सियोल1 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
यून सुक योल ने साल 2022 में साउथ कोरिया के राष्ट्रपति का पदभार संभाला था।
साउथ कोरिया में 3 दिसंबर को भारतीय समय अनुसार रात 8:35 बजे राष्ट्रपति यून सुक योल ने इमरजेंसी यानी मार्शल लॉ लगाने का ऐलान किया। इसके विरोध में देशभर में प्रदर्शन होने लगे, जिसके दबाव में आकर रात करीब 1:30 बजे राष्ट्रपति ने कहा- सेना को वापस बुला लिया है। जल्द ही कैबिनेट मीटिंग होगी, जिसमें हम इमरजेंसी हटाने का फैसला ले लेंगे।
राष्ट्रपति ने मुख्य विपक्षी पार्टी पर उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए इमरजेंसी लगाई थी। ऐलान के बाद पूरा विपक्ष थोड़ी ही देर में नेशनल असेंबली पहुंच गया था। जब तक सेना असेंबली को कब्जे में लेने पहुंचती, उन्होंने संसद की कार्यवाही शुरू कर दी। बाहर विपक्षी दलों के हजारों समर्थक थे।
सेना ने अंदर घुसने के लिए संसद की खिड़कियां तोड़नी शुरू कीं। कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिया गया। संसद के ऊपर हेलिकॉप्टर और सड़कों मिलिट्री टैंक तैनात किए गए। लेकिन, जब तक जवान भीतर पहुंचते, नेशनल असेंबली के 300 में से 190 सांसदों ने राष्ट्रपति के मार्शल लॉ वाले प्रस्ताव को मतदान कर गिरा दिया।
स्पीकर वू वोन सिक की घोषणा के बाद सेना ने कार्यवाही रोक दी। हालांकि, सेना ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा हटाए जाने की घोषणा करने तक सैन्य कानून लागू रहेगा।
आर्मी ने नेशनल असेंबली को अपने कब्जे में ले लिया है।
मार्शल लॉ के बाद रैलियां बैन, प्रसारण पर रोक
- नेशनल असेंबली, स्थानीय परिषदों और राजनीतिक दलों, राजनीतिक संघों, रैलियों और प्रदर्शनों सहित सभी राजनीतिक गतिविधियां बैन होंगी।
- फेक न्यूज, पब्लिक ओपिनियन और झूठे प्रचार पर रोक रहेगी।
- सभी मीडिया और प्रकाशन मार्शल लॉ कमांड के नियंत्रण के अधीन होंगी।
- हड़ताल, काम रोकने पर कार्रवाई की जाएगी।
- प्रशिक्षु डॉक्टरों सहित सभी चिकित्सा कर्मी, जो हड़ताल पर हैं या चिकित्सा क्षेत्र छोड़ चुके हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर अपनी नौकरी पर लौटना होगा। ईमानदारी से काम करना होगा। उल्लंघन करने वालों को मार्शल लॉ के अनुसार सजा दी जाएगी।
नेशनल असेंबली में विपक्षी सांसदों को रोकते सुरक्षा बल।
साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लगाने की वजह…5 पॉइंट
- 1980 के बाद यह पहली बार है, जब दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ घोषित किया गया है। 1980 से पहले 16 बार मार्शल लॉ लगाए गए हैं।
- देश में मॉर्शल लॉ ऐसे समय में लगाया गया है, जब संसद में सरकार और विपक्षी दल के बीच बजट विधेयक को लेकर मतभेद है। राष्ट्रपति यून की पीपुल्स पावर पार्टी मई 2022 से सत्ता में हैं। विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी सरकार की नीतियों का विरोध कर रही है।
- इस साल की शुरुआत में नेशनल असेंबली चुनावों ने विपक्ष को भारी जनादेश दिया था। ऐसे में राष्ट्रपति यून के पास ज्यादा शक्तियां नहीं रही और राष्ट्रपति यून को कानूनों को पारित करने में सफलता नहीं मिली। यून विधेयकों को वीटो करने पर मजबूर हो गया है।
- राष्ट्रपति यून और उनकी पत्नी से जुड़े घोटालों की संख्या के कारण रेटिंग में लगातार गिरावट देखी गई है। यून की पत्नी पर स्टॉक में हेरफेर का आरोप भी लगा और विपक्ष की ओर से इसकी जांच की मांग होने लगी।
- AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्ष ने राष्ट्रपति यून पर सत्ता के दुरुपयोग करने के आरोप को लेकर महाभियोग चलाने की मांग की थी। विपक्ष का कहना है कि मार्शल लॉ लगाकर राष्ट्रपति महाभियोग से बचना चाहते हैं।
मार्शल लॉ घोषित होने के बाद लोगों ने प्रदर्शन किया।
इमरजेंसी को लेकर संविधान का प्रावधान
- साउथ कोरिया के संविधान के आर्टिकल 77 में देश में मार्शल लॉ की घोषणा की बात कही गई है, लेकिन इसे लागू करने के लिए नियम तय किए गए हैं।
- आर्टिकल 77 में कहा गया है कि जब किसी सैन्य आवश्यकता या युद्ध से निपटने की स्थिति हो तब ही इमरजेंसी लगाई जाए।
- इमरजेंसी के समय मिलिट्री को पब्लिक प्लेस पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष अधिकार दिए गए हैं। मिलिट्री अपने ऑर्डर्स के लिए राष्ट्रपति पर निर्भर करती है।
- इमरजेंसी हटाने के लिए संसद से प्रस्ताव पास करना अनिवार्य है। अगर आधे से ज्यादा सांसद इमरजेंसी हटाने पर राजी होते हैं, तो ही प्रस्ताव पास माना जाएगा।
अमेरिका बोला- साउथ कोरिया में इमरजेंसी के बारे में पहले नहीं बताया गया
व्हाइट हाउस के सिक्योरिटी काउंसिल की तरफ से मंगलवार रात को एक स्टेटमेंट जारी किया गया। इसमें कहा गया कि साउथ कोरिया में इमरजेंसी के बारे में वहां कि सरकार ने पहले नहीं बताया। हम चाहते हैं कि साउथ कोरिया अपने कानूनों का पालन करे। हम इन राजनीतिक विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से और कानून के शासन के अनुसार हल होते देखना चाहते हैं।
———————————————
साउथ कोरिया की राजनीति से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
दावा- साउथ कोरिया में 50 मीटर अंदर घुसे नॉर्थ कोरियाई सैनिक, साउथ कोरिया के वॉर्निंग फायर के बाद वापस लौटे
नॉर्थ और साउथ कोरिया की सीमा पर 20 लाख माइन्स बिछी हैं। बॉर्डर के दोनों तरफ कंटीले तारों की बाड़, टैंकों का जाल और लड़ाकू सैनिक भी तैनात रहते हैं। (फाइल)
साउथ कोरिया ने पड़ोसी देश नॉर्थ कोरिया की सीमा के पास फायरिंग की है। दरअसल, नॉर्थ कोरिया के करीब 20-30 सैनिकों ने डीमिलिट्रलाइज्ड जोन (DMZ) पर दोनों देशों की सीमा को पार किया था। इसके बाद उन्हें वॉर्निंग देने के लिए साउथ कोरिया की सेना ने फायरिंग की। पूरी खबर पढ़ें…