जिले के सेवानिया स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र सीआरडीई में रविवार को कृषि चौपाल का सजीव प्रसारण एवं सह कृषक संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बताया गया कि शासन के निर्देशानुसार इन कार्यक्रमों के माध्यम से कृषकों को विभिन्न फसलों की नवीन
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40 प्रजातियां किसानों के लिए उपयोगी
कार्यक्रम में बताया गया कि जिले की कृषि परिस्थिति के लिए अलग-अलग फसलें मक्का, मसूर, बाजरा, बरसीम, अरहर, आम, अनार, अमरूद, टमाटर, लौकी, भिंडी, आलू, सेम, तरबूज आदि फसलों की लगभग 40 प्रजातियां किसानों के लिए उपयोगी है। कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से आगामी समय में कृषकों को सभी प्रजातियों की फसलों की जानकारी देकर इन फसलों के उपयोग एवं उत्पादन से लाभान्वित किया जाएगा। जिससे अधिक से अधिक किसानों को उन्नत प्रजातियों के शुद्ध बीज प्राप्त होगे।
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को जानकारी दी कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा जलवायु परिवर्तन, कीट एवं रोगों के बढ़ते हुए प्रकोप को ध्यान में रखते हुए प्रतिवर्ष कृषि की नवीन एवं अनुकूल तकनीक विकसित करके किसानों को फसलों के नुकसान से बचाने का प्रयास किया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को कई फसलों, सब्जी, फलों एवं फूलों की प्रजातियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र की तकनीकियों का अवलोकन एवं भ्रमण कराया गया।
कार्यक्रम में कृषि विभाग उप संचालक केके पांडेय, कृषि विज्ञान केंद्र प्रमुख संदीप टोडवाल, उद्यानिकी विभाग सहायक संचालक अनिल कुमार जाट सहित सभी विकासखण्डों कृषि विकास अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक एवं कृषक उपस्थित रहे।
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