तमाम उम्मीदों, दावों के बीच शहर के मास्टर प्लान-2041 का ड्राफ्ट अंतिम चरण में है। शहरी विकास का संविधान कही जाने वाले मास्टर प्लान के कुछ पन्नें अभी लिखे जाने शेष हैं। आठ साल से देरी से 2008 में आए मास्टर प्लान-2021 को खत्म हुए सवा तीन साल हो चुके है
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नए प्लान में क्या-क्या होगा, कितने गांव जुड़ेंगे, क्या अहम बदलाव होंगे इन सभी सवालों के जवाब ढूंढ़ने के लिए भास्कर ने 30 दिन की मशक्कत के बाद मास्टर प्लान-2041 के कुछ प्रमुख हिस्से डिकोड किए। विभिन्न विभागों, एक्सपर्ट व पूर्व प्लानर के साथ इसे समझा। नया मास्टर प्लान टीओडी यानी ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट पर आधारित होगा।
15 मिनट सिटी कॉन्सेप्ट भी इससे जुड़ता है, इसमें आबादी की जरूरत की तमाम चीजें 15 मिनट की दूरी पर उपलब्ध कराई जाती हैं। दो बड़ी चुनौती पार्किंग और ग्रीन बेल्ट पर भी फोकस होगा।
मिक्स क्षेत्र में पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर होगा जोर प्लान में मेट्रो के तीनों रूट डाले गए हैं। ये बढ़ सकते हैं। मेट्रो के आसपास ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट पर फोकस है। मिक्स्ड लैंड यूज का क्षेत्र बढ़ेगा। जहां मिक्स्ड लैंड यूज होगा, वहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कनेक्टिविटी पर जोर होगा। नियमों के सरलीकरण भी फोकस है।
नए मास्टर प्लान में 880 वर्ग किमी प्लानिंग एरिया का होगा
अभी 505 वर्ग , किमी का एरिया है
79 नए गांव जुड़ेंगे तो कुल 169 हो जाएंगे
अभी 90 गांव हैं
पार्किंग पर मिलेंगे अतिरिक्त लाभ बढ़ते शहर को देखते हुए प्लान में पार्किंग को लेकर कुछ नए प्रावधान किए जा रहे हैं। फिर चाहे प्लॉट छोटा हो या बढ़ा। अलग पार्किंग पर एक्स्ट्रा लाभ भी दिए जाएंगे।
नए जुड़ रहे 79 गांव में रोड नेटवर्क बढ़ाने को प्राथमिकता शहर में जो 79 गांव शामिल हो रहे हैं, उनमें वर्तमान गांवों के अलावा कई मंजूरियां पहले ही हो चुकी है। उनमें टाउनशिप से लेकर वेयर हाउस, स्कूल-कॉलेज बने हुए हैं। धारा 16 में 150 से ज्यादा केस की मंजूरी दी जा चुकी है। कुछ बड़े आवासीय लैंड पॉकेट रिजर्व किए जा रहे हैं। ऐसे में प्लान में ज्यादा कुछ करने के लिए नहीं बचा है।
पूरा जोर सभी एरिया को कनेक्ट करने, रोड नेटवर्क स्पष्ट करने और इंफ्रास्ट्रक्चर देने पर है। पूर्वी बायपास की चौड़ाई भी नए सिरे से डिफाइन होगी। पुराने लैंडयूज यथावत रहेंगे – कैलोद कर्ताल, मोरोद सहित अन्य जगह प्रस्तावित मंडियों की जगह यथावत रहेगी। कुमेड़ी में रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट विस्तार की जमीन भी यथावत रहेगी। स्पोर्टस हब की जमीन भी वहीं रहेगी। ट्रांसपोर्ट हब के लिए नई जमीन तलाशी जा रही है।
अब आगे क्या… एरिया और प्रावधान लगभग तय हो चुके हैं। मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलते ही नगरीय प्रशासन विभाग ड्राफ्ट प्लान जारी करेगा। धारा 17 के तहत दावे-आपत्ति बुलाए जाएंगे। जो कमेटी सुनेगी उसमें जनप्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी शामिल होंगे। कमेटी दावे-आपत्तियों पर अपना अभिमत देगी। टीएंडसीपी कमिश्नर इसे फाइनल कर पीएस नगरीय प्रशासन को भेजेंगे। मंत्री की मंजूरी के बाद नोटिफिकेशन जारी होगा।
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