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राज्यपाल ने प्रदान की ग्रामोदय के विद्यार्थियों को उपाधि: बोले- समृद्धि और सफलता के साथ उदारता प्राप्त करना भी आवश्यक – Satna News

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प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि पुरुषार्थ से समृद्धि और सफलता तो पाई जा सकती है लेकिन उसके उदारता हासिल करना भी आवश्यक है। मौजूदा समय में लक्ष्य से भटकाने वाले पथ भ्रमित करने वाले आकर्षण बहुतायत में समाज मे हैं लेकिन हमें इनसे बचते हुए अ

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राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने ये बातें महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट के 12वें दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कुलाधिपति के तौर पर अध्यक्ष की आसंदी से कहीं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार मंचासीन रहे। इस अवसर पर राज्यपाल ने 26 छात्रों को शोध उपाधि, 32 उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पदक और 1 विद्यार्थी को नानाजी मेडल प्रदान किया। इसके अलावा स्नातक-स्नातकोत्तर के 610 विद्यार्थियों को भी डिग्री प्रदान की गईं।

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति व प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विद्यार्थियों से कहा कि अच्छी शिक्षा प्राप्त कर आप अच्छी नौकरी पाएं – उच्च पदों पर आसीन हों लेकिन सफलता के शिखर पर पहुंच कर अपने माता-पिता, शिक्षक, समाज और देश को कभी न भूलें। क्योंकि आपको मुकाम तक पहुंचाने में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। राज्यपाल ने अपने भाषण के दौरान विश्वविद्यालय कनसंस्थापक दिवंगत नाना जी देशमुख का स्मरण करते हुए कहा कि ये विश्वविद्यालय नाना जी का है। वे जहां भी हैं ,हमे देख रहे हैं। हमारे कार्यों से उन्हें शांति और संतोष की अनुभूति होनी चाहिए। जैसे चित्रकूट के कण-कण में नानाजी की उदारता और उनकी संकल्प शक्ति के दर्शन होते हैं वैसे ही आपके कार्यों से आपकी और आपके विश्वविद्यालय की कीर्ति दूर-दूर तक पहुंचना चाहिए।

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि भारतीयता और भारतीय मूल्य उच्च शिक्षा के मूल में रहें यही नानाजी का चिंतन था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से हमें भारतीयता से अनुप्राणित शिक्षा व्यवस्था दी है। मध्य प्रदेश ने इसे समग्रता से लागू करने में सफलता प्राप्त की है। जिसमें ग्रामोदय विश्वविद्यालय का भी महत्वपूर्ण स्थान है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों की चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि इसके अधिकांश प्रावधानों पर तीन दशक पहले ही नानाजी के चिंतन के कारण ग्रामोदय विश्वविद्यालय में कार्य प्रारम्भ हो गया था। उन्होने उपाधि धारकों से नानाजी के आदर्शो को अपनाने का आह्वान भी किया।

विश्वविद्यालय के कुल गुरू प्रो भरत मिश्रा ने स्वागत भाषण में प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा, शोध, प्रसार और प्रशिक्षण के परम्परागत आयामों के साथ-साथ संसाधन सृजन का नया आयाम जुड़ा है। विश्वविद्यालय ने तीन दशकों की अपनी उपलब्धि पूर्ण यात्रा में इन सभी आयामों पर महत्वपूर्ण काम किया है।

निकली दीक्षांत शोभायात्रा दीक्षांत परम्परा के अनुसार शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। शोभा यात्रा का नेतृत्व मंच पर जाते समय कुलसचिव नीरजा नामदेव ने किया। साथ में प्रबन्ध मंडल और विद्यापरिषद के सदस्यों के साथ संकाय अधिष्ठाता भी सहभागी रहे। भारतीय परम्परागत वेशभूषा में सजे अतिथियों से शोभायात्रा की रौनक देखते ही बनती थी। रंगीन केसरिया साफा, कुर्ता पायजामा में जैसे भारतीय संस्कृति जीवंत हो उठी।

नाना जी को दो श्रद्धांजलि भारत रत्न नाना जी देशमुख की 108 वी जयंती के मौके पर महामहिम राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने चित्रकूट में आरोग्यधाम डी आर आई स्थित नाना जी देशमुख की प्रतिमा पर पुष्प अर्चन कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

ग्रामदर्शन का लोकार्पण परिसर में प्रवेश के साथ ही राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने ग्रामोदय से राष्ट्रोदय की थीम पर आधारित ग्रामदर्शन प्रकल्प और कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्र ‘महर्षि पाराशर भवन’ का लोकार्पण किया।

देखें कार्यक्रम की तस्वीरें…

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