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शंकराचार्य मठ इंदौर में प्रवचन: कठिन परिस्थिति को सामान्य कैसे बनाया जाए, भगवान राम ने सिखाया- डॉ. गिरीशानंदजी महाराज – Indore News

परमात्मा राम की सरलता विपरीत परिस्थितियों को भी सामान्य बना देती है। भगवान राम ने मानव लीला कर जनमानस को सिखाया कि कठिन से कठिन परिस्थिति भी आ जाए, हमारे पास साधन न हो, युद्ध करने के लिए सेना न हो, धन न हो, तो भी हमें जो साधन उपलब्ध हो जाएं उनका उपयो

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एरोड्रम क्षेत्र में दिलीप नगर नैनोद स्थित शंकराचार्य मठ इंदौर के अधिष्ठाता ब्रह्मचारी डॉ. गिरीशानंदजी महाराज ने अपने नित्य प्रवचन में मंगलवार को यह बात कही।

रामजी राम जैसे ही हैं, उनकी कोई तुलना नहीं

महाराजजी ने बताया तुलसीदासजी से किसी ने पूछा- रामजी कैसे हैं? तो उन्होंने कहा कि रामजी राम जैसे ही हैं। उनकी किसी से भी तुलना नहीं की जा सकती। आप विचार करो कि हमेशा मालिक टूटी खाट पर बैठता हो तो भी सामने किसी की कोई मजाल नहीं कि वह मर्यादा भंग कर दे। लेकिन यहां पर मालिक श्रीराम नीचे बैठे हैं और बंदर पेड़ की शाखाओं पर ऊपर बैठे हैं या फिर उन्हीं के सामने उछल-कूद कर रहे हैं। लेकिन परमात्मा राम (मालिक) कितनी सरलता से यह सब देख रहे हैं।

किसी का उपकार कभी मत भूलो

डॉ. गिरीशानंदजी महाराज ने बताया कि राज्याभिषेक के समय भगवान इधर-उधर देख रहे थे। सीता ने पूछा- किसे देख रहे हो? उन्होंने कहा- अपने मित्र केवट को। क्योंकि वैशाख सुदी पंचमी के दिन लंका विजय पर राम अयोध्या आए थे। वैशाख सुदी सप्तमी को उनका राजतिलक हुआ था। इस कारण केवट नहीं आ पाया था। खुशी में भी भगवान राम, केवट के उपकार को नहीं भूले। इस बात से भगवान ने संकेत दिया कि अपकार को भूल जाओ, पर संकट में यदि कोई एक गिलास पानी का भी उपकार कर दे तो उसे मत भूलो। महाराजश्री ने कहा कि वनवास के समय परमात्मा राम को जो जैसे साधन मिला, उन्होंने उसी का उपयोग किया और अपनी सरलता से वानर, भालू, कौल, भील ही नहीं वरन् शत्रु रावण तक का दिल जीत लिया। इस तरह असामान्य परिस्थिति को सामान्य कैसे बनाया जाए, परमात्मा राम ने हमें सिखाया।

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