स्टडी में कहा गया है कि इसका अनुवांशिक संबंध है जो जीन्स से होकर आता है। हजारों सालों पहले हुए निएंडरथल पूर्वजों का DNA जिन लोगों में मौजूद है वो लोग सुबह जल्दी उठ जाते हैं। कहा गया है 70 हजार साल पहले जब मनुष्य अफ्रीका से यूरेशिया आया उनमें से एक बड़ा हिस्सा निएंडरथल से जुड़ा हुआ था। निएंडरथल उत्तर के ठंड और अंधेरे भरे वातावरण में पहले ही खुद को ढाल चुके थे। तो जब अंतरप्रजनन हुआ तो जेनेटिक एक्सचेंज भी हुआ। जिसका असर आज भी मौजूद है। स्टडी कहती है कि जो नॉन-अफ्रीकन लोग हैं वे आज भी निएंडरथल DNA 1 से 4 प्रतिशत हिस्सा अपने साथ लिए हुए हैं।
स्टडी के प्रमुख लेखक जॉन कापरा (सेन फ्रेंसिस्को, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया) के अनुसार, जब पुराने डीएनए को मॉडर्न ह्यूमन डीएनए के साथ जोड़कर देखा गया तो पर्याप्त अनुवांशिक अंतर इनमें मिला। उसके बाद जब आधुनिक मनुष्य में निएंडरथल डीएनए के अंश का विश्लेषण किया गया तो पाया कि यह डीएनए आधुनिक मनुष्य के कार्केडियन जीन्स को कंट्रोल कर रहा है।
बदलते के समय के साथ भी यह प्रभाव यूं का यूं बना रहा। शोधकर्ता अब इस स्टडी को आधुनिक मनुष्य की ज्यादा बड़ी और विविधतापूर्ण जनसंख्या पर लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं। जिसके बाद निएंडरथल पूर्वजों के प्रभाव के बारे में और विस्तृत परिणाम बाहर आ सकते हैं। बहरहाल, इतना जरूर कहा जा सकता है कि सुबह जल्दी उठना केवल के आदत नहीं, बल्कि पूर्वजों का प्रभाव भी है।
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2023-12-17 13:59:33
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