मेला में आज भी फास्ट फूड के बीच खजला अपनी पहचान बनाए हुए है।
ग्वालियर व्यापार मेला का दूसरा रविवार और नए साल 2025 के पहले रविवार को मेला सैलानियों से गुलजार नजर आया है। मेला में दोपहर बाद भीड़ का बढ़ना शुरू हुआ जो रात तक जारी रहा। जबकि रविवार को सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा है। दिन का अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सि
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सबसे ज्यादा भीड़ झूला सेक्टर में दिखाई दी है। यही एक सेक्टर है जो पूरी तरह लोगों का वेलकम करते हुए नजर आ रहा है। आज के फास्ट फूड की दुनिया में आज भी सैलानियों की जुबान पर मेला का खजला अपना स्वाद बनाए हुए हैं।
ग्वालियर व्यापार मेला में सबसे ज्यादा भीड़ झूला सेक्टर में रहती है।
खजला, हापड़ के पापड़ आज भी हैं मेला की जान आधुनिकता की दौड़ में भले ही चीनी, थाई व अन्य विदेशी फास्ट फूड युवाओं की पहली पसंद बनते जा रहे हैं, पर खास तौर पर मेलों में बिकने वाले खजला व पापड़ जैसे पारंपरिक व्यंजनों की प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। इन व्यंजनों का स्वाद लेने का मजा ही कुछ और है। मेले में सजी-धजी दुकानों पर बैठकर सैलानी बड़े चाव के साथ खजला-पापड़ का लुत्फ उठाते हैं। साथ ही इसकी भीनी-भीनी ताजगी व खुशबू भी महसूस करते हैं। ऐतिहासिक श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेला में भी खजले की दुकानें सदैव से आकर्षण का केन्द्र रही हैं। इस बार के मेले में भी विभिन्न प्रकार के लजीज खजले व पापड़ की कई दुकानें सजीं हैं।
60 साल से इटावा का परिवार खिला रहा स्वादिष्ट खजला
मेले की छत्री नं. 12 में झूला सेक्टर की तरफ सिरसागंज इटावा से आए यादव परिवार ने अंजलि खजला-पापड़ के नाम से दुकान लगाई है। यादव परिवार लगभग 60 सालों से मेले में अपनी दुकान लगाता आया है। पहले प्रमोद कुमार यादव खजले की दुकान लगाते थे, अब उनके बेटे अजय कुमार व सूरज कुमार यादव ने खजला-पापड़ की बड़ी सी दुकान लगाई है।
यादव परिवार के सदस्यों सहित कुल मिलाकर लगभग 50 कर्मचारी खजले व चाट की यह दुकान चला रहे हैं। खजला-पापड़ की किस्में बताते हुए सूरज यादव बोले कि हमारी दुकान पर रबड़ी खजला, मलाई खजला, खोए का खजला व दूध का खजला सहित नमकीन व कम मीठे खजले भी खूब बिकते हैं। इसके अलावा पापड़, छोले भटूरे व आलू चाट भी चटपटी चटनी, दही और खट्टे-मीठे व तीखे मसालों के साथ परोसी जाती है।
मेले में रिक्त दुकानों का आवंटन आज श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेले में रिक्त दुकानों का पुन: आवंटन 6 जनवरी को मेला प्राधिकरण के कार्यालय में दोपहर 12 बजे से किया जाएगा। गत 16 दिसम्बर 2024 को दुकानों के लिए आवेदन करने वाले दुकानदारों को मेले में रिक्त दुकानों का आवंटन किया जाएगा। इनमें वे दुकानें भी शामिल हैं, जिनमें आवेदक को आवंटन करने के पश्चात निर्धारित राशि जमा न करने अथवा अपनी दुकान मेले में प्रारंभ न करने के कारण निरस्त की गई हैं।
मेला सचिव टीआर रावत ने बताया-
मेला प्राधिकरण द्वारा मेले में आवेदकों को दुकान आवंटित की जाकर 6 जनवरी तक दुकान प्रारंभ करने एवं निर्धारित राशि जमा करने के निर्देश दिए गए थे। जिन दुकानदारों द्वारा निर्धारित समयावधि में राशि जमा नहीं की गई है अथवा जिन दुकानदारों द्वारा मेले में दुकानें प्रारंभ नहीं की गई हैं, उनकी दुकानें निरस्त की जाकर पुन: आवंटित की जाएंगी।
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