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रंग-बिरंगी रोशनी से जगमग हुआ आकाश: ग्वालियर में दीपावली की धूम; घर-घर जले दीप, जमकर आतिशबाजी – Gwalior News

ग्वालियर में गुरुवार को दीपावली मनाई गई है। दीपावली 31 अक्टूबर या 1 नवंबर की मनाई जाए, इसको लेकर उलझन थी, लेकिन शहर के सभी बड़े मंदिर, आश्रम और सरकारी दफ्तरों में गुरुवार (31 अक्टूबर) को ही दीपावली का त्योहार मनाया गया है। रात में रंग-बिरंगी रोशनियों

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रात 8 बजे शहर के लोगों ने शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन कर दीप जलाए, फिर बच्चों – बड़ों ने जमकर पटाखे चलाए। लोग एक – दूसरे को शुभकामनाएं देते नजर आए। पूरा शहर रंग बिरंगी रोशनी से नहाया नजर आ रहा है। हर तरफ सिर्फ रोशनी और खुशहाली है। दीपावली के दिन भी रात तक बाजारों में खरीदारी करने वाले नजर आए हैं।

दीपावली पर गुरुवार को सुबह से ही उत्साह का माहौल रहा। शहरवासी सुबह से ही लक्ष्मीजी के पूजन के लिए अपनी दुकानों, मकानों की सफाई करते देखे गए। सुबह से ही शहर में ठेले वाले अशोक के पत्ते, माला आदि लेकर खड़े हो गए थे। लोगों ने पत्ते, फूल आदि खरीदकर दुकानों, मकानों पर सजाए। लोगों ने अपनी दुकानों, मकानों और ऑफिसों में लक्ष्मी जी का पूजन पूरे विधि विधान से किया। शाम होते ही दीपावली की असली चमक नजर आई।

शहर में आतिशबाजी।

शुभ मुहूर्त में पूजन कर मनाई दीपावली शहर के लोगों ने शुभ मुहूर्त में पूजन कर दीपावली का त्योहार मनाया है। पूजन के बाद परिवार में मिठाइयां बांटी गई और फिर आतिशबाजी की गई। पंडित मुकेश कुमार गौड के अनुसार

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गुरुवार को दीपावली पूजन के लिए प्रदोष बेला शाम 5.29 बजे से 7.53 बजे तक और वृषभ स्थिर लगन शाम 6.17 बजे से रात 8.14 बजे तक रही। सिंह स्थिर लगन रात्रि 12.45 बजे से आधी रात 3 बजे तक रहेगी। ग्वालियर में ज्यादातर पूजन 8 बजे से 8.30 बजे तक हो गया था।

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घर-घर जले दीप, राम मंदिर के बाहर 108 दीप की माला सजाई गई।

घर-घर जले दीप, राम मंदिर के बाहर 108 दीप की माला सजाई गई।

100 साल में 17वीं बार मनी गुरुवार को दीपावली अधिकांश जगह पर दीपावली गुरुवार (31 अक्टूबर) को ही मनाई गई है। पिछले 100 साल में यानी साल 1923 से 2024 तक 100 साल में दीपावली अब तक 17वीं बार मनाई जा चुकी है। इसके साथ ही 31 अक्टूबर को दीपावली की बात करें तो यह संयोग 100 साल में 6वीं बार आया है।

100 साल में अक्टूबर में 53 और नवंबर में 47 बार दीपावली का त्योहार मनाया गया है। एक रोचक तथ्य और है कि बीते 100 साल में 8 बार ऐसा संयोग बना है कि अमावस्या तिथि दो दिन पड़ने पर दीपावली का त्योहार इस साल की तरह दो दिन मनाई गई है।

शहरवासियों ने जमकर की आतिशबाजी हालांकि पटाखों से प्रदूषण होता है, लेकिन पूरे साल का एक बड़ा त्योहार दीपावली है। दीपावली पर बच्चों से लेकर बड़ों ने जमकर पटाखे फोड़े। वैसे इस बार कम शोर व धुएं के पटाखों पर ज्यादा ध्यान रहा, लेकिन इसके बाद भी कोई पीछे नहीं रहना चाहता था। देर रात तक आसमान पटाखों की रंगबिरंगी रोशनी से नहाया हुआ नजर आया है।

घर-घर दीप जलाकर सजाते हुए शहरवासी

घर-घर दीप जलाकर सजाते हुए शहरवासी

सामाजिक समरसता से आरएसएस प्रमुख ने मनाई दीपावली ग्वालियर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का चार दिवसीय विविध संगठन प्रचारक वर्ग चल रहा है। यह गुरुवार सुबह दीपावली के पावन मौके पर शुरू हुआ है। यहां दिन भर कई सामाजिक मुद्दों पर पर मंथन के बाद शाम को दीपावली का का त्योहार सादगी के साथ मनाया गया है। आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत की केदारपुर धाम में दीपावली खास और अलग रही है।

यहां सामाजिक समरसता के साथ दीपावली मनाई गई है। इसके लिए संघ कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर रोटी, नमकीन, मिष्ठान व दीपावली के पकवान मांगे हैं। यह पूरी सामग्री केदारपुर धाम पर जमा कर ली गई थी। इसी सामग्री से शाम को शुभ मुहूर्त में दीपावली पूजन किया गया है। ऐसा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा इसलिए किया गया है, जिससे सामाजिक समरस्ता का व्यवहार बना रहे।

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