हवाई यूनिवर्सिटी में प्लेनेटरी साइंटिस्ट्स की एक टीम ने खोज करने का दावा किया है कि शनि के सबसे बड़े चंद्रमा Titan की ऊपरी ठोस सतह के नीचे मिथेन गैस दबी है। शोधकर्ताओं का कहना है कि टाइटन के क्रेटर अनुमान से सैकड़ों मीटर ज्यादा उथले हैं। इनमें से केवल अभी 90 की ही पहचान हो सकी है। लेकिन रोचक बात यह है कि यहां गहरे क्रेटर्स भी मौजूद हो सकते हैं जिनकी पहचान करना अभी बाकी है।
मिथेन पाए जाने का क्या है महत्व?
मिथेन क्लाथरेट या मिथेन हाइड्रेट एक सॉलिड कंपाउंड होता है जिसमें भारी मात्रा में मिथेन दबी होती है। यह पानी जैसा दिखने वाला क्रिस्टल टाइप स्ट्रक्चर होता है, और जमी बर्फ के जैसा ही दिखता है। वैज्ञानिक कह रहे हैं कि मिथेन क्लाथरेट की स्टडी के माध्यम से टाइटन की कार्बन साइकल को समझा जा सकता है और वहां के बदलते क्लाइमेट के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है।
शोध में जो सबसे जरूरी बात निकल कर आई है वह यह कि मिथेन से भरी परत की मोटाई देखकर पता चलता है बर्फ का खोल काफी गर्म और लचीला था। इससे ज्ञात होता है कि यह धीरे धीरे जुड़ रहा था। जीवन का संकेत देने वाले बायोमार्कर शायद टाइटन के उपसतह महासागर से निकलकर उसके बाहरी बर्फीले खोल में चले गए हैं, और ये बस खोजे जाने का इंतजार कर रहे हैं।
यहां पर नोट करने वाली बात यह भी है कि धरती पर मिथेन क्लाथरेट हाइड्रेट साइबेरिया के पर्माफ्रॉस्ट और आर्कटिक समुद्र तल के नीचे पाए जाते हैं। वैसे, टाइटन को सौर मंडल का ऐसा उपग्रह माना जाता है जहां पर जीवन को शरण देने की सबसे ज्यादा संभावना हो सकती है। पृथ्वी के बाद यह एकमात्र ऐसी जगह है जहां एक वातावरण मौजूद है और तरल पदार्थ नदियों, झीलों और समुद्रों के रूप में मौजूद है।
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2024-11-05 09:19:21
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