मध्यप्रदेश शासन द्वारा कला, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में दिए जाने वाले सर्वोच्च शिखर सम्मान के लिए इस वर्ष कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन के निदेशक डॉ. गोविंद दत्तात्रेय गंधे को चुना गया है। यह प्रतिष्ठित सम्मान भोपाल में आयोजित विशेष समारोह में
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डॉ. गंधे पिछले 37 वर्षों से संस्कृत भाषा की सेवा में समर्पित हैं। उन्होंने संस्कृत में डी.लिट् की उपाधि प्राप्त की है और अब तक 15 पुस्तकों की रचना कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 10 से अधिक पुस्तकों का संपादन किया है और विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में 75 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं।
संस्कृत भाषा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए डॉ. गंधे ने सरल संस्कृत संभाषण वर्गों का आयोजन कर भाषा का प्रचार-प्रसार किया है। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान उल्लेखनीय है, जहां उन्होंने 40 विद्यार्थियों को एम.फिल की उपाधि के लिए मार्गदर्शन दिया है और वर्तमान में 8 विद्यार्थी उनके निर्देशन में पीएचडी कर रहे हैं।
उनकी विद्वता और योगदान को पहले भी कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है, जिनमें अखिल भारतीय विद्वत परिषद वाराणसी द्वारा दिया गया महा-महोपाध्याय सम्मान, संस्कृत भूषण सम्मान, साहित्य सृजन सम्मान और उत्कृष्ट साहित्य लेखन सम्मान प्रमुख हैं।
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