छात्र संघ के चुनाव कराए जाएं, पेपर लीक पर कानून बने, छात्रवृत्ति को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया जाए… इन जैसी और भी मांगों को लेकर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) का मंगलवार को जबलपुर में मशाल जुलूस था। इसमें शामिल होने के लिए एनएसय
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जबलपुर के दीनदयाल चौक से एसबीआई चौराहे, विजय नगर तक मशाल जुलूस जाना था। छात्र-छात्राएं शाम 6 बजे कार्यक्रम स्थल पहुंचे, लेकिन आनन-फानन में जिला प्रशासन ने यह कहते हुए मशाल जुलूस की अनुमति निरस्त कर दी कि शहर का सबसे व्यस्ततम इलाका है। पुलिस-प्रशासन के आदेश के बाद एनएसयूआई ने मोबाइल टॉर्च जलाकर जुलूस निकाला। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी सरकार डर गई।
मशाल जुलूस की अनुमति न मिलने के बाद मोबाइल टॉर्च जलाकर रैली निकाली।
पहले दी अनुमति-फिर कर दी निरस्त
जबलपुर में मंगलवार को मध्यप्रदेश एनएसयूआई के कैंपस चलो अभियान के तहत छात्रों के हितों की रक्षा और उनके अधिकारों के लिए विशाल मशाल जुलूस का कार्यक्रम होना था। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने अधारताल एसडीएम से कार्यक्रम के लिए अनुमति मांगी। इसकी लिखित में एसडीएम ने शाम 6 बजे से लेकर 8 बजे तक की अनुमति भी दी।
ठीक कार्यक्रम वाले दिन यानी 10 दिसंबर को एक आदेश जारी कर अनुमति निरस्त कर दी गई। जिला प्रशासन के इस रवैया को लेकर एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष ने विरोध जताया और सैकड़ों छात्र-छात्राओं के साथ मोबाइल टॉर्च जलाकर जुलूस निकाला। आशुतोष चौकसे ने कहा कि भाजपा सरकार का यह कदम बता रहा है कि प्रशासन का यह सब करना छात्रों के प्रति द्वेषपूर्ण और तानाशाही मानसिकता को उजागर करता है।
अधारताल एसडीएम ने 10 दिसंबर के कार्यक्रम के लिए 6 तारीख को दे दी थी अनुमति।
छात्रों के संवैधानिक अधिकारों का हनन
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने कहा-
बिना किसी स्पष्ट कारण के छात्रों के मशाल जुलूस कार्यक्रम को निरस्त कर दिया गया। यह बताता है कि भाजपा सरकार की दमनकारी नीतियां अब छात्र विरोधी हो गई हैं। यह दर्शाता है कि प्रदेश सरकार छात्रों की आवाज को दबाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार के इशारे पर उठाया गया प्रशासन का यह कदम लोकतांत्रिक मूल्यों और छात्रों के संवैधानिक अधिकारों का सीधा हनन है। यह बेहद निंदनीय है।
10 तारीख को कार्यक्रम से चंद घंटे पहले मशाल जुलूस की अनुमति को निरस्त कर दिया गया।
छात्रों के हितों की अनदेखी पर सवाल एनएसयूआई लंबे समय से कैंपस चलो अभियान के तहत छात्रों की मांगों को लेकर सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील कर रही है। प्रमुख मांगें हैं…
- पेपर लीक पर कड़ा कानून:दोषियों को 20 साल की सजा और 10 करोड़ रुपए का जुर्माना।
- छात्रवृत्ति पर लोकसेवा गारंटी: समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के साथ फर्जी छात्रवृत्तियों को रोकने के लिए सख्त कानून।
- सबको शिक्षा-सबको प्रवेश: पाठ्यक्रम में सुधार और एससी/एसटी हॉस्टलों की संख्या बढ़ाई जाए।
- छात्रसंघ चुनाव: तत्काल प्रभाव से शुरू किए जाएं।
ये रहे मौजूद
प्रदर्शन के दौरान पूर्व विधायक विनय सक्सेना, राहुल यादव, जिलाध्यक्ष सचिन रजक,राष्ट्रीय सचिव करन तामसेतवार, अनुज यादव, साहिल यादव, अमित मिश्रा, नीलेश माहर, मो अली, यशु नीखरा, अपूर्व केसरवानी, सहित भारी संख्या में छात्र उपस्थित हुए।
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