मप्र में खतरनाक वायरस से फिर दहशत फैल गई है। एक मरीज में गुइलैन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के लक्षण मिले हैं। उसे इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां इस बीमारी की पुष्टि हो गई है। इसके अलावा 3 और मरीज एम्स में इसी महीने आए हैं। इस त
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विभागीय अधिकारी इसलिए चिंतित हैं, क्योंकि महाराष्ट्र में जीबीएस के केस लगातार बढ़ रहे हैं। मरीज के परिजनों ने बताया कि 3-4 दिन तक पैर सुन्न होने लगे थे, धीरे-धीरे यह समस्या गले तक पहुंच गई। लक्षण दिखते ही उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभी मरीजों के साथ ऐसा हुआ। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि यह रेयर बीमारी है।
रेस्पिरेटरी तक पहुंचने पर वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। इस बीमारी का कोई ज्ञात कारण नहीं है। इसके लक्षण भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं। इलाज भी तय नहीं है, सपोर्टिव इलाज से ही ट्रीटमेंट किया जाता है।
पोस्ट वायरल इंफेक्शन ^यह एक पोस्ट वायरल इंफेक्शन वाली बीमारी है। किसी भी वायरस के अटैक के बाद सर्दी, खांसी, जुकाम जैसी समस्या होती है। कुछ दिन बाद लूज मोशन और अन्य लक्षण दिखते हैं। इम्यून सिस्टम कमजोर होने से नर्व सिस्टम पर वायरस अटैक करता है। इस बीमारी का इलाज महंगा है, इसलिए इसे रेयर बीमारियों की श्रेणी में रखा जाता है। कई बार मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। -डॉ. आरएस यादव, न्यूरोमेडिसिन विभाग
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