मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में आदिवासी परिवार ने एक युवक को बंधक बनाकर पीटा। उसे बचाने पहुंचे टीआई समेत पुलिस की टीम पर भी आरोपियों ने हमला कर दिया। हमले में एक एएसआई की पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी गई। वहीं उससे पहले युवक को बंधक
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पुलिस ने आरोपियों से पूछा था कि युवक को क्यों मारा, इसके बाद आरोपियों ने पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया। जबकि बाकी भाग रहे पुलिसकर्मियों का पीछा कर दौड़ा-दौड़ाकर मारा।
एक हत्या छिपाने की पुलिसकर्मी की हत्या
घटना के बाद दैनिक भास्कर की टीम मौके पर पड़ताल के लिए पहुंची। घटना की असल वजह जानने की आखिरकार ऐसी स्थिति कैसे निर्मित हुई। अचानक ऐसी स्थिति निर्मित कैसे हो गई कि पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया गया और युवक के साथ एक पुलिसकर्मी की निर्मम हत्या भी कर दी गई।
पड़ताल में पता चला कि एक हत्या को छिपाने के लिए दूसरे पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई। आरोपियों ने इस डर से पुलिसकर्मी की हत्या कर दी की कहीं हत्या का खुलासा ना हो जाए। क्योंकि बंधक युवक की हत्या वो पहले ही कर चुके थे। जिसे वो पुलिस को नहीं दिखाना चाहते थे। उधर पुलिस के देरी से आने की वजह से नाराज थे। पहले आरोपी बंधक बनाए गए युवक को पुलिस के हाथों गिरफ्तार करवाना चाहते थे।
हत्या का खुलासा होने पर आरोपी सभी पुलिसकर्मियों को ठिकाने लगा देना चाहते थे। लेकिन, मौके पर पुलिस बल की संख्या बढ़ती गई। ये स्थित महज कुछ मिनटों में निर्मित नहीं हुई। बल्कि इस पूरे तनाव की शुरुआत दोपहर से ही हो गई थी। लेकिन, दोपहर से तनाव पूर्ण स्थिति होने के बाद भी पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और कई घंटों की देरी से बगैर पर्याप्त बल मौके पर पहुंची।
घायल पुलिसकर्मियों का अस्पताल में इलाज जारी है।
अब जानिए पूरा मामला
बता दें कि, शनिवार को मऊगंज में दिनदहाड़े एक युवक को अगवा कर लाठियों से पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी गई। इन्हीं हमलावरों ने पुलिस टीम पर भी कुल्हाड़ी, लाठी, डंडों और पत्थरों से हमला किया। जिसमें एक एसएएफ के एएसआई की अस्पताल में मौत हो गई। जबकि शाहपुर थाना प्रभारी संदीप भारतीय, हनुमना नायब तहसीलदार कुमारे लाल पनिका समेत पांच पुलिसकर्मी गंभीर से घायल हैं। जिनका मऊगंज और रीवा में इलाज चल रहा है।
फसल बांटने के बहाने बुलाकर बंधक बनाया
जानकारी के अनुसार, शाहपुर थाना क्षेत्र के गड़रा गांव निवासी डॉक्टर रजनीश द्विवेदी का खेत आदिवासी परिवार के लोगों ने अधिया पर लिया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि शनिवार की दोपहर आरोपी ने रजनीश के बेटे रज्जन द्विवेदी (32) को फसल की गहाई के बाद हिस्सा बांटने को बुलाया था।
जब रज्जन वहां पहुंचा तो अशोक कोल के परिजनों ने साजिश के तहत उसे घर के अंदर बुलाया और दरवाजा बंद कर अगवा कर लिया। इसी दौरान अशोक के बेटे ने कुंजबिहारी तिवारी को 1 बजकर 3 मिनट पर फोन किया।
कुंजबिहारी ने थाना प्रभारी का नंबर लेकर संदीप भारतीय को सूचना दी। उन्होंने बल भेजा, इसके बाद खुद मौके पर आए। हमलावरों ने घर के अंदर ही रज्जन की लाठियों से पीट-पीट कर हत्या कर दी और अपने समाज के 500 से ज्यादा लोगों को अन्य गांवों से भी बुला लिया

घटना के बाद से इलाके में धारा 144 लगाई गई है।
रजिस्ट्री के लिए गया था, हुई संदिग्ध मौत
स्थानीय निवासी मोहन साकेत ने बताया कि लगभग 8 माह पहले अशोक कोल की हत्या हुई थी। वह रजनीश द्विवेदी की जमीन की रजिस्ट्री कराने हनुमना गया था। लेकिन, उस दिन रजिस्ट्री नहीं हो सकी थी। वापसी में रात 8 बजे उसने अपने कुछ साथियों के साथ पहाड़ी में शराब पी और बाइक से गांव की तरफ चल पड़ा। लेकिन रास्ते में अंधेरे का फायदा उठाकर किसी ने उसका कत्ल कर दिया। लेकिन, तब के शाहपुर थाना प्रभारी ने इसे हादसा बताकर फाइल क्लोज कर दी।
बदले की नीयत से हुआ दूसरा हत्याकांड
बबली साकेत ने बताया कि यह हत्याकांड बदले की नीयत से किया गया है। हालांकि, अशोक का बेटा पुलिस से भी कई बार कह चुका था कि अगर पुलिस मुझे 24 घंटे की छूट दे तो वह अपने पिता के असली आरोपी को सामने ला सकता हूं। लेकिन, पुलिस ने हादसे को हत्या माना। जिसके बाद आरोपी ने खुद बदला लेने का मन बना लिया। शनिवार को युवक को बंधक बना लिया और खुद न्याय करने की दुहाई देने लगा।
रजिस्ट्री के लिए गया था, हुई संदिग्ध मौत
स्थानीय निवासी मोहन साकेत ने बताया कि लगभग 8 माह पहले अशोक कोल की हत्या हुई थी। वह रजनीश द्विवेदी की जमीन की रजिस्ट्री कराने हनुमना गया था। लेकिन, उस दिन रजिस्ट्री नहीं हो सकी थी। वापसी में रात 8 बजे उसने अपने कुछ साथियों के साथ पहाड़ी में शराब पी और बाइक से गांव की तरफ चल पड़ा। लेकिन रास्ते में अंधेरे का फायदा उठाकर किसी ने उसका कत्ल कर दिया। लेकिन, तब के शाहपुर थाना प्रभारी ने इसे हादसा बताकर फाइल क्लोज कर दी।
बदले की नीयत से हुआ दूसरा हत्याकांड
बबली साकेत ने बताया कि यह हत्याकांड बदले की नीयत से किया गया है। हालांकि, अशोक का बेटा पुलिस से भी कई बार कह चुका था कि अगर पुलिस मुझे 24 घंटे की छूट दे तो वह अपने पिता के असली आरोपी को सामने ला सकता हूं। लेकिन, पुलिस ने हादसे को हत्या माना। जिसके बाद आरोपी ने खुद बदला लेने का मन बना लिया। शनिवार को युवक को बंधक बना लिया और खुद न्याय करने की दुहाई देने लगा।

6 घंटे लेट पहुंची पुलिस, तब तक बंधक युवक को मारा
स्थानीय निवासी रामकरण साकेत ने बताया कि युवक को बंधक बनाने की सूचना के बाद भी पुलिस काफी देरी से पहुंची। दरअसल, ग्रामीण इस मांग पर अड़े हुए थे कि वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर बुलाया जाए। लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
पुलिस लगभग 6 घंटे बाद मौके पर पहुंची। तब तक युवक की हत्या हो चुकी थी। जब बंधक युवक को देखने की जिद की तो दिखाने से मना कर दिया गया, जिसके बाद बंधक युवक को लेकर दोनों पक्ष लड़ गए। फिर पुलिस पर पथराव किया गया और जिसमें एसआई की जान चली गई। जबकि, कई लोग घायल हो गए।
इलाके में धारा 144 लगाई गई है। गांव में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है। रीवा से भी बल बुलाया गया है। एसडीओपी को छुड़ाने और मृतक का शव हमलावरों के कब्जे से बाहर निकालने के लिए पुलिस अड़ गई। क्षेत्र में जबरदस्त तनाव है। लोग अपने घरों में दुबक गए हैं।
हत्या की बात उजागर हुई तो पुलिस को बंधक बनाया
पुलिस कई घंटे की देरी से पहुंची, इस बात से लोग नाराज बैठे थे। शाहपुर पुलिस के पहुंचते ही हमलावरों ने उनको घेरकर कुल्हाड़ी, पत्थर और लाठियों से जानलेवा हमला बोल दिया। पुलिस को जान बचाकर मौके से भागना पड़ा। थाना प्रभारी ने आला अफसरों को जानकारी दी। इसके बाद एसडीओपी अंकिता सुल्या समेत बटालियन और अन्य थानों का बल मौके पर पहुंचा।
लेकिन, हमलावर चाक चौबंद थे, हत्या की जानकारी उजागर होने पर एसडीओपी अंकिता को भी घेर लिया और पुलिस पार्टी को निशाने पर ले लिया। एक कमरे में जबरन बंधक बना दिया। हमलावर चाहते थे कि हत्या की जानकारी बाहर ना जाए।
एएसआई बृहस्पति पटेल, एएसआई रामचरण गौतम समेत कई पुलिसकर्मियों को गंभीर चोट आईं। सभी को पहले मऊगंज के सरकारी और निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया। इसके बाद कुछ को रीवा रेफर कर दिया गया।
लेकिन, सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान रामचरण गौतम ने दम तोड़ दिया। हनुमना के नायब तहसीलदार कुमारे लाल पनिका की हालत भी गंभीर बताई जा रही है। उनका भी रीवा में इलाज चल रहा है।
6 माह में दूसरी बार पुलिस पर हमला
एसपी रसना ठाकुर के कार्यकाल में यह दूसरा मौका है जब शाहपुर थाने की पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला किया है। इससे पहले सितंबर माह में बरांव में अवैध शराब जब्त करने एसआई विश्वास के साथ बल लेकर एसडीओपी अंकिता सुल्या गयी थी। तब भी विश्वास समेत कई पुलिसकर्मी लाठियों से घायल हुए थे।
आईजी बोले- भैंस से टकराकर हुई थी युवक की मौत
आईजी साकेत पांडेय ने बताया कि जिस युवक की मौत का बदला लेने के लिए पूरी वारदात की गई, उसकी मौत भैंस से टकराकर हुई थी। लेकिन, उसे जबरन हत्या बताते हुए युवक को बंधक बनाया गया और युवक समेत पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई।
फिलहाल संदेहियों से पूछताछ जारी है। तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। आगे की वैधानिक कार्रवाई लगातार जारी है। किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा। कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अभी तक पुलिस ने महेश कोल, रजनीश कोल और प्रयाग कोल को हिरासत में लिया है, जो हमले में शामिल थे। इसके अलावा 20 से अधिक संदेहियों को भी हिरासत में लिया गया है।
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