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यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा ले जाने भोपाल और पीथमपुर के बीच बनेगा 250 किमी का ग्रीन कॉरीडोर

कचरे को पेकिंग करने से पहले उसके नमूने लिए गए है। फैक्ट्री में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम मौजूद हैं। यहां बोर्ड की चलित प्रयोगशाला भी उपलब्ध है। इधर पीथमपुर में विरोध को देखते हुए अभी यह साफ नहीं किया जा रहा कि कचरा कब ले जाया जाएगा।

By Prashant Pandey

Publish Date: Mon, 30 Dec 2024 03:05:54 PM (IST)

Updated Date: Mon, 30 Dec 2024 03:25:02 PM (IST)

यूनियन कार्बाइड कंपनी के करीब ट्रक आकर खड़े हो गए हैं।

HighLights

  1. अधिकारी नहीं कर रहे समय की घोषणा, उच्च स्तर पर होगा समय का फैसला।
  2. जहरीले कचरे की पैकिेंग की जा रही है, इसे कंटेनर में भरकर भेजा जाएगा।
  3. सूचना मिलने के बाद गैस पीड़ित संगठनों के सदस्य भी यहां पर पहुंच गए थे।

नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल(Union Carbides Toxic Waste)। 40 साल बाद वो दिन भी आ गया, जिसका इंतजार सभी को था। तमाम कवायदों यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में मौजूद 337 टन जहरीले कचरे का निष्पादन पीथमपुर स्थित रामकी फैक्ट्री में करने की तैयारी शुरू हो गई है। रविवार को सुबह से ही अधिकारियों ने दल-बल के साथ फैक्ट्री में डेरा डाल दिया और मजदूरों को दिशा-निर्देश देना शुरू कर दिए।

कंटेनर भी कतार में खड़े हो गए, यह सभी कंटेनर 250 किलोमीटर के ग्रीन कॉरीडोर से एक साथ गुजेरेंगे। इनको लेकर अभी समय की अधिकारियों ने कोई घोषणा नहीं की है। हालांकि वह यह दावा किया जा रहा है कि जैसे ही कंटेनर तैयार हो जाएंगे, उसी के अनुसार जिलों की पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों की मदद से तत्काल निर्णय लेकर ग्रीन कॉरीडोर बनाया जाएगा।

फैक्ट्री के आसपास भीड़ जमा हो गई थी

बता दें कि रविवार को देर रात तक कचरे की पेकिंग और कंटेनरों में अपलोड करने की प्रक्रिया चलती रही। इस दौरान जिला प्रशासन, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी मौजूद थे। वहीं दिनभर कचरा उठाने की प्रक्रिया को देखने लोगों का हुजूम फैक्ट्री आसपास जमा हो गया था।

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यह है संभावित मार्ग

कंटेनर पर यूनिक नंबर सूत्रों के अनुसार कंटेनरों को पीथमपुर ले जाने के लिए बनने वाला कारीडोर संभावित मार्ग पर बनाया जा सकता है। इसके लिए फैक्ट्री से कंटेनर निकलने के बाद करोंद मंडी होते हुए करोंद चौराहा पहुंचेंगे, यहां से गांधीनगर से सीधे फंदा टोल नाका के आगे इंदौर बायपास से होते हुए पीथमपुर के लिए रवाना हो जाएंगे।

सभी कंटेनर का एक यूनिक नंबर रहेगा, जिससे जिले के पुलिस व प्रशासन के अधिकारी इनकी पहचान पुख्ता कर सकेंगे। इसके लिए जिलों की पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को अलर्ट किया गया है। देर रात तक कंटेनरों को भरने का काम जारी रहा। इस दौरान सघन सुरक्षा रही।

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सुबह से पहुंचे कंपनी के अधिकारी

रविवार सुबह रामकी कंपनी के अधिकारी फैक्ट्री में पहुंच गए थे। यहां पर स्वास्थ्य सुविधा के लिए एक एंबुलेंस और डाक्टरों की टीम तैनात की गई है। इनके द्वारा कचरा पेकिंग कर रहे कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है। सभी कर्मचारियों को सुरक्षा किट, मास्क आदि उपकरण दिए गए हैं। इसके बाद भी यदि किसी का स्वास्थ्य बिगड़ता है तो उसे तत्काल मौके पर ही उपचार दिया जाएगा।

गैस पीड़ित संगठन बोले खत्म नहीं होगा कचरा

कचरा ले जाने की कार्रवाई शुरू होने की भनक लगते ही गैस पीड़ित संगठनों के सदस्य भी पहुंच गए थे। उनका दावा है कि 337 टन कचरा यहां मौजूद कचरे का एक प्रतिशत भी नहीं है। भोपाल ग्रुप फार इंफार्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने बताया कि यहां एक तालाब में जहरीला कचरा फेंका गया था। साथ ही 36 एकड़ जमीन में जहरीला कचरा दफन है। ऐसे में परिसर से कचरा इतनी आसानी से खत्म नहीं होगा।

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