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मिस्का चौधरी ने नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीता

मिस्का चौधरी ने नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीता

Agency:News18 Rajasthan

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यह आयोजन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्पोर्ट क्लाइम्बिंग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है. विजेताओं को एशियन स्पोर्ट क्लाइम्बिंग चैंपियनशिप और ओलंपिक खेलों जैसे अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों के लिए चय…और पढ़ें

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झुंझुनूं की बेटी मिस्का चौधरी ने नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग में गोल्ड और सिल्वर

झुंझुनूं जिले के खालासी गांव की बेटी मिस्का चौधरी ने बेंगलुरु में 18 से 20 जनवरी तक आयोजित 28वीं नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग चैंपियनशिप 2025 में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया. उन्होंने बोल्डर प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल और स्पीड क्लाइंबिंग में सिल्वर मेडल जीतकर क्षेत्र का नाम रोशन किया.मिष्का के दादा जगदीश भडी़या ने बताया कि दसवीं कक्षा की छात्रा मिस्का पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुकी हैं. उन्होंने उत्तरकाशी में 26वीं नेशनल प्रतियोगिता, बेंगलुरु में 27वीं नेशनल प्रतियोगिता और जमशेदपुर में एशियन किड्स चैंपियनशिप में भाग लेकर उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है.

इसके अलावा, मिस्का ने सिंगापुर में आयोजित एशियन यूथ कप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए स्पीड क्लाइंबिंग में अपनी छाप छोड़ी. उनकी इस उपलब्धि से खालासी गांव में उत्सव जैसा माहौल है और हर कोई उनकी सफलता पर गर्व महसूस कर रहा है.आबूसर निवासी मिष्का के नाना फूलचंद चाहर का कहना है कि मिष्का की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे झुंझुनूं जिले के लिए गर्व का विषय है. उनकी इस सफलता से क्षेत्र में खेलों के प्रति नई प्रेरणा और ऊर्जा का संचार होगा.

राष्ट्रीय स्पोर्ट क्लाइम्बिंग चैंपियनशिप का आयोजन
भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन (Indian Mountaineering Foundation – IMF) भारत में राष्ट्रीय स्पोर्ट क्लाइम्बिंग चैंपियनशिप का आयोजन करता है, जो देश के शीर्ष स्पोर्ट क्लाइम्बर्स को प्रतिस्पर्धा का मंच प्रदान करता है. यह चैंपियनशिप हर साल आयोजित होती है और इसमें तीन मुख्य प्रारूप शामिल होते हैं: बोल्डरिंग, स्पीड क्लाइम्बिंग, और लीड क्लाइम्बिंग।प्रतियोगिता में विभिन्न आयु समूहों (जूनियर, सीनियर, और सब-जूनियर) के पुरुष और महिला प्रतिभागी हिस्सा लेते हैं. प्रतिभागियों को विशेष रूप से डिजाइन की गई कृत्रिम दीवारों पर चुनौतीपूर्ण रूट्स को हल करना होता है. स्पीड क्लाइम्बिंग में सबसे तेज समय हासिल करना, बोल्डरिंग में कम प्रयासों में समस्याओं को हल करना, और लीड क्लाइम्बिंग में दीवार के सबसे ऊंचे बिंदु तक पहुंचना प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य होता है.

प्रतिभा दिखाने का मौका
यह आयोजन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्पोर्ट क्लाइम्बिंग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है. विजेताओं को एशियन स्पोर्ट क्लाइम्बिंग चैंपियनशिप और ओलंपिक खेलों जैसे अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों के लिए चयन का अवसर मिलता है. प्रतियोगिता IMF द्वारा स्वीकृत मानकों और अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट क्लाइम्बिंग फेडरेशन (IFSC) के नियमों के अनुसार आयोजित की जाती है. यह चैंपियनशिप न केवल भारत में क्लाइम्बिंग संस्कृति को विकसित करने में मदद करती है. बल्कि नए और उभरते हुए एथलीट्स को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका भी देती है.

स्पोर्ट क्लाइम्बिंग का महत्व
बोल्डरिंग प्रतियोगिता स्पोर्ट क्लाइम्बिंग का एक रोमांचक प्रारूप है, जहां एथलीट्स सीमित समय में विभिन्न चढ़ाई रूट्स (\”प्रॉब्लम्स\”) को हल करने का प्रयास करते हैं. ये प्रॉब्लम्स अलग-अलग कठिनाई स्तर के होते हैं और ऊंचाई आमतौर पर 10-15 फीट तक होती है. प्रतियोगियों को बिना रस्सी या हार्नेस के चढ़ाई करनी होती है, और सुरक्षा के लिए नीचे गद्देदार मैट्स (क्रैश पैड्स) बिछाई जाती हैं. प्रतियोगिता का उद्देश्य कम प्रयासों में और सही तकनीक के साथ प्रॉब्लम्स को टॉप (अंतिम पकड़) तक हल करना होता है. हर प्रॉब्लम को हल करने का स्कोर दिया जाता है.

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मिस्का चौधरी ने नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीता

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