संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इंदौर में संघ की राष्ट्र निर्माण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने वीरता बढ़ाने और समन्वय सिखाने पर बल दिया। दशहरा मैदान में सामूहिक घोषवादन का प्रदर्शन हुआ। ओंकारेश्वर में कुटुंब प्रबोधन बैठक में कुटुंब व्यवस्था पर विचार-विमर्श हुआ। संघ ने सामाजिक सद्गुणों और शांति का संदेश दिया।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Fri, 03 Jan 2025 10:08:00 PM (IST)
Updated Date: Fri, 03 Jan 2025 10:18:49 PM (IST)
HighLights
- मोहन भागवत ने कहा संघ प्रदर्शन नहीं, कर्म पर आधारित संगठन।
- दशहरा मैदान पर बोले- लाठी सिखाने से डर कम, वीरता बढ़ती है।
- भागवत के आगमन पर मैदान में स्वयंसेवकों का सामूहिक घोषवादन।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने कहा कि संघ कोई काम प्रदर्शन के लिए नहीं करता, संघ काम करता है, इसलिए उसका प्रदर्शन होता है। संघ के कार्यक्रमों से मनुष्य के सद्गुणों में वृद्धि होती है। हम संघ में दंड और लाठी चलाना सिखाते हैं।
यह प्रदर्शन के लिए या झगड़ा करने के लिए नहीं सिखाते, लेकिन अगर कोई प्रसंग आ जाए तो यह काम आती है। लाठी सीखने से मनुष्य में वीरता आती है। वह डरता नहीं है। यह बात डा. भागवत ने शुक्रवार को इंदौर में मालवा प्रांत के स्वर शतकम् कार्यक्रम में कही।
ऐ लाठी तुम्हारे दिन लद गए
28 मिनट के उद्बोधन में डा. भागवत ने आनंद मठ उपन्यास का उल्लेख करते हुए कहा कि उसमें लिखा है- ऐ लाठी तुम्हारे दिन लद गए, लेकिन शिक्षित हाथ में आने के बाद तुम कर नहीं पाओ, ऐसा कोई काम नहीं।
#WATCH | Indore, Madhya Pradesh: RSS Chief Mohan Bhagwat attended the Swar Shatakam Program earlier today pic.twitter.com/hsCm59ossp
— ANI (@ANI) January 3, 2025
उन्होंने राष्ट्र निर्माण के लिए संघ से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि लोग संघ में इसलिए नहीं आते कि मुझे कुछ करना है, बल्कि इसलिए आते हैं कि उन्हें राष्ट्र के लिए कुछ करना है। सभी में राष्ट्र निर्माण का भाव जागृत होगा तो एक दिन सारी दुनिया सुख और शांति का युग देखेगी।
दशहरा मैदान पर स्वयंसेवकों का सामूहिक घोषवादन
इंदौर के दशहरा मैदान पर दोपहर करीब 3.15 बजे शुरू हुआ कार्यक्रम दो घंटे से अधिक समय तक चला। इस दौरान मालवा प्रांत के 28 जिलों के स्वयंसेवकों ने सामूहिक घोषवादन किया। उन्होंने करीब 45 मिनट तक अविराम प्रस्तुति दी। स्वयंसेवकों के साथ बड़ी संख्या में उनके स्वजन और आमजन भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
संघ प्रमुख डा. भागवत ने कहा कि यहां इतनी बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने एक सुर में संगीत की प्रस्तुति दी है। संगीत हमें आपसी समन्वय के साथ मिलकर चलना सिखाता है। एक साथ इतने स्वयंसेवक द्वारा संगीत का प्रस्तुतिकरण, एक आश्चर्यजनक घटना है। हमारी रण संगीत की जो परंपरा विलुप्त हो गई थी, अब फिर से लौट आई है।
ओंकारेश्वर में कुटुंब प्रबोधन गतिविधि बैठक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुटुंब प्रबोधन गतिविधि की अखिल भारतीय बैठक चार-पांच जनवरी को ओंकारेश्वर में हो रही है। इसमें समर्थ कुटुंब व्यवस्था विषय पर संवाद तथा जिज्ञासा का समाधान किया जाएगा। सरसंघचालक डा. मोहन भागवत की उपस्थिति में संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भैय्याजी जोशी के मंगल संवाद से कार्यक्रम की शुरुआत होगी।
इसमें शामिल होने के लिए देश के 46 प्रांतों से 150 से अधिक प्रांत संयोजक और सह संयोजक सपत्नीक ओंकारेश्वर पहुंच चुके हैं। शनिवार को भैय्याजी जोशी का मंगल संवाद विषय पर प्रबोधन होगा। इसके बाद दिन भर कुटुंब प्रबोधन पर चर्चा और विचार-विमर्श पारिवारिक सदस्यों के बीच होगा। रविवार को सरसंघचालक डा. भागवत ओंकारेश्वर के नागरघाट पर नर्मदा पूजन करेंगे।
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