प्रदूषण जांच केंद्र के नाम पर बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। परिवहन विभाग ने जब से ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर शुरू किया है, तब से प्रदूषण सेंटर को वाहन पोर्टल से लिंक होना अनिवार्य कर दिया गया है। यानी संबंधित प्रदूषण सेंटर जो सर्टिफिकेट जारी किया जाता
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इस तरह की व्यवस्था के बदलाव के बाद शहर में संचालित पीयूसी सेंटर एक तरह से अवैध हो गए हैं। 31 सेंटर में से दो सेंटर ऐसे हैं जो वाहन पोर्टल से लिंक हैं। वहीं 15 केंद्र ऐसे हैं जिनकी वैधता ही खत्म हो चुकी है। इसके बाद भी आरटीओ कार्यालय द्वारा ऐसे सेंटर पर कार्रवाई नहीं की गई।
दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने ऐसे सेंटर की हकीकत जानने के लिए स्टिंग ऑपरेशन किया। कंपू स्थित पुराने आरटीओ कार्यालय के सामने बैठे अलग-अलग एजेंट से बात की तो उनका कहना था कि वाहन का आरसी व नंबर प्लेट का फोटो ले आइए आपको पीयूसी सर्टिफिकेट मिल जाएगा।
पीयूसी सेंटर संचालक बलिंदर सिंह ने दैनिक भास्कर के रिपोर्टर से बातचीत करते हुए कहा कि आपके ट्रक का पीयूसी हम हरियाणा से जारी करवा देंगे। इसके लिए 500 रुपए फीस देना होगा। बस आप वाहन का नंबर प्लेट का फोटो भेज दीजिए। पीयूसी सर्टिफिकेट जो जारी होगा। वह भी वाहन पोर्टल पर ऑनलाइन दिखेगा।
धुआं मानक के अनुरूप है या नहीं इसकी जांच के बाद ही जारी होता है वाहन का पीयूसी सर्टिफेकट
वाहनों से धुआं निकलता है। यह पर्यावरण के लिए नुकसानदेह माना जाता है। इस तरह के प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए कुछ मानक तय किए गए हैं। तय मानक के अनुसार ही वाहनों से धुआं निकल रहा है या नहीं इसके लिए वाहन का टेस्ट मशीन से के माध्यम से किया जाता है। वाहनों से कार्बन डाईऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड निकलता है जिसकी नियमित जांच की जाती है। जिसके बाद पीयूसी जारी किया जाता है। वाहनों से निकलने वाल धुआं यदि अंडर कंट्रोल होने पर ही परिवहन विभाग फिटनेस जारी करता है। साउंड का लेवल भी चेक किया जाता है।
जो पीयूसी सेंटर पोर्टल से लिंक नहीं उन पर करेंगे कार्रवाई ^ऐसे पीयूसी सेंटर जो वाहन पोर्टल से लिंक हैं। उनके द्वारा जारी सर्टिफिकेट ही परिवहन विभाग मान्य करता है। शहर में अब तक दो सेंटर ऑनलाइन हो चुके हैं। अन्य ने अभी तक आवेदन नहीं किया है। जिनकी वैधता खत्म हो चुकी है। उन पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं। साथ ही जो सेंटर इस प्रकार के अवैध सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। -विक्रमजीत सिंह कंग, आरटीओ, ग्वालियर
6 माह पहले जारी किए आदेश सिर्फ दो सेंटर ऑनलाइन लिंक हुए ग्वालियर में ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर शुरू होने से पहले परिवहन आयुक्त ने प्रदेश के सभी आरटीओ को निर्देशित किया था कि जितने भी प्रदूषण सेंटर चल रहे हैं। उन्हें वाहन पोर्टल से लिंक करवाया जाए, क्योंकि अब ऐसे केंद्र के ही पीयूसी मान्य होंगे जो वाहन पोर्टल से लिंक होंगे।
परिवहन आयुक्त के इस आदेश के बाद भी अब तक सिर्फ पिंटू पार्क व मुरार स्थित एक पीयूसी सेंटर वाहन पोर्टल से लिंक हुआ है। जबकि अन्य सेंटर अवैध रूप से चल रहे हैं जो वाहन मालिकों से राशि लेकर वाहनों की जांच किए बिना उप्र व हरियाणा से पीयूसी जारी करवा रहे हैं। जिस कारण शहर में संचालित अधिकांश वाहन इन फर्जी सर्टिफेकेट के चल रहे हैं, जो वायु प्रदूषण को भी बढ़ा रहे हैं।
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