मप्र की मोहन सरकार अब गो-पालन को बढ़ावा देने के लिए अच्छी नस्ल की गाय की बछिया बेचेगी। सीएम के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। गो पालकों को भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक और आईवीएफ से पैदा हुई उन्नत नस्ल की बछिया उपलब्ध कराई जाएंगी। म
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देश का दूसरा ब्रीडिंग सेंटर एमपी में
नेशनल कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर के देश में दो सेंटर हैं। इसमें से एक मध्यप्रदेश में हैं, जहां 13 नस्ल की गायों और 4 नस्ल की भैंसों का संरक्षण होता है। वहीं, देसी गायों की नस्ल में सुधार के लिए अच्छी नस्ल के बच्चे, भ्रूण और सीमन पशुपालकों को उपलब्ध कराए जाते हैं।
अभी साल में सिर्फ एक बार होती है नीलामी
पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बेसहारा गौवंश सरकार और समाज दोनों के लिए बड़ी चुनौती है। सबसे जरूरी है कि गौपालक के लिए गाय लाभकारी हो। यानी गाय ज्यादा दूध देगी, तो लोग उसे बेसहारा नहीं छोड़ेंगे। अब तक पशु प्रजनन प्रक्षेत्रों से साल में एक बार बछिया और बछड़ों की नीलामी होती थी। अब इसे बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाएगा।
दो तकनीक से पैदा हो रही बछिया
भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक: देसी नस्ल की गाय की बच्चेदानी में अच्छी नस्ल का भ्रूण तैयार किया जाता है।
आईवीएफ तकनीक: कृत्रिम तरीके से भ्रूण तैयार कर उसका देसी गाय की बच्चेदानी में प्रत्यारोपण किया जाता है।
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