इससे पहले साल 2017 में सूर्य से X11.8 और X13.3 तीव्रता के सोलर फ्लेयर रिलीज हुए थे। गुरुवार को निकले फ्लेयर के कारण पृथ्वी की ओर रेडिएशन बढ़ा है। इसकी वजह से अफ्रीका और दक्षिण अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों के ऊपर एक अस्थायी रेडियो ब्लैकआउट हो गया। अनुमान है कि जो CME पृथ्वी की ओर निकला है, वह संभवत: 6 अक्टूबर को पृथ्वी से टकराएगा।
What is Solar Flare
जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे पावरफुल विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। इनमें मौजूद पार्टिकल्स, प्रकाश की गति से अपना सफर तय करते हैं।
What is CME (कोरोनल मास इजेक्शन)
कोरोनल मास इजेक्शन या CME, सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड में फैल जाते हैं। अंतरिक्ष में घूमने की वजह से इनका विस्तार होता है और अक्सर यह कई लाख मील की दूरी तक पहुंच जाते हैं। कई बार तो यह ग्रहों के मैग्नेटिक फील्ड से टकरा जाते हैं। जब इनकी दिशा की पृथ्वी की ओर होती है, तो यह जियो मैग्नेटिक यानी भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनकी वजह से सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है। इनका असर ज्यादा होने पर ये पृथ्वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं।
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