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सैटेलाइट इमेज डेटा के आधार पर खुलासा…: पंजाब के बाद पराली जलाने में मध्य प्रदेश नं. 2; केंद्र ने फिर चेताया- वक्त रहते संभले सरकार – Bhopal News

बड़ा राज्य व अधिक फॉरेस्ट कवर होने के कारण अवशोषित हो जाता है धुआं; नहीं तो दिल्ली जैसे होते हमारे बड़े शहरों के हाल

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धान की पराली जलाने के मामले में पंजाब के बाद मध्य प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। वहीं, गेहूं की पराली जलाने में पहले पायदान पर है। तीन दिन पहले भोपाल में हुई केंद्रीय कृषि मंत्रालय की इंटर स्टेट जोनल कॉन्फ्रेंस में सैटेलाइट इमेज डेटा के आधार पर इसका खुलासा हुआ है। केंद्र सरकार ने मप्र में हालात खराब होने से पहले इसके समाधान को लेकर राज्य सरकार को चेताया है।

कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि पंजाब की पराली जलने से दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बढ़ जाता है, इसलिए पंजाब बदनाम हो गया है। हालांकि, मप्र का धुआं न दिल्ली की ओर जाता है न किसी अन्य बड़े शहर की ओर। बड़ा राज्य होने के कारण यहां का धुआं किसी एक इलाके में ठहरने के बजाए फैल जाता है।

अच्छा फॉरेस्ट कवर होने के कारण इसका अवशोषण भी जल्दी हो जाता है। इस कारण मप्र में पराली के धुएं से का वैसा दुष्प्रभाव फिलहाल नजर नहीं आ रहा है, जैसा दिल्ली, पंजाब-हरियाणा और यूपी के शहरों में दिखने लगता है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की संयुक्त सचिव (मशीनरी) एस रुक्मिणी की अध्यक्षता में कॉन्फ्रेंस हुई थी। इसमें मप्र की ओर से कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान समेत 8 राज्यों के कृषि विभाग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे।

उपाय… पराली जलाने के बजाय दूसरे उपयोग होंगे; इसके लिए ग्रांट देगा केंद्र

  • केंद्र सरकार ने हाल ही में मप्र को भी क्रॉप रेसेड्यू मैनेजमेंट (सीआरएम) योजना में शामिल कर लिया है। इसके तहत केंद्र सरकार मप्र के किसानों को पराली समेत सभी तरह के फसल अवशेषों को जलाने के बजाए उनके अन्य इस्तेमाल के लिए मशीनरी खरीदने पर अनुदान देगी।
  • पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और दिल्ली-एनसीआर के बाद मप्र देश का 5वां राज्य है, जिसे केंद्र सरकार ने सीआरएम योजना में शामिल किया है। मप्र के डायरेक्टर एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग राजीव चौधरी के मुताबिक, इस योजना के तहत मप्र को हर साल 200 करोड़ रुपए का अनुदान मिलेगा।
  • फिलहाल केंद्र ने 50 करोड़ का अनुदान जारी किया है।

किसानों को सब्सिडी मिलेगी… जो किसान पराली जलाना छोड़कर पराली प्रबंधन की मशीनें खरीदेंगे, उन्हें सब्सिडी दी जाएगी।

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