राज्य सरकार बार-बार कह रही है कि मप्र में गेहूं खरीदी का काम महिला स्वसहायता समूहों को दिया जाए। प्रदेश में 15 मार्च से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का काम शुरू हो गया, लेकिन उज्जैन समेत 46 जिले ऐसे हैं, जहां किसी भी महिला स्वसहायता समूह को काम नहीं म
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उज्जैन के महालक्ष्मी समूह उज्जैनिया, राधाकृष्ण सलामता समूह घट्टिया, महिदपुर खेड़ा खजुरिया की महिला स्वसहायता समूह, स्वास्तिक समूह तारोट, भारतमाता समूह कला पिपलिया और अंजली सहायता समूह नरेलाकला समेत अन्य ने काम नहीं मिलने की शिकायत कलेक्टर, सीओ के साथ भोपाल में खाद्य विभाग से कर दी है।
समूह की महिलाओं ने बताया कि पिछले साल उनके समूह ने काफी खरीदी की थी। इस बार हम्माल और मजदूरों को एडवांस पैसा दे दिया गया है, लेकिन खरीदी का काम नहीं मिला। महिलाओं ने कहा कि उज्जैन के साथ इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर की भी यही स्थिति है। कहीं भी महिलाओं काे काम नहीं मिला है।
जिन जिलों में काम मिला है, उसमें भोपाल में 17 महिला एसएचजी, सीहोर में 12, शाजापुर में 8, देवास में 9, राजगढ़ में 4, बैतूल में 9, हरदा में 3, आगर-मालवा में 12 और अशोक नगर में 2 महिला समूहों को खरीदी का काम मिला है। प्रदेश में 3222 खरीदी केंद्र खुल गए हैं। उज्जैन में 30 हजार टन गेहूं खरीदी हो चुकी है।
उपार्जन नीति में है– महिलाओं की भागीदारी ज्यादा बढ़ाई जाए उपार्जन नीति में यह कहा गया है कि महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है। इसके लिए समूहों को पंजीयन प्रमाण-पत्र, बैंक खाते में कम से कम 2 लाख रुपए, विगत 6 माह के बचत खाते का बैंक स्टेटमेंट, 3 माह की बैठकों का कार्रवाई विवरण और आवश्यक राशि की उपलब्धता का प्रमाण सहित अन्य जरूरी दस्तावेज देने होंगे। पिछली बार कोई शिकायत नहीं होना भी पात्रता का एक प्रावधान है।
उज्जैन में खुले 185 केंद्र गेहूं की खरीदी के लिए उज्जैन जिले में अब तक 185 केंद्र खुल गए हैं। पूरे प्रदेश में अब तक सिर्फ 76 महिला स्व सहायता समूह को काम मिला है।
अफसर बोले – समूहों के कागज अधूरे
डीपीएम अमित बृजवानी ने बताया कि अभी समूहों को वितरण नहीं हो पाया है, क्योंकि लगातार शहर में इवेंट चलने से फाइल प्रक्रिया में है। समूह की ओर से दिए गए कागजात अधूरे थे, जिन्हें पूरा करवाने के बाद फाइल आगे प्रक्रिया के लिए बढ़ाई गई है। सीईओ जयति सिंह को फाइल जा चुकी है, वहां से कलेक्टर और उसके बाद शासन के पास जाएगी।
इसके बाद मंजूरी आने पर नाम और सेंटर तय होते ही खरीदारी शुरू हो जाएगी। बृजवानी बताया कि उज्जैन जिले में 14 स्व-सहायता समूह चयनित किए गए हैं। इनके दस्तावेज देरी से मिलने के कारण प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं हो हुई।
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