खबर मध्य प्रदेश के ग्वालियर से है। मामला 6 साल पुराना है। यहां स्नेहालय संस्था में मूक बधिर युवती के साथ दुष्कर्म हुआ था। कोर्ट केस के दौरान पीड़िता के बयान निर्णायक साबित हुए। हालांकि यह इतना आसान नहीं था। ग्वालियर के एक्सपर्ट जब पीड़िता की बात नहीं समझ पाए, तो इंदौर से ट्रांसलेटर बुलाए गए थे।
By Arvind Dubey
Publish Date: Wed, 25 Dec 2024 10:21:31 AM (IST)
Updated Date: Thu, 26 Dec 2024 12:07:28 AM (IST)
HighLights
- ग्वालियर के बिलौआ क्षेत्र में स्थित है स्नेहालय संस्था
- 2018 में हुआ था मूक बधिर युवती के साथ दुष्कर्म
- संस्था प्रमुख बीके शर्मा सहित अन्य को 10 साल कैद
नईदुनिया प्रतिनिधि,ग्वालियर: बहुचर्चित मूक बधिर बच्चों की संस्था स्नेहालय कांड में 6 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में मूक बधिर युवती के साथ दुष्कर्म करने वाले चौकीदार को मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
इसके अलावा स्नेहालय के संचालक डॉ बीके शर्मा,भावना शर्मा, प्रभा यादव व रवि वाल्मीकि को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया गया है। प्रथम अपर सत्र न्यायालय डबरा की विशेष न्यायाधीश एमपीवीडीके एक्ट ज्योति राजपूत ने यह फैसला दिया है। फैसले में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी पीड़िता और साक्षी के बयान ही बने।
ट्रांसलेटर ने जज के सामने पीड़िता से पूछे सवाल
पीड़िता मूक बधिर थी जिस कारण उसके बयान नहीं हो पा रहे थे, कई ट्रांसलेटरों को बुलाने का प्रयास किया, लेकिन अनुवाद नहीं हो सका। इसके बाद विशेष लोक अभियोजक ने इंदौर से ट्रांसलेटर बुलवाया, जिसके बाद न्यायाधीश के सामने अभियोजक ने पीड़िता से सवाल पूछे और पीड़िता ने ट्रांसलेटर के सामने इशारों में पूरी घटना सामने रख दी। जून 2024 में हुए इन बयानों के आधार पर आरोपियों को सजा हुई।
2018 का मामला, दुष्कर्म कर गर्भपात किया गया
- विशेष लोक अभियोजक अंगराज सिंह कुशवाह ने बताया कि मामला 20 सितंबर 2018 का है। जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव सिंह को सूचना प्राप्त हुई कि स्नेहालय संस्था में मूक बधिर महिला के साथ दुष्कर्म कर गर्भपात किया गया है।
- महिला के भ्रूण को नष्ट भी कर दिया गया। जांच के दौरान पीड़िता अपने कमरे में अर्ध विक्षिप्त अवस्था में मिली। संस्था प्रमुख बीके शर्मा और उनकी पत्नी भावना द्वारा मूक बधिर महिला का गर्भपात किए जाने की जानकारी मिली।
- स्नेहालय सिकरौदा तिराहा झांसी रोड में निवासरत एक बालिका ने 19 सितंबर 2018 को बताया था कि चार-पांच महीने पहले कुटीर के बाहर रात में मूक बधिर पीड़िता के साथ चौकीदार साहब सिंह गुर्जर को आपत्तिजनक स्थिति में देखा था।
- जब इस बात का पता संस्था प्रमुख बीके शर्मा को चला, तो उन्होंने चौकीदार साहब सिंह के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। महिला का गर्भपात कर जो भ्रूण निकला, उसे रवि वाल्मीकि सुपरवाइजर ने जला दिया।
87 दिन में पेश हुआ था चालान
मामले में तत्कालीन टीआई बिलौआ थाना अमित सिंह भदौरिया की टीम ने विवेचना की थी। 87 दिन में पुलिस ने चालान पेश किया। एफआईआर की रात में ही डॉ. बीके शर्मा को पकड़ लिया गया था।
विशेष लोक अभियोजक हरिओम वर्मा ने बताया कि उन्हें इस केस के लिए डबरा पदस्थ किया था व कई दिनों तक ट्रांसलेटर न मिलने से इंदौर से ट्रांसलेटर बुलवाया। एक माह पहले उनका स्थानांतरण हुआ। पीड़िता व साक्षी के बयान के आधार पर इस केस में सजा हुई। मुकदमा 9 पर दर्ज हुआ था।
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