वीडियो में किसान ने खाद न मिलने की समस्या के बारे में बताया।
“मैं गरीब छोटा सा किसान हूं। मेरी कानून, सरकार से थोड़ा सा निवेदन है कि मेरे पास कम से कम जमीन है। मुझे एक भी दाना खाद का नहीं मिला। आजकल पांच पांच साल, एक एक साल के बच्चे का आधार कार्ड बन रहा है। अगर आधार कार्ड से खाद दिया जाएगा। तो हमारी तो बस्की(ह
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रविवार सुबह यह कहते हुए झागर के एक किसान भागवत किरार ने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया। रविवार रात अचानक उसकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि वह अक्सर बीमार रहता था। रविवार रात उसे सीने में दर्द हुआ, जिसके बाद उसे अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हालांकि, सोमवार को अचानक यह बात लोगों के बीच पहुंची कि भागवत किरार ने खाद न मिलने के कारण सुसाइड किया है।
यह बात सामने आते ही प्रशासन में भी हड़कंप मच गया, क्योंकि जब तक इस बात का पता लगा, तब तक परिजन भागवत किरार का अंतिम संस्कार कर चुके थे। आनन-फानन में पुलिस, प्रशासन गांव में पहुंचा और भागवत किया के परिवार वालों से पूरा मामला समझा। हालांकि, परिवार से बेची में यह सामने आया कि सुसाइड जैसी कोई बात नहीं थी।
क्या था वायरल वीडियो में
भागवत कोरा ने अपनी सोशल मीडिया पर रविवार को एक पोस्ट किया। इसमें उसने कहा कि “मैं गरीब छोटा सा किसान हूं। मेरी कानून, सरकार से थोड़ा सा निवेदन है कि मेरे पास कम से कम जमीन है। मुझे एक भी दाना खाद का नहीं मिला। आजकल पांच पांच साल, एक एक साल के बच्चे का आधार कार्ड बन रहा है। अगर आधार कार्ड से खाद दिया जाएगा। तो हमारी तो बस्की(हिम्मत) ही नहीं है कि दो दो बीघा वाले किसान उन कट्टों को खरीद लें। वहां पे 1350 का मिल रहा है सरकारी रेट। उनको वो खरीद लेते हैं। बाद में वो हमे तीन -तीन हजार का बेचते हैं। तो जिसके पास जमीन है जितनी, उतना उसको खाद दिया जाए। तहसीलदार, पटवारी खाद को बेंच रहे हैं, तो आधार कार्ड के आधार से खाद देंगे, फिर किसान क्या करेंगे। तहसीलदार, पटवारी कौन खाद बंटवा रहे हैं। यहां बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। मैं महेंद्र भाईसाहब से निवेदन करता हूं कि आपने बहुत अच्छा किया किसानों के लिए खाद मंगवाई। ऊपर नेताओं से बात कर के आपने रैक मंगवाए। अपने कितनी बड़ी बात की, ऊपर तक बात पहुंचाई। आपसे हाथ जोड़ के एक विनती करता हूं, कि इस खाद को नियम से बंटवाया जाए। आपसी में किसानों में भेदभाव न हो और आपसी में लड़ाई न हो।”
किसान के घर जांच करने पहुंची पुलिस।
लंबे समय था बीमार- भाई, मनोज किरार
वहीं भगवत के भाई मनोज किरार ने बताया कि भगवत सिंह लंबे समय से बीमार चल रहा था। अभी कुछ दिन पहले से उसके सीने में दर्द रहने लगा था। इसके इलाज के लिए 13 नवंबर को उसे इंदौर की निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सिर में खून का थक्का जमा होने से डॉक्टर ने थक्का निकालने के लिए ऑपरेशन करने को कहा था, लेकिन हम परिजन बाद में ऑपरेशन कराने का बोलकर उसकी अस्पताल से छुट्टी कराकर वापस घर आ गए थे।
बता दें, रविवार(17 नवंबर) की रात को उसे सीने में दर्द उठा। परिवार वाले उसे गुना के निजी अस्पताल में ले गए। जहां निजी अस्पताल के डॉक्टर राजेन्द्र राजपूत ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक को जिला अस्पताल लेकर जाने के लिए बोला गया था, लेकिन उनके परिजन रात में ही मृतक को घर ले गए और सोमवार सुबह उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
इधर गुना कलेक्टर सतेंद्र सिंह ने बताया कि खाद की उपलब्धता व वितरण की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है। भगवत खुद खाद लेने नहीं गया था। उसके भतीजे गए थे और उन्हें दो बोरी खाद मिल गई थी। हमारे पास उसकी पर्ची भी है।
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