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व्हील चेयर क्रिकेट के नेशनल टूर्नामेंट में लगे चौके-छक्के: भोपाल के ओल्ड कैम्पियन मैदान पर अलग ही नजारा, खिलाड़ी मूव्स से समझ जाते हैं बॉल कहां जाएगी – Bhopal News

भोपाल के ओल्ड कैम्पियन ग्राउंड पर व्हील चेयर क्रिकेट टूर्नामेंट चल रहा है।

किक्रेट के ग्राउंड पर बॉलिंग और बैटिंग करते खिलाड़ियों को दौड़ते हुए तो आपने देखा होगा, लेकिन व्हील चेयर पर क्रिकेट खेलते खिलाड़ियों को देख आप चौंक जाएंगे। भोपाल में व्हील चेयर क्रिकेट का नेशनल टूर्नामेंट चल रहा है। ओल्ड कैम्पियन स्कूल में 6 दिसंबर तक च

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व्हील चेयर के नेशनल सीनियर खिलाड़ी सुनील चौधरी का कहना है कि

व्हील चेयर क्रिकेट खेलने वालों काे शरीर मजबूत करना पड़ता है। व्हील चेयर कैसे चलाना है? कैसे गिरना है और बॉल को कैसे थ्रो कराना है? रनिंग और प्रैक्टिस सबसे ज्यादा मायने रखते हैं। इसी वजह से खिलाड़ी मूव्स से समझ जाते हैं कि बाल कहां जाएगी?

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सुनील दिल्ली टीम के कप्तान भी हैं, जो भोपाल में नेशनल टूर्नामेंट में बतौर ऑब्जर्वर आए हैं। उनका कहना है कि शरीर से कमजोर खिलाड़ियों के लिए यह जिद, जुनून और जज्बे वाला गेम है। अपर बॉडी का ही महत्वपूर्ण रोल रहता है। इसलिए प्रैक्टिस में अपर बॉडी पर ही फोकस रखना पड़ता है। इसके प्रैक्टिस जरूरी है।

फील्डिंग हो या बैटिंग, गिरे तो आउट करने का नियम सीनियर खिलाड़ी चौधरी कहते हैं, व्हील चेयर क्रिकेट में कुछ रूल्स ऐसे भी हैं, जो उसे अलग रखते हैं। जैसे, फील्डिंग के दौरान खिलाड़ी अपने पैर जमीन पर टच भी नहीं कर सकते। वरना स्कोर में 5 रन माइनस हो जाएगा। यदि बैटिंग में ऐसा करते हैं तो एक बार वॉर्निंग मिलेगी, पर दूसरी बार आउट कर दिए जाएंगे।

व्हीलचेयर पर बॉलिंग करते खिलाड़ी।

व्हीलचेयर पर बॉलिंग करते खिलाड़ी।

‘ढेरों चुनौतियों के बीच से यहां तक पहुंचते हैं’ जम्मू-कश्मीर व्हील चेयर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वसीम फिरोज कहते हैं, ये बड़ा मुश्किल खेल है। पहले तो सफर में ही ढेरों चुनौतियां रहती हैं। तीन से चार वॉलेंटियर्स की जरूरत पड़ती है। फिर ग्राउंड पर चुनौतियों का सामना करके मैच खेलते हैं।

‘फील्डिंग में घायल भी हो जाते हैं’ जम्मू-कश्मीर टीम के कप्तान आदिल खान कहते हैं, रोज 1 से 2 घंटे प्रैक्टिस करते हैं। गेम में फिटनेस सबसे ज्यादा जरूरी रहती है। कई बार घायल भी हो जाते हैं। अपर बॉडी का पावर बहुत जरूरी है।

ओल्ड कैम्पियन ग्राउंड में टूर्नामेंट चल रहा है। जिसमें दिव्यांग खिलाड़ी हाथ आजमा रहे हैं।

ओल्ड कैम्पियन ग्राउंड में टूर्नामेंट चल रहा है। जिसमें दिव्यांग खिलाड़ी हाथ आजमा रहे हैं।

दो दिन से अलग नजारा, आज भी दिखेगा ओल्ड कैम्पियन ग्राउंड में बुधवार से अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। क्रिकेट खेलने वाले व्हील चेयर पर बैठे दिव्यांग खिलाड़ी हैं। वे शारीरिक से कमजोर थे, पर जिद और जज्बे से मजबूत। कोई व्हील चेयर पर बॉल पकड़ने दौड़ा तो कोई वॉकिंग स्टीक पकड़कर पिच पर रन बना रहा था।

सामान्य क्रिकेट से यह अलग इस विशेष टूर्नामेंट में गेंद लेदर की ही है। हर मैच 10-10 ओवर का है। मैदान के साइज में भी परिवर्तन किया गया है। क्रिकेट के मैदान पर व्‍हीलचेयर पर क्रिकेट का आयोजन बहुत ही दिलचस्‍प है। खिलाड़ी व्‍हीलचेयर पर बैठकर ही गेंदबाजी, बल्‍लेबाज व फील्डिंग कर रहे हैं। क्रिकेट मैच की तरह ही मैन आफ द मैच जैसे पुरस्‍कार दिए जा रहे हैं। आज टूर्नामेंट का आखिरी दिन है।

मैच के दौरान शॉट मारता खिलाड़ी।

मैच के दौरान शॉट मारता खिलाड़ी।

अपनी टीम की जीत पर उत्साहित दिव्यांग खिलाड़ी।

अपनी टीम की जीत पर उत्साहित दिव्यांग खिलाड़ी।

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https%3A%2F%2Fwww.bhaskar.com%2Flocal%2Fmp%2Fbhopal%2Fnews%2Fyou-will-be-surprised-to-hear-a-cricketer-sitting-on-a-wheelchair-134076470.html
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