आज मनुष्य स्वार्थी हो गया है, केवल अपने बारे में सोचने लगा है, इसलिए संयुक्त से एकल में जीवन जी रहा है ओर दुखी हो रहा है। हमें जरूरत है फिर से एकल से संयुक्त होने का, स्वार्थ छोड़कर सर्वजन हिताय का भाव रखना होगा। तभी जीवन सुखी हो पायेगा। जो छोटी मानस
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धर्म सभा में मुनिश्री वीरसागरजी महाराज के प्रवचन सुनने नगर के वरिष्ठ ओर गणमान्य नागरिक पहुंचे थे। जैन समाज द्वारा पधारे जैनेत्तर समाज के गणमान्य नागरिकों से आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के चित्र का अनावरण व दीप प्रज्वलन करवा कर कार्यक्रम प्रारंभ किया। उपस्थित लोगों ने मुनिश्री को श्रीफल भेंट कर आशिर्वाद प्राप्त किया और अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त किया।
तीनों प्रमुख वेदियों में परिवारों ने की शांतिधारा की
जानकारी देते हुए जैन समाज के उपाध्यक्ष प्रदीप अजमेरा व कोषाध्यक्ष राजीव रपरिया ने बताया कि मुनिश्री वीरसागरजी के सानिध्य में रविवार को हरदा दिगम्बर जैन समाज के इतिहास में प्रथम वार समस्त प्राणियों के सुख समृद्धि ओर खुशहाली के लिए भगवान के 1008 नामों के साथ वृहद शांतिधारा मंदिरजी की तीनों प्रमुख वेदियों तीन-तीन परिवारों द्वारा की गई, जिसमें पवन सिंघई, सुरेन्द्र जैन, पूनमचंद लहरी, प्रदीप अजमेरा, रविंद्र, सुशील, अजीत, राज रपरिया, संजय बजाज, यतेन्द्र अजमेरा, मुकेश सचिन बकेबरिया, रितेश, राहुल, रूपेश गंगवाल आदि परिवारों को सौभाग्य प्राप्त हुआ।
श्रीजी को स्वर्ण छत्र अर्पित करने का सौभाग्य राजेश सतीश सिंघई व हिमांशु चौधरी परिवार को प्राप्त हुआ। वहीं, मंदिरजी के शिखर पर धर्म ध्वजा का सौभाग्य पूनमचंद,चेतन लहरी परिवार को प्राप्त हुआ। प्रवचन में समवशरण महामंडल विधान हर्ष ओर उल्लास से पूर्ण करवाने पर बाल बह्मचारी चिद्रुप भैयाजी का अभिनंदन किया।
बता दें कि मुनिश्री वीरसागरजी महाराज आज दोपहर नगर पालिका स्थित शहीद गैलरी अवलोकन करने पहुंचे थे जहां सांसद प्रतिनिधि राजू कमेडिया ओर नगरपालिका स्टाफ ने मुनिश्री को श्रीफल भेंट कर आशिर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान मुनिश्री ने शहीद गैलरी का अवलोकन कर नगर पालिका की सराहना की।
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