घटनाक्रम मध्य प्रदेश के शिवपुरी का है। मंगलवार शाम डैम में हुए हादसे में नाव पलट गई थी। कुल 15 लोग डूबे थे। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। सुबह 55 वर्षीय महिला का शव मिला। पानी के अंदर बहुत अधिक घास होने से गोताखोरों को परेशानी आ रही है।
By Arvind Dubey
Publish Date: Wed, 19 Mar 2025 12:13:57 PM (IST)
Updated Date: Wed, 19 Mar 2025 12:14:59 PM (IST)
HighLights
- ग्रामीणों की मदद से नाव को बाहर निकाला गया
- नाव में फंसे थे दो बच्चों के शव, माहौल हुआ गमगीन
- सुरक्षा इंतजाम नहीं होने से लोगों में नाराजगी
नईदुनिया प्रतिनिधि, शिवपुरी। खनियाधाना थानान्तर्गत रजाव गांव में मंगलवार शाम माताटीला डैम के कैचमेंट एरिया में नाव में पानी भर जाने से 15 लाेग डूब गए थे। इनमें से 8 काे ताे दूसरी नाव के लाेगाें ने जैसे-तैसे बचा लिया था, जबकि 7 काे तलाशने के लिए 18 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था।
बुधवार सुबह 10 बजे 55 वर्षीय शारदा लाेधी का शव पानी में दिखाई दिया, जिसे बाहर निकाल लिया गया। प्रशासन ने जाे गोताखोर पानी में उतारे, वह ताे अधिक गहराई में नहीं जा पाए, लेकिन ग्रामीणों ने जब गहराई में डुबकी लगाई, ताे वहां डूबी हुई नाव दिख गई। जब नाव काे खींचा, ताे उसके नीचे फंसे दाे बच्चाें के शव दिखाई दिए। इस प्रकार तीन शवाें काे बाहर निकाल लिया गया है।
सुबह होते ही तेज हुआ सर्च ऑपरेशन
हंगामे की आशंका काे देखते हुए डेम के पास ही अस्थाई पीएम हाउस बनाया गया है। यहीं पर चिकित्सकों ने शवाें का पीएम किया। घटना के बाद माैके पर पहुंची पुलिस एवं प्रशासन की टीम के साथ स्थानीय ग्रामीणों ने नदी में उतरकर डूबे लाेगाें की तलाश शुरू की।
हालांकि रात हाेने पर रेस्क्यू की रफ्तार धीमी थी, लेकिन सुबह होते ही पूरी ताकत से नदी में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। अब तक शारदा पत्नी इमरत लाेधी उम्र 55 साल, शिवा पुत्र भूरा लाेधी उम्र 8 साल, कान्हा पुत्र कप्तान लाेधी उम्र 7 साल के शव निकाले जा चुके हैं।
स्थानीय लोगों में नाराजगी
हादसे के बाद स्थानीय निवासियों में प्रशासन के प्रति खासी नाराजगी है। रजावन गांव के ग्रामीणों का कहना है कि जहां यह मेला लगता है, वह जगह खिरकिट पंचायत में पड़ती है। ग्रामीणों द्वारा मेले के समय यहां सुरक्षा व्यवस्था करने को लेकर कई बार पंचायत व स्थानीय प्रशासन से मांग की गई है, लेकिन ग्रामीणों की मांग पर कभी कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसी का परिणाम है कि यह गंभीर हादसा घटित हुआ। अगर पंचायत या प्रशासन ने यहां सुरक्षा के इंतजाम किए होते तो यह दुर्घटना नहीं हाेती।
चोटी पकड़ कर बचाई मां और चाची की जान
नाव में सवार 12 वर्षीय बच्चे जानसन की हिम्मत से दो महिलाओं की जान बच गई। अगर वह नहीं होता, तो पानी में डूबने वालों की संख्या बढ़ सकती थी। जानसन का कहना है कि जब वह पानी में हाथ पैर चला कर अपने जीवन को बचाने की जदोजहद में लगा था, तभी उसकी मां सावित्री और चाची उषा ने उसके पैर पकड़ लिए, तभी उसने दोनों की चोटी पकड़ कर उन्हें खींच लिया। इसी दौरान गांव के शीतल भैया नाव लेकर आ गए। उन्होंने सबको नाव में बिठा लिया।
यहां भी क्लिक करें – शिवपुरी में नाव पलटी, महिलाओं-बच्चों सहित सात लोग लापता, आठ को बचाया
पानी के अंदर घास में फंसे शव
प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान गांव के गोताखोरों को पानी के अंदर उतारा, परंतु कोई भी गोताखोर बहुत देर तक अंदर नहीं रह सका। गोताखोर अरविंद का कहना है कि पानी के अंदर काफी बड़ी घास है। जब तक ट्रेंड गोताखोर नहीं आएंगे तब तक शवों को निकालना मुश्किल होगा। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन का कोई भी गोताखोर पानी के अंदर नहीं गया, सिर्फ गांव के ही गोताखोरों को पानी के अंदर उतारा है।
https%3A%2F%2Fwww.naidunia.com%2Fmadhya-pradesh%2Fshivpuri-matatila-dam-accident-3-bodies-found-after-18-hours-of-search-search-for-4-continues-temporary-pm-house-built-in-the-village-8383461
#मतटल #डम #हदस #घट #क #तलश #क #बद #मल #शव #अब #भ #लपत #सल #क #बचच #न #चट #पकड़ #कर #बचई #मचच #क #जन
https://www.naidunia.com/madhya-pradesh/shivpuri-matatila-dam-accident-3-bodies-found-after-18-hours-of-search-search-for-4-continues-temporary-pm-house-built-in-the-village-8383461