रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास में 535 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। शहरवासियों को तानसेन रोड से रेसकोर्स रोड तक पहुंचने में परेशानी नहीं आए इसलिए आगरा एंड पर नया फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) बनेगा। यह 350 मीटर लंबा व 6 मीटर चौड़ा होगा।
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इसके निर्माण में 18 करोड़ रुपए रेलवे खर्च करेगा। टेंडर अवॉर्ड हो चुका है। जनवरी 2025 यानी नए साल से एफओबी बनाने का काम शुरू होगा। इसके निर्माण में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा। हालांकि नया एफओबी आगरा एंड में आउटर के निकलने के लिए वर्तमान में जो एफओबी बना है, उसे तोड़कर बनाया जाएगा।
दरअसल, रेल प्रशासन व नगर निगम ने पहले तानसेन व रेसकोर्स रोड को कनेक्ट करने के साथ बस स्टैंड तक एफओबी बनाने की प्लान बनाया था। लेकिन नया आईएसबीटी बनने के बाद अब इस प्लान में बदलाव किया गया है। नया एफओबी रेलवे कॉलोनी से लेकर बस स्टैंड तिराहे से पहले रेलवे की बाउंड्रीवाल तक बनेगा।
इस एफओबी से ऐसे लोग आ और जा सकेंगे जो ट्रेन में सफर नहीं करना चाहते हैं। ऐसे लोग जो तानसेन रोड से सीधे रेसकोर्स व रेसकोर्स रोड से सीधे तानसेन रोड आना-जाना चाहते हैं।
पुराना एफओबी टूटेगा, नए में लिफ्ट भी लगेंगी अभी जो एफओबी आगरा एंड में है। वह प्लेटफॉर्म नंबर एक के बाहर खुलता है। नया एफओबी जो आउटर के आने जाने के काम में आएगा। यह सीधे रेसकोर्स रोड पर खुलेगा। साथ ही रेलवे कॉलोनी व रेसकोर्स की तरफ खुलने वाले एफओबी पर एक-एक लिफ्ट लगेगी। इससे आउटर को एफओबी में चढ़ने में परेशानी नहीं आएगी।
प्लेटफार्म नंबर 5-6 बनाने का काम जल्द होगा शुरू डिप्टी सीई कार्यालय की बिल्डिंग टूटने के बाद प्लेटफॉर्म 5 व 6 नंबर बनाए जाने हैं। 5 नंबर प्लेटफॉर्म नैरोगेज वाले प्लेटफॉर्म की जगह बनेगा। दो नए प्लेटफॉर्म बढ़ने से गश्योपुर, इटावा के लिए ट्रेनों का संचालन बढ़ेगा। वहीं कुछ नए शहरों के लिए भी ट्रेनें चल सकती हैं।
नए एफओबी के निर्माण में 18 करोड़ रुपए खर्च होंगे नए एफओबी का निर्माण आगरा एंड में पुराने को तोड़कर किया जाएगा। जिसके निर्माण में 18 करोड़ खर्च होंगे। टेंडर अवॉर्ड हो चुका है। नए साल से कंपनी काम शुरू करेगी। –आकाश यादव, डिप्टी सीई कंस्ट्रक्शन
एयरपोर्ट: निगम ने डीपीआर पहुंचाई, खाली भूमि में गार्डन बनेगा, बैठने की भी व्यवस्था
एयरपोर्ट के बाहर खाली भूमि पर हरियाली बढ़ाने के लिए गार्डन तैयार किए जाएंगे। यहां पर लैंडस्केपिंग कार्य के लिए निगम ने 9 करोड़ रुपए की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के निदेशक को पहुंचा दी है।
इसके लिए जिस कंपनी को टेंडर के माध्यम से काम करेगी वह 5 साल तक मेंटेनेंस भी भी करेगी। इस पर 4 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। इस तरह 13 करोड़ रुपए की राशि की डीपीआर तैयार हुई है। यदि एयरपोर्ट प्राधिकरण उक्त राशि देता है तो निगम काम करके देगा।
पिछले दिनों निगम और प्राधिकरण के अफसरों की बैठक हुई थी। इसमें प्राधिकरण के अधिकारियों ने खुली भूमि पर काम करने की बात निगमायुक्त अमन वैष्णव से की है। इसके बाद निगम के इंजीनियरों ने डीपीआर बनाकर पहुंचा दी है।
50 हजार वर्ग मीटर का प्लान एयरपोर्ट के प्रवेश- निकासी मार्ग के आसपास 50 हजार वर्ग मीटर खाली भूमि है। यहां लैंडस्केपिंग कार्य के दौरान पौधे, हेज, पाथ-वे, वर्किंग ट्रैक, बैठक व्यवस्था और बच्चों के लिए प्ले ग्राउंड बनाया जाएगा। यहां पर यात्री या फिर उनको छोड़ने आने वाले लोग इसका उपयोग कर सकेंगे।
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