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सफर से अधिक स्टेशन पर जाम करता है परेशान, यात्री बोले-बिरला नगर से चलाएं पैसेंजर ट्रेन

यात्रियों की मानें तो सफर के लिए घर से एक घंटे पहले निकलना पड़ता है, क्योंकि जाम में गाड़ी के फंसने पर बड़ी दिक्कत होती है। इससे 20 मिनट तो प्लेटफार्म तक पहुंचने में लग जाते है, इससे कई बार तो ट्रेन भी छूट जाती है।

By Vikash Pandey

Publish Date: Sat, 09 Nov 2024 12:52:00 PM (IST)

Updated Date: Sat, 09 Nov 2024 12:52:00 PM (IST)

यात्री बोले-बिरला नगर से चलाएं पैसेंजर ट्रेन! बिरलानगर स्‍टेशन।

HighLights

  1. प्लेटफार्म नंबर चार पर सबसे अधिक होती है परेशानी, आटो
  2. प्लेटफार्म नंबर चार पर सबसे अधिक होती है परेशानी, आटो
  3. x20 मिनट तो प्लेटफार्म तक पहुंचने में लग जाते है

विकास पांडे-नईदुनिया. ग्वालियर। ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर बढ़ते यात्रियों के भार के कारण अब सेटेलाइट स्टेशन की आवश्यकता महसूस होने लगी है। इसके लिए बिरला नगर स्टेशन बेहतर विकल्प हो सकता है। यह अब यात्रियों को भी महसूस होने लगा है। यात्रियों की मानें तो सफर के लिए घर से एक घंटे पहले निकलना पड़ता है, क्योंकि जाम में गाड़ी के फंसने पर बड़ी दिक्कत होती है। इससे 20 मिनट तो प्लेटफार्म तक पहुंचने में लग जाते है, इससे कई बार तो ट्रेन भी छूट जाती है।

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दरअसल स्टेशन पर प्रतिदिन 55-60 हजार लोगों की आवाजाही होती है, संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। साथ ही शहर का फैलाव भी तेजी से हो रहा है। ऐसे में यदि बिरला नगर स्टेशन को सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित किया जाता है तो भीड़ बंट जाएगी, जिससे मुख्य स्टेशन पर दबाव घटने के साथ ही बिरला नगर के आसपास का इलाका भी तेजी से विकसित होगा, क्योंकि रेलवे स्टेशन के आसपास खाने के होटल, धर्मशाला, लाज, चाय नाश्ते की दुकानें खुलेंगी। खास बात ये है कि यहां पास में ही आइएसबीटी का बस स्टैंड भी बन रहा है, ऐसे में बिरला नगर स्टेशन से ट्रेनों का संचालन शुरू होने से यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।

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क्या कहते हैं यात्री

पैसेंजर ट्रेन का सफर तो नहीं किया, लेकिन अक्सर व्यापार के सिलसिले में दिल्ली या इंदौर जाना होता है। निर्माण कार्य के कारण जाम लगा रहता है, ऐसे में सामान को लेकर प्लेटफार्म तक पहुंचने में काफी समय और मेहनत लगती है। इसमें काफी समय बर्बाद होता है। सेटेलाइट स्टेशन बनने से भीड़ कम होगी तो इस प्रकार की परेशानी नहीं झेलना पड़ेगी।

अंकित अवस्थी, ट्रांसपोर्टर।

मेडिकल स्टोर व्यवसाय से जुड़े होने के कारण अक्सर आगरा, इंदौर जाना होता है। पहले तो दिक्कत नहीं थी, लेकिन अब हालत बहुत खराब है। जब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं होता कुछ ट्रेनों को बिरला नगर स्टेशन से संचालित करना ही बेहतर होगा। इससे भीड़ बंट जाएगी और जाम के साथ ही अन्य समस्याएं भी नहीं झेलना पड़ेगी।

-साकेत कुशवाह, मेडिकल स्टोर कारोबारी।

काम के सिलसिले में अक्सर कैलारस, भिंड, झांसी भी जाना होता है। पैसेंजर ग्वालियर से चलती है, इसलिए सीट मिलने में दिक्कत नहीं आती है। हालांकि अभी स्टेशन पर अव्यवस्थाओं के कारण बड़ी दिक्कत हो रही है। यदि पैसेंजर ट्रेन बिरला नगर स्टेशन से चलती है तो काफी राहत रहेगी।

-सचिन जैन, व्यापारी।

भोपाल, दिल्ली, इंदौर में एक रेलवे स्टेशन पर पूरा भार नहीं होने से दिक्कत नहीं होती है, जबकि ग्वालियर में कोई विकल्प ही नहीं है। अभी स्टेशन पर निर्माण कार्य चल रहा है, यदि कोई दूसरा स्टेशन होता तो लोगों को परेशानी नहीं झेलना पड़ती। यदि पैसेंजर ट्रेनों का संचालन भी बिरला नगर से शुरू करते हैं तो कुछ तो भार कम होगा। इससे सभी यात्रियों को राहत मिलेगी, वर्ना कभी दुर्घटना भी हो सकती है।

-योगेश तिवारी, निवासी सिटी सेंटर।

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