ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को खास बनाने के लिए मोहन यादव सरकार ने एमपी की ब्रांडिंग के लोगो में भी बड़ा बदलाव किया है। शिवराज सरकार की टैगलाइन अवसरों की जमीन ( लैंड ऑफ अपॉर्च्युनिटी) को बदलकर इस बार इसकी थीम अनंत संभावनाएं ( इनफिनिट पॉसिबिलिटी) कर दी गई
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इसमें एमपी की पहचान बताने वाले प्रतीकों का इस्तेमाल किया गया है। लोगो में ऊपर की तरफ महाकाल और नीचे की ओर टाइगर दिखाया गया है। साथ ही मेट्रो और सांची का सिंबल भी दिखाया गया है। गुजरात वाइब्रेंट का लोगो डिजाइन करने वाली कंपनी ने ही इसे डिजाइन किया है। 22 दिसंबर को सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसे जारी किया था।
इसके अलावा इस समिट में सोलर एनर्जी पर सबसे ज्यादा फोकस है। सरकार ने तय किया है कि मानव संग्रहालय में हो रहे 2 दिन का पूरा आयोजन कार्बन न्यूट्रल होगा। दो दिन के इवेंट में सोलर पैनल से ग्रिड में आई बिजली का उपयोग होगा। सोलर वाली बिजली के लिए मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीएसआईडीसी) 60 पैसे प्रति यूनिट मंहगी बिजली खरीदेगा।
पिछले साल 22 दिसंबर को उज्जैन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इन्वेस्टर्स समिट के लोगो को जारी किया था।
जानिए कैसे बना लोगो का डिजाइन
इन्वेस्टर्स समिट की थीम है अनंत संभावनाएं। इसी को ध्यान में रखते हुए इनफिनिटी यानी अनंत के चिह्न को इस तरह बनाया है कि ये एमपी के पहले अक्षर M की तरह नजर आए। लोगो के बनने की कहानी की शुरुआत पिछले साल हुई थी। पिछले साल सरकार ने अलग-अलग शहरों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया था। तभी से इसकी प्लानिंग शुरू हो गई थी।
उज्जैन में हुए एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कई कंपनियों से इन्वेस्टर्स समिट के लोगो की डिजाइन मंगवाई थी। अलग-अलग डिजाइन के बीच दो लोगो पर बात अटकी। पहली मध्यप्रदेश के राजकीय वृक्ष बरगद और दूसरा अनंत संभावनाएं दिखाने वाला इनफिनिटी साइन।
आखिरी में इनफिनिटी साइन पर अंतिम सहमति बनी। इसमें क्या–क्या एलिमेंट होंगे, इस पर भी बहुत दिनों तक मशक्कत हुई। मप्र एक टाइगर स्टेट है, साथ ही महाकाल के रूप में अध्यात्म और संस्कृति का केंद्र भी, इसलिए इसमें दो प्रमुख पहचान को शामिल किया गया।
इसके अलावा एरोप्लेन, ट्रेन- रोड कनेक्टिविटी के बीच इंडस्ट्री को भी उकेरा गया है। लोगो डिजाइन करने वाली टीम के लीडर्स कहते हैं कि इस बार ये ज्यादा चुनौतीपूर्ण था। वजह ये है कि राजस्थान, यूपी, गुजरात जैसे राज्यों से एमपी के लिए अलग और बेहतर लोगो बनाना था। इन राज्यों में भी भाजपा सरकार है।
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2023 और 2019 की समिट की अलग-अलग थीम
मध्यप्रदेश में इससे पहले 7 समिट हो चुकी है। पिछली 6 समिट पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में हुई थी। कांग्रेस सरकार में कमलनाथ ने मेग्निफिसेंट एमपी के नाम से समिट का आयोजन किया था। साल 2016 में हुई इन्वेस्टर्स समिट का लोगो अलग था। इसमें एक चक्र के भीतर मप्र का नक्शा बनाया गया था।
इसके बाद 2019 में कमलनाथ सरकार में हुए मेग्निफिसेंट एमपी के लोगो में केवल मप्र की पहचान टाइगर स्टेट को दिखाया गया था। इसकी थीम थी ‘भरोसे की ताकत'( पावर ऑफ ट्रस्ट)। साल 2023 में इंदौर में हुई सातवीं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का लोगो भी बदल दिया गया था।
इसमें मप्र के नक्शे पर एक चक्र बना था। जिसके बीच में लिखा था इन्वेस्ट एमपी और चक्र के आसपास एग्रीकल्चर, स्पोर्ट्स, आईटी, रियल एस्टेट, पावर सेक्टर से जुड़ी इमेज ड्रॉ की गई थी। इस समिट की थीम थी ‘अवसरों की जमीन’ यानी लैंड ऑफ अपॉर्च्युनिटी।
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वाइब्रेंट गुजरात सबसे पुराना, राजस्थान ने हर 5 साल में बदला
इन्वेस्टर्स समिट के लिए सबसे पहले गुजरात ने 2002 में अपना लोगो डिजाइन किया था। इसकी टैग लाइन है ‘वाइब्रेंट गुजरात’। पिछले 23 सालों में इस लोगों में कभी कोई बदलाव नहीं हुआ, जबकि राजस्थान का लोगो हर 5 साल में बदलता रहा है। इसकी वजह ये है कि यहां हर 5 साल में सरकार भी बदली है।
जबकि यूपी में 10 से 12 फरवरी 2023 को हुई समिट की टैग लाइन थी ‘नए इंडिया का ग्रोथ इंजन’। इसके बाद यूपी में कोई नई समिट नहीं हुई है।
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पहली बार एमपी की इन्वेस्टर्स मीट में मोदी और शाह दोनों होंगे
2014 के बाद ये पहली बार होगा जब प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश की किसी इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ करेंगे। 24 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी, तो 25 फरवरी को गृह मंत्री अमित शाह भी आएंगे। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन्वेस्टर्स में एमपी के प्रति भरोसा दिखाने के लिए मोदी-शाह आ रहे हैं।यही वजह है कि समिट से पहले अलग-अलग विभागों की पॉलिसी में बदलाव किया गया है।
इसमें इन्वेस्टर्स के लिए कई तरह की सहूलियतें लाई गई हैं। इसके अलावा इस समिट में विभागों की अलग-अलग समिट होगी। इसमें फोकस्ड सेक्टर वाले रिन्युएबल एनर्जी, शहरी विकास, आईटी, एमएसएमई-स्टार्टअप के अधिकारी अपने विभागों की पॉलिसी और सहूलियतें इन्वेस्टर्स को बताएंगे कि मध्यप्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में क्या बेहतर है।
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दो दिन तक सोलर एनर्जी का इस्तेमाल
सरकार इन्वेस्टर्स को बताना चाहती है कि कारोबार के नजरिए से मप्र सबसे बेहतर राज्य है। साथ ही इनोवेटिव सोच को भी दिखाना चाहती है। इसके लिए 24 और 25 फरवरी को समिट में सोलर एनर्जी का इस्तेमाल होगा। मध्यप्रदेश में 2028 तक 20 हजार मेगावाट सोलर एनर्जी प्रोडक्शन का टारगेट रखा गया है। वर्तमान में 3308 मेगावाट बिजली सोलर से बन रही है। 2012 में ये सिर्फ 37 मेगावाट थी।
देश की कुल सोलर एनर्जी में 8.2 फीसदी एमपी प्रोड्यूस कर रहा है। देश में ये चौथे स्थान पर है। इसके अलावा बिजली में भी एमपी अब सरप्लस स्टेट हो गया है। बिजली उत्पादन 23 हजार मेगावाट है, जबकि अधिकतम उत्पादन 19 हजार मेगावाट है।
जिस मानव संग्रहालय में ये इवेंट हो रहा है, वहां का 80 फीसदी एरिया हरियाली वाला है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ये भी कहा है कि जापान की तरह इस इवेंट में भी पानी की बोतल और खाने के लिए कागज के बने टेट्रा पैक इस्तेमाल किए जाएंगे।
इसके अलावा पूरे इवेंट को ग्रीन दिखाने के लिए संग्रहालय के भीतर पेट्रोल–डीजल गाड़ियों पर रोक लगाई गई है। मेहमानों को यहां ई–व्हीकल से लाया जाएगा।
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ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में डेढ़ घंटे रहेंगे पीएम मोदी:अदाणी-बिड़ला और अंबानी भी आएंगे; अब तक 20 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन
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भोपाल में 24-25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। पीएम समिट स्थल मानव संग्रहालय में सुबह 10 से 11.30 बजे तक रहेंगे। शेड्यूल के मुताबिक, पीएम 23 फरवरी की रात में भोपाल आ सकते हैं। वे राजभवन में रुकेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और सीएम डॉ. मोहन यादव देश-विदेश के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ राजभवन में डिनर भी करेंगे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-रिन्युएबल एनर्जी पर 10 घंटे होगी बात:500 उद्योगपति और अफसर शामिल होंगे; अंबानी-अडाणी कर सकते हैं इंवेस्ट
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ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) में इंवेस्टर्स का सबसे ज्यादा फोकस न्यू एंड रिन्युएबल एनर्जी यानी नवीकरणीय ऊर्जा पर रहेगा। 24 और 25 फरवरी को कुल साढ़े 13 घंटे चलने वाली समिट में अकेले रिन्युएबल एनर्जी पर ही साढ़े 10 घंटे बात होगी। अंबानी-अदाणी जैसे बड़े ग्रुप भी इस सेक्टर में निवेश कर सकते हैं। पिछली 7 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में भी यही फोकस एरिया रहा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
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