महिलाओं ने 10 परिक्रमा कर कच्चे सूत का धागा वृक्ष पर लपेटा।
राजगढ़ में सोमवार को महिलाओं ने परिवार की खुशहाली और परेशानियों से मुक्ति के लिए दशा माता व्रत रखा। परंपरागत रीति-रिवाजों के अनुसार, महिलाओं ने पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर पूजन-अर्चन किया। उन्होंने 10 परिक्रमा कर कच्चे सूत का धागा वृक्ष पर लपेटा और द
.
खिलचीपुर नगर में भी यह व्रत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। सुबह से ही महिलाएं पारंपरिक परिधान में सजी-धजी, पूजन सामग्री के साथ गाड़गंगा नदी के तट पर पीपल के वृक्ष के पास एकत्रित हुईं। विधिपूर्वक पूजन के बाद उन्होंने पीपल की 10 परिक्रमा की और कच्चा सूत लपेटा।
पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर दशा माता की कथा सुनी।
महिलाओं ने दशा माता की कथा सुनी इसके बाद हल्दी से रंगे धागे को गले में बांधकर परिवार की सुख-समृद्धि और हर संकट से रक्षा की प्रार्थना की। पूजन के बाद महिलाओं ने पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर दशा माता की कथा सुनी। कथा में व्रत की महत्ता, पारिवारिक समृद्धि और गृहस्थ जीवन में शांति बनाए रखने के महत्व पर चर्चा की गई।
दशा माता व्रत का धार्मिक महत्व दशा माता व्रत को लेकर मान्यता है कि इसे करने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और जीवन की परेशानियां दूर होती हैं। इस व्रत में महिलाएं गले में पीला धागा धारण करती हैं, जिसे पूरे वर्ष पहनने की परंपरा है। अगर कोई इसे सालभर धारण न कर सके, तो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में किसी शुभ दिन इसे दशा माता के चरणों में अर्पित किया जाता है। महिलाओं ने इस व्रत को हर वर्ष श्रद्धा और भक्ति के साथ करने का संकल्प लिया।
#रजगढ #म #दश #मत #वरत #पर #महलओ #न #क #पज #पपल #क #परकरम #कर #लपट #कचच #सत #पड़ #क #नच #बठकरसन #कथ #rajgarh #News
#रजगढ #म #दश #मत #वरत #पर #महलओ #न #क #पज #पपल #क #परकरम #कर #लपट #कचच #सत #पड़ #क #नच #बठकरसन #कथ #rajgarh #News
Source link