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मोहन भागवत ने परिवार को मजबूत बनाने के टिप्स दिए: ओंकारेश्वर RSS प्रमुख बोले- भारत माता की पूजा का मतलब जल, जमीन, जंगल की सुरक्षा करना – Khandwa News

मोहन भागवत ने कहा कि पर्यावरण और जैव विविधता का संरक्षण और संवर्धन भारत माता पूजन से मिलने वाली प्रेरणा हैं। 

ओंकारेश्वर में आयोजित संघ की कुटुंब प्रबोधन गतिविधि की अखिल भारतीय बैठक का रविवार को समापन हो गया। नर्मदा तट स्थित मार्कंडेय आश्रम पर भारत माता व आदि शंकराचार्य का पूजन किया गया। इस दौरान RSS प्रमुख मोहन भागवत ने भारत माता पूजन का महत्व और उद्देश्य ब

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सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि भारत भूमि हमारा पालन-पोषण, संरक्षण और संवर्धन करती है। भारत भूमि में जन्म लेने वाले प्रत्येक जन में सेवा का स्वाभाविक संस्कार है। भारत माता का पूजन मतलब भारत में रहने वाले जन, जमीन, जंगल, जल और जानवरों की सेवा और सुरक्षा करना है। पर्यावरण और जैव विविधता का संरक्षण और संवर्धन भारत माता पूजन से मिलने वाली प्रेरणा हैं।

RSS प्रमुख ने एकांत में अध्यात्म साधना और लोकांत में समाज सेवा का आह्वान किया। गृहस्थ आश्रम को धर्म की धुरी बताते हुए कहा कि जो जिस भी स्थित में है, उसे समाज की सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए। जिस प्रकार गरूड़ ने माता की सेवा से देवता का वाहन बनने का आशीर्वाद पाया, उसी प्रकार हम भी भारत माता की सेवा के आशीर्वाद से धर्म के वाहक बनने में समर्थ हो।

आयोजक न्यास ने सरसंघचालक मोहन भागवत का स्वागत किया।

परिवार की मजबूती के लिए 6 प्रकार के ‘भ’ बताए भागवत ने परिवार को मजबूत बनाए रखने के लिए छ: प्रकार के ‘भ’ पर काम करने के लिए बताया। भोजन, भजन, भाषा, भूषा, भ्रमण और भवन इन सभी बातों को लेकर प्रत्येक परिवार को काम करना होगा। साथ ही साथ आज के वर्तमान समय में बच्चों में जो विकृति दिखाई देती है, उसका सबसे बड़ा कारण मोबाइल का बड़ी मात्रा में उपयोग ध्यान में आता है।

विश्व एक देह, भारत देश उसकी आत्मा है भागवत ने कहा कि यह पूरा विश्व एक देह है और उसकी आत्मा हमारा भारत देश है। कुटुंब प्रबोधन गतिविधि का कार्य में देशभर में मातृशक्ति समान रूप से करती है। देश की कई प्रांतों में महिलाओं द्वारा बड़े स्तर पर अनेक प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साथ ही आने वाले समय में मातृशक्ति की सहभागिता को बढ़ाने के लिए भी आह्वान किया गया।

आदिगुरू शंकराचार्य और भारत माता का पूजन किया गया।

आदिगुरू शंकराचार्य और भारत माता का पूजन किया गया।

भारतीय परिवार सृष्टि की सबसे अनुपम रचना कुटुंब प्रबोधन गतिविधि की अखिल भारतीय बैठक में पिछले 3 दिनों से समर्थ कुटुंब व्यवस्था को लेकर विभिन्न प्रकार के विषयों पर चर्चा की गई। बताया गया कि सृष्टि की सबसे अनुपम रचनाओं में एक भारतीय परिवार की रचना है।

भारतीय परिवारों को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्य कुटुंब प्रबोधन गतिविधि द्वारा किए जाते हैं। कुटुंब मित्रों का परिवारों में आना जाना, परिवारों से सकारात्मक चर्चा करना, ऐसे कई अलग-अलग क्रियाकलापों द्वारा कुटुंब व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का काम किया जाता है।

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