सिंगापुर2 मिनट पहले
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भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश पहले मुकाबले के बाद 0-1 से पिछड़ गए हैं।
भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश सिंगापुर में चल रहे वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का पहला मैच हार गए हैं। उन्हें मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन ने हराया। इस हार के बाद भारतीय स्टार 14 मैच तक चलने वाले मुकाबले में 0-1 से पिछड़ गया है। वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के इतिहास में पहली बार ऐसा है कि दो एशियाई खिलाड़ी वर्ल्ड विजेता बनने के लिए एक-दूसरे से भिड़ रहे हैं।
18 साल के गुकेश ने सफेद मोहरों से शुरुआत की। उन्होंने गेम की शुरुआत में ही राजा के आगे वाले प्यादे को दो घर चलकर गलती कर दी। लिरेन ने इसका जवाब ‘फ्रेंच डिफेंस’ से दिया। गुकेश ने वही रणनीति अपनाई जो विश्वनाथन आनंद ने 2001 में स्पेन के एलेक्सी शिरोव के खिलाफ पहला वर्ल्ड चैम्पियनशिप खिताब जीतने के समय अपनाई थी।
गुकेश को 12वीं चाल तक आधे घंटे का फायदा था, लेकिन 8 चाल बाद लिरेन को अतिरक्त मिनट मिले, जिससे साबित हो गया कि वे शुरुआत की अपनी चुनौती से पार पा चुके हैं। इसके बाद उन्होंने दमदार वापसी करके 42 चालों में जीत दर्ज की।
2 फोटो देखिए…
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भारतीय ग्रैंडमास्टर गुकेश ने सफेद मोहरों से आक्रामक शुरुआत की।
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डी गुकेश को चीन के ग्रैंडमास्टर डिंग लिरेन ने हराया।
फाइनल मुकाबले में 14 राउंड होंगे फाइनल में 14 राउंड होंगे, जरूरत पड़ने पर टाईब्रेकर्स भी होगा। गुकेश और डिंग को एक गेम जीतने पर 1 पॉइंट और एक ड्रॉ पर 0.5 पॉइंट मिलेगा। चैंपियनशिप जीतने के लिए 7.5 पॉइंट की जरूरत है। अगर स्कोर 14 राउंड बाद टाई रहता है, तो फास्टर टाइम कंट्रोल के साथ टाईब्रेकर्स के जरिए विजेता घोषित किया जाएगा।
गुकेश पर नजरें, जीते तो वर्ल्ड चैंपियन बनेंगे इस मुकाबले में सभी की नजरें युवा डी गुकेश पर होंगी, यदि वे वर्ल्ड चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को मात देने में कामयाब हो जाते हैं, तो वर्ल्ड चैंपियन बन जाएंगे। वे ऐसा करने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। विश्वनाथन आनंद 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन बन चुके हैं।
गुकेश ने अप्रैल में टोरंटो में कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीता था। वे ऐसा करने वाले सबसे युवा (17 साल) खिलाड़ी बने थे। गुकेश से पहले रूसी खिलाड़ी गैरी कास्परोव ने 1984 में सबसे कम उम्र 22 साल में यह टूर्नामेंट जीता था।
कौन हैं डी गुकेश गुकेश डी का पूरा नाम डोमाराजू गुकेश है और वे चेन्नई के रहने वाले हैं। गुकेश का जन्म चेन्नई में 7 मई 2006 को हुआ था। उन्होंने 7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उन्हें शुरू में भास्कर नागैया ने कोचिंग दी थी।
नागैया इंटरनेशनल स्तर के चेस खिलाड़ी रहे हैं और चेन्नई में चेस के होम ट्यूटर हैं। इसके बाद विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को खेल की जानकारी देने के साथ कोचिंग दी। गुकेश के पिता डॉक्टर हैं और मां पेशे से माइक्रोबायोलोजिस्ट हैं।
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