प्रतियोगिता में चयनित फाइनलिस्ट्स ने दो राउंड में एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें एक धीमे और एक तेज़ लय का गीत शामिल था। निर्णायक मंडल में प्रसिद्ध संगीतज्ञ श्री वी. श्रीवास्तव, श्री सुनील मसूरकर और सुश्री सपना केकड़े शामिल रहे, जिन्होंने प्रतिभागियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की।
By Navodit Saktawat
Publish Date: Mon, 10 Mar 2025 05:40:03 PM (IST)
Updated Date: Mon, 10 Mar 2025 05:52:58 PM (IST)
HighLights
- महाराष्ट्र, राजस्थान, यूपी, गोवा, पंजाब, छत्तीसगढ़ तथा गुजरात से आए लोग।
- वॉइस ऑफ सीनियर्स में इंदौर के विजय मराठे ने हासिल किया प्रथम स्थान।
- दो राउंड में ही प्रतियोगिता में, एक धीमे और एक तेज़ लय का गीत था शामिल
इंदौर, 10 मार्च, 2025: वरिष्ठ नागरिकों की छुपी हुई प्रतिभा को निखारने और उन्हें एक सशक्त मंच देने के उद्देश्य से आयोजित ‘वॉइस ऑफ सीनियर्स’ के सातवें संस्करण का भव्य समापन हुआ। वर्ष 2018 में 80 प्रतिभागियों के साथ शुरू हुई इस प्रतियोगिता ने सातवें संस्करण तक आते-आते 282 पंजीकरण का आँकड़ा पार कर लिया, जो इसकी बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है। इस वर्ष प्रतियोगिता को पहली बार मध्यप्रदेश से बाहर भी विस्तार मिला और महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, छत्तीसगढ़, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश तथा गुजरात समेत कई राज्यों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
प्रतियोगिता में इंदौर के विजय मराठे ने प्रथम स्थान प्राप्त कर 51,000 रुपए की पुरस्कार राशि जीती, जबकि भिलाई, छत्तीसगढ़ के दीपेंद्र हलदर को उपविजेता घोषित किया गया और उन्हें 21,000 रुपए का पुरस्कार प्रदान किया गया। विशेष तृतीय पुरस्कार (श्रीमती रेखा सिंह द्वारा प्रायोजित) इंदौर की नंदिनी कुलकर्णी को मिला, जिन्हें 5,000 रुपए की राशि प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त, आनंदम द्वारा प्रायोजित आनंदम सदस्या सुलेखा धामिरीकर को दिया गया। उन्हें भी 5,000 रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की गई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री दीपक चौहान (ग्रुप एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट एवं रीजनल हेड, येस बैंक) ने आनंदम की इस पहल की प्रशंसा करते हुए इसे वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में नई ऊर्जा भरने वाला मंच बताया।
फाइनल से पहले नरेंद्र सिंह, अनिल भट और डॉ. अतुल भट ने भी अपनी शानदार प्रस्तुतियाँ देकर माहौल को संगीतमय बना दिया। इस आयोजन की सफलता में रतनलाल (डिडवानिया) चैरिटेबल ट्रस्ट, मुंबई, येस बैंक, सेंटर फॉर साइट और अन्य सहयोगियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। साथ ही, प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग ने बिना किसी शुल्क के अपना ऑडिटोरियम उपलब्ध कराकर कार्यक्रम को सफल बनाने में मदद की।
विजेताओं की घोषणा के साथ ही ‘वॉइस ऑफ सीनियर्स-7’ का समापन हुआ, जिसमें उपस्थित सभी संगीत प्रेमियों ने आनंदम के थीम सॉन्ग ‘ऐ मालिक तेरे बंदे हम..’ के साथ इस संगीतमय यात्रा को यादगार बना दिया। इस सफलता से प्रेरित होकर आनंदम भविष्य में इस प्रतियोगिता को और भी भव्य रूप देने के लिए संकल्पित है।
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