बेलग्रेड9 मिनट पहले
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सर्बिया की संसद में सरकार की तरफ से पेश एजेंडे से नाराज विपक्षी सांसदों ने स्मोक ग्रेनेड से हमला किया। तस्वीर- सोशल मीडिया
यूरोपीय देश सर्बिया की संसद में मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने स्मोक ग्रेनेड फेंके। विपक्ष ने यह प्रदर्शन सरकार की नीतियों के विरोध और प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन में किया।
सर्बियाई प्रोग्रेसिव पार्टी की अगुआई वाले सत्तारूढ़ गठबंधन ने जैसे ही सत्र के एजेंडे को मंजूरी दी, कुछ विपक्षी नेता अपनी कुर्सी से उठकर स्पीकर की कुर्सी की तरफ दौड़ पड़े।
उन्होंने सदन में स्मोक ग्रेनेड फेंक दिया, जिससे सदन में काला धुआं भर गया। इस दौरान उनकी सिक्योरिटी गार्ड्स से हाथापाई भी हुई।
इस हमले में दो सांसद घायल हो गए हैं, जिनमें से एक सांसद की हालत गंभीर है। स्पीकर एना ब्रनाबिक ने कहा कि संसद अपना काम करना जारी रखेगी।

प्रधानमंत्री के इस्तीफे पर होनी थी चर्चा
सर्बियाई संसद में मंगलवार को देश की यूनिवर्सिटीज के लिए धनराशि बढ़ाने वाला कानून पारित होना था। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मिलोस वुसेविक के इस्तीफे पर भी चर्चा होनी थी, लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन की तरफ से पेश किए गए एजेंडे के अन्य मुद्दों से विपक्ष नाराज था। इसके बाद यह हंगामा हुआ।
15 लोगों की मौत के बाद शुरू हुआ था विरोध प्रदर्शन
दरअसल, सर्बिया के दूसरे सबसे बड़े शहर नोवी सैड में 1 नवंबर को रेलवे स्टेशन की छत का एक हिस्सा गिर गया था। इसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी।
इस घटना के बाद देश में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। सड़कों पर हजारों लोग उतर आए और इस घटना की जवाबदेही की मांग करने लगे।
लोगों का आरोप था कि निर्माण परियोजनाओं में भ्रष्टाचार की वजह से छज्जा गिरने की घटना हुई।

सर्बिया के दूसरे सबसे बड़े शहर नोवी सैड में 1 नवंबर को रेलवे स्टेशन की छत का एक हिस्सा गिर गया था।
प्रदर्शन में शामिल छात्र रोज 15 मिनट लोगों का रास्ता रोकते थे
इस विरोध प्रदर्शन में बड़े पैमाने पर छात्र शामिल थे। वे देशभर में हर दिन दोपहर 11 बजकर 52 मिनट पर गाड़ियों का आना-जाना 15 मिनट के लिए रोक देते थे। ये वही वक्त था जब रेलवे स्टेशन पर छज्जा गिरने का हादसा हुआ था। इसके अलावा देश में यूनिवर्सिटी में पढ़ाई भी ठप हो गई थी।

सर्बिया में 11 बजकर 52 मिनट पर 15 मिनट के लिए सभी गाड़ियां रोक दी जाती थीं।

सर्बिया में करीब 4 महीने से प्रदर्शन जारी है।
प्रधानमंत्री ने गुस्सा शांत करने के लिए दिया था इस्तीफा पिछले साल 24 नवंबर को विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया था। लोगों ने काम पर जाना बंद कर दिया। लोगों का गुस्सा बढ़ता देख प्रधानमंत्री वुसेविक ने कहा था कि वे नहीं चाहते कि देश में तनाव और ज्यादा बढ़े इसलिए वे हालात को शांत करने के लिए अपना पद छोड़ रहे हैं।
वुसेविक मई 2024 से प्रधानमंत्री के पद पर थे। इससे पहले वे उपप्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के पद पर रह चुके थे।

मिलोस वुसेविक मई 2024 में प्रधानमंत्री बने थे।
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