पुलिस ने 5 आरोपियों की गिरफ्तारी की है, 3 अब भी फरार हैं।
मुरैना में 25 नवंबर की देर रात एक मकान में हुए विस्फोट की वजह सामने आ गई है। राठौर कॉलोनी के जिस मकान में विस्फोट हुआ, उसमें 12 बोरी में पोटाश बम रखे हुए थे। पुलिस के मुताबिक, एक बोरी में करीब 500 पोटाश बम थे यानी करीब 6 हजार पोटाश बम में विस्फोट हुआ
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पुलिस ने ब्लास्ट के 42 घंटे बाद 8 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। मकान मालिक आकाश राठौर समेत 5 की गिरफ्तारी की है, 3 आरोपी अब भी फरार हैं। आकाश राठौर ने मुरैना के ही रहने वाले सद्दाम के साथ मिलकर पोटाश बम बनाए थे। बम बनाने में सद्दाम का भाई और उसकी मां भी साथ देते थे।
इस ब्लास्ट से चार मकान मलबे के ढेर में बदल गए। हादसे में चार महिलाओं की मौत हुई जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हैं। दैनिक भास्कर ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजन और घायलों से बात की तो उन्होंने बताया, ‘आकाश राठौर को बम का स्टॉक करने से रोका था तो वह बोला था कि तुम लोग मरो, मुझे तो पैसों से मतलब है।’
जिनके मकान इस ब्लास्ट में ढह गए, वे प्रशासन की आर्थिक सहायता से नाखुश हैं…पढ़िए, ग्राउंड रिपोर्ट
पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोपियों को मीडिया के सामने पेश किया।
जहां विस्फोट हुआ, वहां बर्बादी के निशान भास्कर की टीम सबसे पहले राठौर कॉलोनी में उस जगह पहुंची, जहां विस्फोट हुआ था। यहां दो मकान तो पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो चुके हैं। पहला दो मंजिला मकान आकाश राठौर का है, जहां पोटाश बम स्टॉक कर रखे थे। इस मकान के बगल में धर्मेंद्र राठौर का तीन मंजिला मकान है। ये मकान भी पूरी तरह से ढह गया है।
आकाश राठौर के जिस मकान में विस्फोट हुआ, उसकी ऊपरी मंजिल पर कुशवाह परिवार किराए से रहता था। नीचे का फ्लोर खाली था, जिसमें दिन के वक्त अमूमन ताला लगा रहता था। साथ ही घर के बाएं और पीछे की तरफ बने घरों की दीवारें भी टूट गई हैं।
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पीड़ित बोले- समझ ही नहीं पाए, क्या हुआ हादसे में अपनी मां और बड़ी बहन को खोने वाले राजू कुशवाह ने बताया- जिस कमरे में विस्फोट हुआ, उसमें दिनभर लॉक लगा रहता था। कौन आता था और कौन जाता था, कुछ पता नहीं चलता था। हम तो किराएदार थे।
राजू के चाचा शोभाराम कुशवाह कहते हैं- धमाका इतना तेज था कि पांच गली बाद रहने वाले लोगों के कान भी सुन्न हो गए थे। वे बताते हैं कि धमाके के वक्त राजू, उसकी मां और बड़ी बहन घर पर ही थे। उसकी बहन और मां की जान चली गई। विस्फोट के बाद वो 10 फीट ऊपर उछलकर घर के दूसरे हिस्से में जा गिरा था।
ब्लास्ट हुए घर के दाएं और बाएं बने मकानों में रहने वाले लोगों ने बताया कि मकान मालिक आकाश राठौर सामने वाले घर में रहता था। इस घर की पहली मंजिल को किराए पर दे रखा था। ग्राउंड फ्लोर पर आए दिन कुछ सामान लाता था।
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30 लाख का मकान गिरा, सरकार 2 लाख दे रही जिस मकान में ब्लास्ट हुआ, उसके बगल वाला मकान धर्मेंद्र राठौर का है। ब्लास्ट में धर्मेंद्र की मां विद्या राठौर की मौत हुई है। धर्मेंद्र ने कहा- मैंने अपनी मां को खो दिया है। पिता जी घायल हो गए हैं। पता नहीं, इतना बारूद कहां से आया। हमने इसका विरोध किया तो हमें धमकाया गया था।
धर्मेंद्र कहते हैं कि विस्फोट में मेरा 3 मंजिला मकान ढह गया। इसे बनाने में 30 लाख रुपए खर्च हुए थे। इसमें टाइल्स, ग्रेनाइट, मार्बल, लाइट फिटिंग तमाम चीजें कम्प्लीट थीं। मैंने अपने जीवन की पूरी कमाई इसी में लगा दी थी। घटना के बाद मैंने जो कपड़े पहन रखे हैं, अब मेरे पास वही बचे हैं। सरकार जो 2 लाख रुपए दे रही है, उससे क्या होगा?
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शादी में गए 25 लोगों की जान बच गई ब्लास्ट वाले मकान के आसपास के दो और मकानों की दीवारें ढह गई हैं। यहां रहने वाले शिवराज राठौर ने बताया- 25 तारीख की शाम को हमारे परिवार में शादी थी। परिवार के ज्यादातर सदस्य शादी में गए हुए थे। हमें तो शादी में रात 12 बजे पता चला कि पड़ोस वाले मकान में ब्लास्ट हुआ था।
शिवराज कहते हैं- ये विस्फोट रात 12 बजे की बजाय 1 या दो बजे होता तो करीब 25 लोगों की जान चली जाती। इस समय तक सभी लोग शादी से लौट आए थे। शिवराज कहते हैं कि इस एरिया में पुलिस छापा मारेगी तो यहां 50 से ज्यादा घरों में विस्फोटक सामग्री मिलेगी।
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सद्दाम से पूछताछ के बाद और खुलासे होंगे पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राठौर कॉलोनी ब्लास्ट मामले में कुल 8 आरोपी बनाए गए हैं। 5 की गिरफ्तारी कर ली गई है। तीन की तलाश की जा रही है। एसपी समीर सौरभ के मुताबिक, जिस मकान में विस्फोट हुआ उसके मालिक आकाश राठौर को हिरासत में लिया गया है।
उससे पूछताछ में पता चला है कि उसने अपने एक रिश्तेदार कृष्णा राठौर के साथ मिलकर दिवाली पर पटाखा दुकान लगाई थी। इसी बीच इस्लामपुरा के रहने वाले पंकज नाम के व्यक्ति ने आकाश और कृष्णा की सद्दाम नाम के व्यक्ति से पहचान कराई।
आकाश ने शुरुआत में पुलिस को बताया कि उसने वो मकान सद्दाम को गोदाम के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए दिया था। सख्ती से पूछताछ के बाद सामने आया कि आकाश ने सद्दाम के साथ मिलकर अवैध तरीके से पटाखा बनाने का काम किया था।
इसी कॉलोनी में रहने वाले बैजनाथ पचौरी ने पुलिस को बताया कि इसी मकान में पोटाश बम बनाए जाते थे। आकाश, पोटाश बम की सप्लाई इसी घर से करता था। जब बैजनाथ ने आकाश को समझाया कि वह पोटाश जैसे विस्फोटक स्टॉक न करे, इससे जनहानि हो सकती है तो उसने कहा था कि मुझे जनहानि से कोई मतलब नहीं। मुझे तो पैसा कमाना है।
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आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ है।
राहुल बंसल मुहैया कराता था पोटाश पटाखा बनाने के लिए सद्दाम पोटाश कहां से लाता था, इसकी जानकारी आकाश और कृष्णा को भी नहीं थी। गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि सद्दाम वो पोटाश राहुल बंसल के पास से लाता था। राहुल बंसल 2 साल पहले बामोर में हुई विस्फोट की घटना का नामजद आरोपी था।
ये पूरी सामग्री राहुल बंसल ही सप्लाई करता था। राहुल से पूछताछ जारी है। कुछ ही दिनों पहले सुमावली में जो छोटे ब्लास्ट की घटना हुई थी, उसमें भी राहुल बंसल ही बारूद का सप्लायर था। पुलिस ने सद्दाम की मां को भी हिरासत में लिया है। सद्दाम की मां पटाखे बनाने में मदद करती थी। पूछताछ में उसने ये बात कबूल की है कि मकान में पटाखे बनाए जाते थे और इन्हें स्टोर किया जाता था।
एक महीने पहले भी हुआ था ऐसा हादसा राठौर कॉलोनी से सिर्फ दो किमी दूर है इस्लामपुरा। यहां करीब एक महीने पहले ऐसा ही हादसा हुआ था। उस हादसे में 6 घर ढहे थे और 2 मौतें हुई थीं। एक महीने से ज्यादा वक्त हो गया है लेकिन अब तक इस मामले की जांच रिपोर्ट भी नहीं आ पाई है कि आखिर ये ब्लास्ट किस वजह से हुआ था। पुलिस ने तब आशंका जताई थी कि ब्लास्ट एलपीजी गैस सिलेंडर की वजह से हुआ था।
हालांकि, यहां के लोग सिलेंडर से ब्लास्ट वाली बात से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि यहां भी बारूद या अन्य किसी विस्फोटक के कारण ब्लास्ट हुआ था। सरकार से आर्थिक सहायता नहीं मिलने पर भी लोगों में नाराजगी है।
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एसपी बोले- एफएसएल की रिपोर्ट बाकी इसके बाद दैनिक भास्कर ने एसपी से डेढ़ महीने पहले मुरैना के ही इस्लामपुरा में हुए ब्लास्ट के बारे में पूछा कि उसका क्या अपडेट है? क्या वो ब्लास्ट भी इसी तरह का था? एसपी ने कहा- उस पर हम अभी डिस्कस नहीं करेंगे। एफएसएल की प्राइमरी रिपोर्ट आएगी, उसके बाद ही कुछ बोल पाएंगे। इस मामले में खोखे बरामद हुए थे इसलिए इतनी कार्रवाई कर पाए।
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11 घंटे बाद निकाले जा सके मां-बेटी के शव:मुरैना में मकान में ब्लास्ट से 4 महिलाओं की मौत
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मध्यप्रदेश के मुरैना में मकान में ब्लास्ट से मलबे में दबी दो महिलाओं के शव करीब 11 घंटे बाद मंगलवार को निकाले जा सके। दोनों के बीच मां-बेटी का रिश्ता है। अधिकारियों की पुष्टि के बाद अब हादसे में मृतकों की संख्या 4 हो गई है। दो महिलाओं के शव रात में ही मिल गए थे। पूरी खबर पढ़ें
बेटे को खाना खिलाने रुकी, हो गया ब्लास्ट: मुरैना में लोग बोले-मलबे से आ रही बारूद की गंध
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मुरैना ब्लास्ट में दो परिवार की चार महिलाओं की मौत हो गई। इसमें मां-बेटी और देवरानी-जेठानी शामिल हैं। जिस मां-बेटी की हादसे में मौत हुई है, उन्हें पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए जाना था। इसके लिए बेटी अपने ससुराल आगरा से यहां आई थी। पूरी खबर पढ़ें
दो मंजिला मकान में विस्फोट, मलबे में दबी मां-बेटी:घर में पटाखे बनाने के लिए रखा था बारूद
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मुरैना में एक मकान में विस्फोट हो गया। धमाका इतना तेज था कि मकान भरभराकर गिर गया। आसपास के मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। मलबे में मां और बेटी दब गई। जिसे बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। बताया जा रहा है कि यहां दीपावली के लिए पटाखे बनाने का काम होता था। पूरी खबर पढ़ें
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