जैन समाज के सबसे बड़े तीर्थ सम्मेद शिखरजी में ‘गुणायतन तीर्थ’ बन रहा है। इसके निर्माण में लगने वाले गुलाब पत्थरों को लैब टेस्टिंग के बाद ही उपयोग में लिया जा रहा है। ताकि 1500 साल तक मंदिर वैसा ही रहे। यह मंदिर मध्य प्रदेश के 6500 और देशभर के 19 हजार
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इसमें इंदौर के 25 से ज्यादा दानदाता परम शिरोमणि ट्रस्टी, शिरोमणि ट्रस्टी और ट्रस्टी बनाए गए है। मंदिर का 80 फीसदी काम पूरा हो गया है। मुनिश्री प्रमाणसागर महाराज की प्रेरणा में इस मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। 2007 में इस की परिकल्पना की गई थी। 2008 में निर्माण शुरू हुआ।
मुनिश्री ने भास्कर से कहा, पंचायतन शैली में बनने वाला दिगंबर जैन समाज का पहला मंदिर है। शिरोमणि तीर्थस्थल सम्मेद शिखरजी की तलहटी में इसका निर्माणा हो रहा है। धर्म प्रभावना समिति के प्रचार प्रमुख राहुल जैन ने बताया, राजस्थान के पत्थरों पर ओडिशा के कारीगर नक्काशी कर रहे हैं। कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। निर्माण अगले साल तक पूरा करने की योजना है।
थीम पार्क, 4डी ऑडिटोरियम भी
- गुणायतन तीर्थ में थीम पार्क, 4डी ऑडिटोरियम भी बनाया गया है। यहां 270 डिग्री पर विजुअल इफेक्ट के साथ 14 गुणस्थान पर बनी 108 मिनट की यात्रा ‘आत्मा से परमात्मा’ दिखाई जाएगी। 144 लोग एक साथ बैठकर इसे देख सकेंगे। यहां प्रभु का मोक्ष गमन भी देख सकेंगे।
- समवशरण पर आधारित 16 मिनट की धार्मिक राइड भी होगी। इसे विजुअल इफेक्ट से दिखाया जाएगा। साक्षात अनुभूति के लिए इसमें दर्शक जमीन से 12 मीटर ऊपर आ जाएंगे।
- भवसागर भी: एलईडी ऑडिटोरियम में भवसागर की संपूर्ण यात्रा दिखाई जाएगी।
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