सिका सीनियर सेकेंडरी विद्यालय क्रमांक 2 में शनिवार को चिन्ना जीयर स्वामीजी ने आशीर्वचन दिए। उन्होंने कहा कि स्वयं और भगवान पर विश्वास ही उत्कृष्टता का रहस्य है।
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जप हमारी वाणी को शुद्ध करने और हमारे शरीर, मन, वाणी और बुद्धि को एकीकृत करने की एक सुंदर साधना है। इस अवसर पर प्राइमरी विद्यार्थियों के द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ प्रस्तुत किया गया। विद्यार्थियों ने भगवत गीता के श्लोकों का पाठ किया।
स्कूल में चिन्ना जीयर स्वामीजी का आगमन
पूर्ण कुंभम् से किया गया स्वामीजी का स्वागत
इसके पूर्व स्कूल में स्वामीजी का स्वागत पूर्ण कुंभम् से किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। प्रार्थना गीत श्रीविद्या कीर्तिवाशन और भवानी रामसुब्रमण्यम द्वारा प्रस्तुत किया गया। प्रधान अध्यापिका प्राइमरी सेक्शन कलावती रविचंद्रन ने साउथ इंडियन कल्चरल एसोसिएशन का परिचय दिया। चिन्ना जीयर स्वामीजी की प्रोफ़ाइल आर. विजयालक्ष्मी अय्यर द्वारा पढ़ी गई।
चिन्ना जीयर स्वामीजी को अध्यक्ष पी. बाबूजी द्वारा शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। स्वामीजी ने प्रसाद वितरित किया और भक्तों को आशीर्वाद दिया।
मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. आर श्रीधर, ट्रस्टी जी. रमेश, वी.एस. मणि, कार्तिक शास्त्री, डॉ. विजयलक्ष्मी अयंगर, एसएमसी सदस्य, सिका 54 की प्राचार्या और सिका 78 के प्राचार्य, सिका 54, 78 और निपानिया के उप प्राचार्या एवं प्राचार्य और समस्त शिक्षक इस अवसर पर उपस्थित थे।
जनसेवा ही जनार्दन सेवा
स्वामीजी ने कहा जनसेवा ही जनार्दन सेवा है। मानव सेवा ही माधव सेवा है। विद्यार्थियों में आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक मूल्यों का समावेश होना चाहिए। सही और गलत का अंतर पता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पवित्रता, धैर्य और दृढ़ता सभी बाधाओं को दूर करती है। उन्होंने साहस और मेहनत करने का सुझाव दिया। धैर्य और लगातार काम करना ही सफलता पाने का एकमात्र तरीका है। ये सभी मूल्य शिक्षा प्राप्त करके प्राप्त किए जा सकते हैं।
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