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मूवी रिव्यू-फतेह: एक्टिंग और डायरेक्शन में सोनू ने एक्शन और इमोशनल सीन के बीच संतुलन बनाकर रखा है, लेकिन फर्स्ट हाफ थोड़ा धीमा

25 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी

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सोनू सूद की फिल्म फतेह आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म के जरिए सोनू सूद ने डायरेक्शन में भी डेब्यू किया है। फिल्म में सोनू सूद से साथ जैकलीन फर्नांडिस, नसीरुद्दीन शाह, शिव ज्योति राजपूत, विजय राज और दिब्येंदु भट्टाचार्य की अहम भूमिकाएं हैं। इस फिल्म की लेंथ 2 घंटे 10 मिनट है। दैनिक भास्कर ने इस फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार रेटिंग दी है

फिल्म की कहानी क्या है?

फिल्म की कहानी सोनू सूद के किरदार फतेह के इर्द-गिर्द घूमती है। फतेह एक रिटायर्ड स्पेशल ऑप्स ऑफिसर है, जो पंजाब एक गांव मोगा में साधारण जीवन जी रहा है। वहां वो एक डेयरी फर्म में काम करता है, लेकिन जब एक मासूम लड़की साइबर क्राइम का शिकार होती है, तो वह अपराधियों से लड़ने के लिए अपने अतीत में लौटने को मजबूर हो जाता है। इस लड़ाई में एथिकल हैकर खुशी (जैकलीन फर्नांडिस) उसकी मदद करती है। फिल्म की कहानी इंसाफ, वफादारी और आत्म-संघर्ष जैसे गहरे विषयों को छूती है।

स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?

सोनू सूद ने फतेह के किरदार में जान डाल दी है। उनका आत्मविश्वास, इमोशनल गहराई और एक्शन की परफेक्ट टाइमिंग किरदार को विश्वसनीय बनाती है। जैकलीन फर्नांडिस ने खुशी के किरदार में अपनी भूमिका को ईमानदारी से निभाया है। विजय राज और नसीरुद्दीन शाह ने अपने किरदारों में गहराई जोड़ी है, जबकि दिब्येंदु भट्टाचार्य और प्रकाश बेलावादी जैसे सपोर्टिंग एक्टर्स ने कहानी में जान फूंक दी है।

डायरेक्शन कैसा है?

सोनू सूद ने इस फिल्म से डायरेक्शन में डेब्यू किया है। बतौर डायरेक्टर भी उन्होंने बहुत ही बेहतरीन काम किया है। एक्शन और इमोशनल सीन के बीच उन्होंने संतुलन बनाकर रखा है। हालांकि, फिल्म का पहला हाफ थोड़ा धीमा लगता है, लेकिन सेकेंड हाफ में यह पूरी तरह दर्शकों को बांधने में कामयाब रहती है। फिल्म का लास्ट सीन और डायलॉग देखकर नजरें ठहर जाती है। जब सोनू सूद डायलॉग बोलते है, ‘अगली बार किरदार ईमानदार रखना जनाजा शानदार निकलेगा’। यह दृश्य रोंगटे खड़े कर देने वाला है।

फिल्म का संगीत कैसा है?

फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर शानदार है। हंस जिमर का म्यूजिक और टू द मून ट्रैक फिल्म के इमोशनल और थ्रिलिंग मिजाज को उभारता है। वहीं, कॉल टू लाइफ जैसे गाने फिल्म में इमोशनल कनेक्शन जोड़ते हैं। अरीजीत सिंह और बी प्राक के गानों ने कहानी को और गहराई दी है।

फिल्म का फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं

अगर आप एक्शन और इमोशन का परफेक्ट बैलेंस चाहते हैं, तो यह फिल्म जरूर देखें। मनोरंजन के साथ-साथ यह फिल्म डिजिटल सुरक्षा और ऑनलाइन धोखाधड़ी के प्रति जागरूक करती है।

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2025-01-10 04:39:11
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