शहर में होने वाले विकास कार्यों के हाल ऐसे हैं कि बजट हैं, निर्माण कार्य के टेंडर भी हो चुके पर उनकी स्वीकृति जारी नहीं हाे पाई है। इसके चलते 42 करोड़ 50 लाख रुपए के निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाए हैं। इनमें कुछ कार्य तो ऐसे हैं, जिनके टेंडर 8 से 12
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प्रक्रियाओं में टेंडर व वर्कऑर्डर के उलझे होने से शहर के विकास कार्य तो प्रभावित हो ही रहे हैं, शहरवासी मिलने वाली सुविधाओं से वंचित भी हो रहे हैं। आधे-अधूरे निर्माण क्षेत्र के लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। इससे उनका आवागमन प्रभावित हो रहा है। शॉपिंग कॉम्प्लेक्स से लेकर आवासीय मल्टी व सड़कों का चौड़ीकरण, उद्यान, सागर, सरोवर व तालाबों के विकास कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं।
इसका असर सीधे नागरिक व व्यवसायिक सुविधाओं पर पड़ रहा है। शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण होने से व्यापारी अपना व्यापार शुरू कर सकेंगे। इससे शहर में आर्थिक ग्रोथ हो सकेगी। बावजूद इसके कार्यों को शुरू नहीं करवाया जा रहा है।
जानिए… इन 9 कार्यों के हाल, कहीं स्वीकृति नहीं तो कहीं धीमा काम
1. सांवेर रोड पर व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स का टेंडर हुए तीन माह से अधिक समय हो गया है, जिसकी स्वीकृति अब तक नहीं हुई है। निगम दुकान संचालकों से राशि भी जमा करवा चुका है। इसी कॉम्प्लेक्स से होने वाली आय से कानीपुरा क्षेत्र में मल्टी का निर्माण किया जाना है। 2. गंधर्व तालाब का निर्माण कार्य दो साल से अधूरा पड़ा है। निर्माण कार्य के लिए फिर से टेंडर किया गया, जिसमें भी दो माह बीत चुके हैं, जिसकी स्वीकृति जारी नहीं की गई है। 3. ऑडिटोरियम के निर्माण कार्य का टेंडर 12 माह पहले हुआ था, जिसका कार्य भी अब तक शुरू नहीं हो पाया है। आगर रोड पर गाड़ी अड्डा के समीप सरकारी जमीन को चिह्नित किया जा चुका है, जिस पर निर्माण की स्वीकृति कलेक्टर नीरजकुमार सिंह दे चुके हैं। 4. पारस तालाब के डेवलपमेंट का कार्य भैरवगढ़ क्षेत्र में किया जाना है, जिसका टेंडर हुए तीन माह बीत चुके हैं। इसकी भी स्वीकृति अब तक नहीं जारी हुई है। ऐसे में कार्य शुरू नहीं हो पाया है। 5. श्रीराम जनार्दन मंदिर क्षेत्र में विष्णु सागर का डेवलपमेंट कार्य प्रस्तावित है। इसका टेंडर हो चुका है। इसकी स्वीकृति जारी नहीं की गई है। 6. विक्रम सरोवर का डेवलपमेंट कार्य के लिए टेंडर हो चुका है। इसकी स्वीकृति जारी नहीं की गई है। इस वजह से कार्य शुरू नहीं हो पाया है। 7. फाजलपुरा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। इससे नगर निगम को आय होना है, बावजूद इसके कार्यों को गति से करवाने पर फोकस नहीं किया जा रहा है। 8. कालिदास उद्यान के डेवलपमेंट का कार्य करीब 1 करोड़ 50 लाख से होना है। इसका टेंडर हुए आठ माह से ज्यादा समय बीत चुका है। अब तक स्वीकृत नहीं हुआ है। 9. सिंधी कॉलोनी को चौड़ा किए जाने और बीच में डिवाइडर का निर्माण भी पिछले छह माह से धीमी गति से चल रहा है। साइड इंजीनियर को हटाने के बाद भी निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है।
कामों में प्रोग्रेस है, गंधर्व तालाब का रि-टेंडर किया है सिंधी कॉलोनी रोड के काम में प्रोग्रेस है। रही बात सांवेर रोड शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की तो उसका सिंगल टेंडर आया था। कालिदास उद्यान के टेंडर में टेक्निकल ईश्यू है। गंधर्व तालाब का रि-टेंडर कर दिया है – आशीष पाठक, आयुक्त नगर निगम
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