ढाका5 मिनट पहले
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बांग्लादेश की युनूस सरकार ने शेख हसीना के पिता और पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की विरासत को मिटाना शुरू कर दिया है। मौजूदा सरकार ने बांग्लादेश की पाठ्य पुस्तकों में बदलाव करने का फैसला किया है। डेली स्टार के मुताबिक अब से किताब में बताया जाएगा कि साल 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी मुजीबुर रहमान ने नहीं बल्कि जियाउर रहमान ने दिलाई थी।
जियाउर रहमान बांग्लादेश की पूर्व राष्ट्रपति खालिदा जिया के पति थे। वे बांग्लादेश की आजादी के बाद को-आर्मी चीफ बने। बाद में वे देश के राष्ट्रपति भी बने। साल 1981 में सेना से जुड़े कुछ लोगों ने उनकी हत्या कर दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक नई किताब में मुजीब की राष्ट्रपिता की उपाधि को भी हटा दिया गया है। यह किताब प्राइमरी से लेकर सेकेंड्ररी लेवल तक के छात्रों को पढ़ाई जाएगी।
बांग्लादेश की आजादी की घोषणा को लेकर विवाद बांग्लादेश में यह हमेशा से विवादित रहा है कि वहां आजादी की घोषणा किसने की थी। अवामी लीग का दावा है कि यह घोषणा ‘बंगबंधु’ मुजीब उर रहमान ने की थी, जबकि खालिदा जिया की BNP पार्टी अपने संस्थापक जियाउर रहमान को इसका श्रेय देती है।
रिपोर्ट के मुताबिक यह पहली बार नहीं हुआ है जब बांग्लादेश की टेक्सटबुक में ऐसा बदलाव हुआ है। वहां पर सरकार बदलने के साथ ही किताब में आजादी की घोषणा करने वाले नेता के नाम में बदलाव होता रहा है।
शेख हसीना ने 14 साल पहले किताब में बदलाव कराया था साल 2009 में शेख हसीना के सत्ता में आने के बाद 2010 में भी किताबों में बदलाव हुआ था। तब किताबों में यह जोड़ा गया था कि शेख मुजीबुर रहमान ने 26 मार्च 1971 को पाकिस्तानी सैनिकों से गिरफ्तार होने से पहले वायरलेस मैसेज से आजादी की घोषणा की थी।
वहीं, अब नई किताबों में बताया जाएगा कि 26 मार्च 1971 को सबसे पहले जियाउर रहमान ने बांग्लादेश की आजादी की घोषणा की थी। इसके एक दिन बाद 27 मार्च को मुजीबुर रहमान ने आजादी की घोषणा की।
नेशनल करीकुलम एंड टेक्सटबुक बोर्ड (NCBT) के मुताबिक इतिहास की किताब में अब किसी भी व्यक्ति का गैरजरूरी महिमामंडन नहीं किया जाएगा। साथ ही किसी के बारे में बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई बातों को भी हटा दिया जाएगा।
कुछ किताब बाजार में आ भी गई है और 1 जनवरी से छात्रों को बांटी जाने भी लगी है।
33 किताबों में होगा बदलाव, 1-3 तक की किताबें पहले जैसी रहेंगी रिपोर्ट के मुताबिक क्लास चौथी से 9वीं तक की पुरानी किताबों का सिलेबस बदला जा रहा है। वहीं क्लास 1 से 3 तक की किताबें पहले जैसी ही रहेंगी। इसके तहत कुल 33 किताबों का सिलेबस बदला जाएगा।
बांग्ला, मैथमेटिक्स, बांग्लादेश एंड ग्लोबल स्टडीज, सिविक्स एंड सिटीजनशिप, हिस्ट्री ऑफ बांग्लादेश, जैसे अन्य सब्जेक्ट की किताबों के सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है। NCTB से जुड़े रबीउल कबीर चौधरी के अनुसार संशोधन प्रक्रिया पहले से ही चल रही है और इस महीने के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है।
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