मध्य प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 151-300 यूनिट के बीच का स्लैब खत्म करने का प्रस्ताव दिया है। इससे मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं पर अधिक बोझ पड़ सकता है।
By Prashant Pandey
Publish Date: Mon, 06 Jan 2025 07:50:40 AM (IST)
Updated Date: Mon, 06 Jan 2025 08:02:07 AM (IST)
HighLights
- मध्य प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव।
- मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा अधिक बोझ।
- 151 यूनिट के बाद फ्लैट रेट वसूलने की तैयारी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर(Electricity Rate Hike)। बिजली कंपनी दरें बढ़ाकर घरेलू उपभोक्ताओं पर बोझ डालना चाह रही है। मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 151-300 के बीच का स्लैब खत्म कर 151 यूनिट के बाद फ्लैट रेट वसूलने का प्रस्ताव मप्र विद्युत नियामक आयोग को दिया है।
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ तो सबसे ज्यादा नुकसान मध्यवर्ग के उन उपभोक्ताओं को होगा जो सब्सिडी के दायरे से बाहर आते हैं। प्रदेश में ऐसे करीब 25 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं, जिन पर 50 पैसे प्रति यूनिट का बोझ डालने की तैयारी हो रही है।
24 जनवरी तक बुलाई गई आपत्ति
मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने इस संबंध में याचिका मप्र विद्युत नियामक आयोग में दी है। इस पर सुनवाई से पूर्व आयोग ने जनता से 24 जनवरी तक आपत्ति बुलाई है।
बता दें कि एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कुल राजस्व आवश्यकता 58744 करोड़ व वर्तमान दरों पर प्राप्त राजस्व 54637 करोड़ बताया है। कंपनी ने इस अंतर की राशि 4107 करोड़ रुपये की भरपाई के लिए औसत 7.52 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया है।
उपभोक्ताओं की चार श्रेणियों को तीन में समेटा
इस प्रस्ताव में कंपनी ने घरेलू उपभोक्ता की बिजली खपत की चार श्रेणी को तीन में समेट दिया है। पहली श्रेणी 50 यूनिट, दूसरी श्रेणी 51 से 150 यूनिट और तीसरी श्रेणी 151 से ऊपर की रखी गई है। अभी 151 से 300 यूनिट की श्रेणी के लिए अलग दर तय थी।
अब कंपनी 151 यूनिट के ऊपर एक दर तय करना चाह रही है। इससे 50 पैसे का बोझ प्रति यूनिट उपभोक्ता पर डालने का प्रस्ताव है। प्रदेश में अभी एक करोड़ 27 लाख कुल घरेलू उपभोक्ता हैं। इसमें बिजली कंपनी करीब एक करोड़ उपभोक्ता को सब्सिडी देती है। ये उपभोक्ता 150 यूनिट मासिक खपत के दायरे में आते हैं।
कंपनी 100 यूनिट के लिए 100 रुपये और अगली 50 यूनिट पर सामान्य दर से बिलिंग करती है, इससे उपभोक्ता को करीब 450 रुपये से अधिक की बचत होती है। इस बीच 25 लाख से ज्यादा ऐसे बिजली उपभोक्ता है जिनकी मासिक खपत 151 से 300 यूनिट के भीतर रहती है। ऐेसे उपभोक्ताओं को भी अब फ्लैट रेट पर बिल भरना होगा।
मध्यवर्गीय पर बोझ अधिक
बिजली मामलों के जानकार एडवोकेट राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि टैरिफ में बदलाव करने से मध्यम वर्ग के उपभोक्ता जिनकी मासिक खपत 151 यूनिट से 300 यूनिट के बीच है उन पर अधिक बोझ डाला जा रहा है। ये वर्ग सरकारी सब्सिडी के दायरे से बाहर होता है, इसलिए उन्हें बिजली की पूरी कीमत देनी पड़ती है।
एक दर की योजना
मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी के सीजीएम शैलेंद्र सक्सेना ने बतााया कि कंपनी 151 से 300 यूनिट के स्लैब को खत्म कर एक दर तय करना चाहती है। ऐसी श्रेणी के उपभोक्ता से एक सामान्य दर से बिजली बिल लिया जाएगा।
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