इंदौर के सिका कॉलेज में महान वैज्ञानिक सीवी रमन की स्मृति में 28 फरवरी से 3 मार्च तक विज्ञान दिवस महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम का मुख्य विषय था ‘इंपावरिंग इंडियन यूथ फॉर ग्लोबल लीडरशिप साइंस एंड इनोवेशन फॉर विकसित भारत’।
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मुख्य वक्ता आईआईटी इंदौर की फिजिक्स विभाग की प्रोफेसर सारिका जालान ने बटरफ्लाई इफेक्ट को समझाया। उन्होंने बताया कि सोलर सिस्टम और मौसम में छोटे परिवर्तन भी बड़े बदलाव का कारण बन सकते हैं। आरआरकेट के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ. आर श्रीधर ने विकसित भारत में आरआरकेट के योगदान पर प्रकाश डाला। डॉ. रामाचारी ने विकसित भारत के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने पोस्टर प्रदर्शनी लगाई और शोध पत्र प्रस्तुत किए। तीसरे दिन माया खेड़ी गांव के प्राइमरी स्कूल के बच्चों को सरल प्रयोगों से विज्ञान के सिद्धांत समझाए गए। यह आयोजन एनसीएसटीसी, डीएसटी नई दिल्ली और एमपीसीएसटी भोपाल के सहयोग से किया गया। प्राचार्य डॉ. गुंजन शुक्ला ने बताया कि लगातार दूसरे वर्ष विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में विज्ञान और तकनीक के प्रति रुचि बढ़ाना है।
साइंस और टेक्नोलॉजी के अंतर को समझने की जरूरत
आरआरकेट के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. आर श्रीधर ने 1947 के विकसित भारत के निर्माण और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आरआरकेट की रिसर्च और उसकी एप्लीकेशन के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि आरआरकेट में अब वह टेक्नोलाजी विकसित की जा रही है, जिसके लिए पहले हमें विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता था। उन्होंने बताया कि सिंक्रोट्रान रेडियेशन बेस्ड टेक्नालाजी का उपयोग एक्सरे स्पेक्ट्रोस्कोपी, दवाओं की खोज, और मटेरियल साइंस में किया जाता है। वहीं लाइनेक टेक्नोलाजी से फलों की गुणवत्ता निर्यात के मापदंडों के अनुसार बरकरार रखी जाती है। उन्होंने बताया कि आरआरकेट ने परमाणु ऊर्जा विभाग और सर्न के साथ मिलकर बिग बैंग थ्योरी को रेप्लिकेट करने के अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विशेष वक्ता और आरआरकेट की पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रामाचारी ने कहा कि साइंस और टेक्नोलॉजी के अंतर को समझने की जरूरत है। साइंस किसी घटना का कारण बताता है और टेक्नालाजी उस कारण के निदान में मदद करती है। उन्होंने बताया कि विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए लोगों में साइंटिफिक टेम्परामेंट होना बहुत जरूरी है। साइंटिफिक ट्रेंप्रामेंट का आशय यह है कि किसी की सुनी सुनाई बात पर निर्णय न लेते हुए पहले अवलोकन करें, उसे ऑब्जेक्टिव तरीके से देखें, विश्लेषण करें, सवाल करें और फिर निर्णय लें।

अतिथि को मोमेंटो भेंट करते संस्था के पदाधिकारी
सीवी रमन पर आधारित मूवी दिखाई
इस अवसर पर प्रख्यात वैज्ञानिक सीवी रमन पर आधारित एक मूवी विद्यार्थियों को दिखाई गई। कार्यक्रम के अगले दिन सिका कॉलेज के बीएससी के विद्यार्थियों नोमान खान, वकी अहमद, विपुल थडियाल, भावेश कांवरे, श्रेया भदोरिया, मुस्कान सिकरवार एवं वासिल सिद्दकी ने शोधपत्र पढ़े। वहीं बीसीए के विद्यार्थी अर्पित चौहान, आदर्श गणेश, गर्वित वागाद्रे, वेदिका यदुवंशी, किरण शिंदे, याना, पायल मंडल और रिया राजपूत ने पोस्टर प्रदर्शित किए। 3 मार्च को सिका कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना और विज्ञान के विद्यार्थियों ने ग्राम मायाखेड़ी में स्कूली बच्चों को सरल प्रयोग के माध्यम से विज्ञान के प्रयोग समझाए। कार्यक्रम में प्राचार्य डॉक्टर गुंजन शुक्ला ने विज्ञान दिवस का महत्व बताते हुए महान वैज्ञानिक सीवी रमन के बारे में बच्चों को बताया। इस अवसर पर बच्चों ने कविताएं भी सुनाई। कार्यक्रम में एनएसएस की को-ऑर्डिनेटर प्रतिभा सारस्वत की उपस्थिति थीं।कार्यक्रम के आयोजन में फैकल्टी सुरभि शुक्ला के साथ सभी फैकल्टी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन किया अवनीत कौर ने।

समारोह में उपस्थित स्टूडेंट्स

अतिथि का स्वागत करते संस्था के पदाधिकारी

संबोधित करती वक्ता
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