव-जन्तु नष्ट हो जाते हैं। जिससे नुकसान होता है।
- खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति खत्म हो जाती है। जिससे उत्पादन प्रभावित होता है।
- खेत में पड़ा कचरा, भूसा, डंठल सड़ने के बाद भूमि को प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनाते हैं। इन्हें जलाकर नष्ट करना ऊर्जा को नष्ट करना है। आग लगाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है। जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
- जिले में कई किसान रोटावेटर एवं अन्य साधनों से डंठल खेत से हटा रहे हैं। यह सुविधा जिले में उपलब्ध हो गई है।
कलेक्टर के आदेश में यह…
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