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सहारा ग्रुप से सौदे में नियमों का उल्लंघन, आरोपियों को: पूछताछ के लिए बैंकिंग व अन्य दस्तावेजों के साथ 5 फरवरी को दोपहर 1 बजे तक हाजिर होना होगा – Bhopal News

विजयराघवगढ़ से बीजेपी विधायक संजय पाठक की कंपनियों से जुड़ी जमीनों के सौदे जांच के घेरे में हैं। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इन कंपनियों द्वारा सहारा ग्रुप की जमीन खरीदने की पड़ताल पीई दर्ज करने के बाद 11 दिन पहले शुरू कर दी। इस मामले में EOW न

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बता दें कि भोपाल, जबलपुर और कटनी में सहारा की 310 एकड़ जमीन को कौड़ियों के भाव में खरीदने के आरोप संजय पाठक के रिश्तेदारों पर हैं। फिलहाल जमीनों का बाजार मूल्य करीब 1000 करोड़ रुपए है। जबकि जमीनों का सौदा नियमों की अंदेखी कर 90 करोड़ में कर दिया गया।

सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा की जानी थी रकम

सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन इन्वेस्टमेंट ग्रुप द्वारा कई शहरों में निवेशकों से धन जुटाकर सहारा सिटी बनाने के उद्देश्य से जमीनें खरीदी गई थीं। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट और (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) SEBI द्वारा सहारा समूह को निवेशकों की राशि लौटाने के लिए कम्पनी की प्रॉपर्टी बेचने की अनुमति दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, जमीन के सौदे की सीमा अधिकतम 90 प्रतिशत या उससे ज्यादा तक तय की गई थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रॉपर्टी बेचने की अनुमति इस शर्त पर दी गई थी कि पैसे खरीदार द्वारा सीधे मुंबई में बैंक ऑफ इंडिया के सेबी-सहारा रिफंड खाता नंबर 012210110003740 में जमा किए जाएंगे।

सहारा ग्रुप ने शैल कंपनियों में जमा कराए रुपए

ईओडब्ल्यू के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार भोपाल स्थित जमीन बेचकर सेबी-सहारा रिफंड खाते में रुपए जमा कराने के नियम का भी उल्लंघन किया गया है। सहारा ग्रुप ने ये रुपए सहारा इंडिया रियल एस्टेट लिमिटेड, सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कार्पोरेशन और निजी शैल कम्पनियों के खातों में जमा कराए। एजेंसी ने आशुतोष दीक्षित मनु की शिकायत पर इसी मामले की जांच शुरू की है।

ईओडब्ल्यू दस्तावेजी सबूत जुटाने के लिए मेसर्स सिनाम रियल एस्टेट प्रा.लि. और जबलपुर की मेसर्स नायसा देवबिल्ड प्रा.लि. के संचालकों से सवाल-जवाब करेगी। सहारा इंडिया रियल स्टेट कॉर्पोरेशन, सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन इन्वेस्टमेंट समूह के अधिकारी, कर्मचारी और संबंधित राजस्व अधिकारियों के खिलाफ पीई दर्ज की गई है।

रेजिडेंशियल जमीन की एग्रीकल्चर में रजिस्ट्री यादव ने कहा, ‘विधायक पाठक ने सहारा ग्रुप की जमीन औने-पौने दामों में खरीदीं। जमीनों की रजिस्ट्री करवाने में स्टाम्प ड्यूटी की चोरी भी की गई। सहारा सिटी बनाने के लिए रेजिडेंशियल जमीन की पाठक ने एग्रीकल्चर लैंड में रजिस्ट्री कराई।’ यादव ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर संबंधित जमीनों की रजिस्ट्री कैंसिल करवाने की मांग भी की है। व्हिसल ब्लोअर बोले- पाठक जमीन घोटाले के मास्टरमाइंड ईओडब्ल्यू में मामले की शिकायत करने वाले आशुतोष दीक्षित मनु कटनी के रहने वाले हैं। वे सहारा ग्रुप के निवेशकों के मामले में लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा- जमीन घोटाले के मास्टरमाइंड विधायक संजय पाठक ही हैं। प्रदेश के लाखों सहारा निवेशकों की मेहनत की कमाई से खरीदी गई जमीनों को उन्होंने षड्यंत्रपूर्वक मिट्‌टी की कीमत में खरीदा है।

व्हिसल ब्लोअर आशुतोष ने कहा- भोपाल, कटनी और जबलपुर की जो 310 एकड़ जमीन 1000 करोड़ में बेची जानी चाहिए थी, उन्हें सहारा के भ्रष्ट अधिकारियों ने मात्र 98 करोड़ में बेच दिया। देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह सहारा के निवेशकों को उनका पैसा वापस दिलवाना चाहते थे लेकिन विधायक पाठक ने उनके प्रयास को पलीता लगा दिया।

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