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श्योपुर में नहीं हो रही टीएमटी और इकोकार्डिया ग्राम जांच: 8 माह पहले आ चुकी मशीनें, लेकिन अब तक इंस्टॉल नहीं हुईं – Sheopur News

श्योपुर के जिला अस्पताल में अब तक टीएमटी और इकोकार्डिया ग्राम की जांच शुरू नहीं हो पाई है, यह स्थिति तब है, जब जिला अस्पताल में करीब 6 महीने पहले इन दोनों जांचों के लिए मशीन लाई जा चुकी है। बताया जा रहा है कि इन मशीनों को अब तक इंस्टॉल ही नहीं किया ग

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श्योपुर के इमामबाड़ा निवासी नईम खान का कहना है कि उनके पिता हार्ट के मरीज हैं। टीएमटी और हार्ट से जुड़ी जांच के लिए श्योपुर में कोई व्यवस्था नहीं है। इससे उन्हें कोटा या जयपुर में पिता की जांच करानी पड़ती है। आने-जाने का खर्च होने के अलावा समय की बर्बादी होती है। यह जांच काफी महंगी है। आयुष्मान कार्ड राजस्थान में मान्य नहीं किया जाता है, इस वजह से महंगी फीस भी चुकानी पड़ती है।

इसी तरह की बात रघुनाथपुर निवासी रिंकू जाटव ने बताई। उनका कहना है कि उनकी पत्नी को दो दिन पहले सीने में अचानक दर्द उठा। इसके बाद उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन टीएमटी और इको से जुड़ी जांच की सुविधा नहीं होने से उन्हें पत्नी को लेकर कोटा जाना पड़ा। वह गरीब हैं। इसके बाद भी मजबूरी में उन्हें अपनी पत्नी की महंगी जांच कोटा में प्राइवेट अस्पताल में कराना पड़ी, अगर यह सुविधा जिला अस्पताल में होती तो उन्हें इतना खर्च नहीं करना पड़ता। दूसरे मरीजों की भी यही हालत है। कई मरीजों को तो समय पर जांच नहीं होने से समय पर हार्ट का इलाज नहीं मिल पाता है और उनकी मौत तक हो जाती है, लेकिन जिला अस्पताल के अधिकारी मशीन उपलब्ध होने के बावजूद जिला अस्पताल में यह जांच शुरू नहीं करा रहे हैं।

प्रदेश के 38 जिला अस्पतालों में लगाई जा रही मशीनें

बता दें कि स्वस्थ एमपी सशक्त एमपी योजना के तहत मध्य प्रदेश के 38 जिला अस्पतालों में टीएमटी मशीन, 17 जिलों में लेप्रोस्कोपी यूनिट और 38 जिलों में इकोकार्डियोग्राफी मशीन स्थापित की जा रही हैं, श्योपुर के जिला अस्पताल में इकोकार्डियोग्राफी और टीएमटी मशीन लाई जरूर गई है, लेकिन अभी तक उन्हें शुरू नहीं किया जा सका है। इस वजह से मरीज परेशान हैं। इस बारे में बात करने के लिए जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. आरबी गोयल के मोबाइल पर दो बार कॉल किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

जांचें शुरू क्यों नहीं हुई दिखवाता हूं : सीएमएचओ

जिले के सीएमएचओ डॉ. दिलीप सिंह सिकरवार का कहना है कि ये मशीनें तो करीब 6 से 8 महीने पहले ही जिला अस्पताल आ चुकी हैं। जिला अस्पताल में जांचें शुरू क्यों नहीं हुईं। मैं दिखवाता हूं।

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