भोपाल में मंगलवार को पत्रकार वार्ता में दिग्विजय सिंह ने कहा कि जंगल में खड़ी कार में 52 किलोग्राम सोना, दो सौ किलोग्राम चांदी और 11 करोड़ नकद पाया जाना, इस बात का प्रमाण है कि परिवहन विभाग किस तरह से काली कमाई का माध्यम बना हुआ है। इस पूरे मामले ने प्रदेश भाजपा की भ्रष्टाचार को जीरो टालरेंस की हकीकत सामने ला दी है।
By Navodit Saktawat
Publish Date: Tue, 24 Dec 2024 10:36:42 PM (IST)
Updated Date: Wed, 25 Dec 2024 12:25:48 AM (IST)
HighLights
- पूर्व मुख्यमंत्री ने जांच के लिए पीएम मोदी को लिखा है पत्र।
- कहा- लोकायुक्त की जांच पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
- पूर्व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की भूमिका पर सवाल।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में आरक्षक रहे सौरभ शर्मा की कालीकमाई के प्रकरण को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने परिवहन घोटाला बताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में इस मामले की जांच कराने की मांग की है। इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने इस प्रकरण में प्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की भूमिका की जांच करने और सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी की बात भी उठाई। वहीं, पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने दिग्विजय द्वारा लगाए आरोप पर कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।
- जो संपत्ति पकड़ाई वह परिवहन विभाग के सिपाही रह चुके सौरभ शर्मा की है या किसी और की यह जांच का विषय है। पुलिस प्रशासन ने इस मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया।
- यदि आयकर विभाग बीच में नहीं आता तो कुछ कार्रवाई नहीं होती। दिग्विजय ने कहा कि प्रदेश में जब कमल नाथ की सरकार बनी थी, तब परिवहन और राजस्व विभाग गोविंद सिंह राजपूत को देने का दबाव था।
- तब किसकी कहां पदस्थापना होगी, इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने बोर्ड गठित कर दिया था, लेकिन भाजपा सरकार में इस बोर्ड को भंग कर दिया गया।
- सौरभ शर्मा वसूली का पूरा काम देखता था। ट्रांसफर-पोस्टिंग में इसकी भूमिका रहती थी।
- यदि इसकी गहराई से जांच की जाए तो यह पता चल जाएगा कि परिवहन चैकपोस्ट से जो काली कमाई होती थी, वह कहां-कहां बंटती थी।
- पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय को इस मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत सभी आरोपितों पर मामला दर्ज कर परिवहन घोटाले में लिप्त लोगों की पड़ताल करनी चाहिए।
- इससे यह पता चल जाएगा कि इस मामले के तार नेता, अधिकारी और कारोबारियों से जुड़े हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि मामला प्रवर्तन निदेशक और आयकर विभाग की देखे।
- लोकायुक्त से इसे निकाला जाए। पूरी संपत्ति की जांच हाईकोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में होना चाहिए। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग में भी घोटाला चल रहा है।
- इसका राजफाश आगे करूंगा। केन बेतवा परियोजना को लेकर कहा कि इसमें हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं और डूब प्रभावितों को मुआवजा नहीं मिल रहा है।
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