बैतूल में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 13 करोड़ का रुपए फर्जीवाड़े के मामले में चली जांच के बाद क्लीन चिट मिली है। इस निर्णय पर कांग्रेस पार्टी ने नाराजगी जताते हुए कुछ सवाल उठाए हैं।
.
दावा किया गया है कि इस मामले में अगर निष्पक्ष जांच होती तो यह मामला भीमपुर चिचोली तक ही नही मध्यप्रदेश की अन्य जनपद पंचायत भी इसके दायरे मे आ सकता है। ब्लाक समन्वयक ही नहीं जनपद सीईओ और उच्च स्तर के अधिकारियों की लापरवाही भी सवाल उठाया है।
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष हेमंत वागदरे ने इस मामले में जिला जनपद के सीईओ और उनसे भी वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका की जांच करने की मांग की है।
जनपद सीईओ पर उठाया सवाल अभी जांच प्रतिवेदन में हर भुगतान के लिए ब्लाक समन्वयक को जिम्मेदार ठहराया है। लेकिन जांच दल ने पाया कि दोनों जनपदों में सीईओ की अनुमति और सहमति के बाद ही डिजिटल सिग्नेचर लगाने के लिए ब्लाक समन्वयक और कम्प्यूटर ऑपरेटर को अधिकृत किया गया था। इसके बिल बाउचर भी सीईओ से अनुमोदित और पारित कराए गए थे। कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि इस घोटाले में सीईओ की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत वागदरे ने खड़े किए उठाए सवाल।
कांग्रेस ने उठाए यह सवाल
- शासन ने चिचोली और भीमपुर जनपद पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के मद मे करोड़ों रुपए कैसे डाले। इतनी बड़ी रकम कैसे आवंटित कर दी।
- 02 नवंबर 2021 से 05 मार्च 2025 तक कितनी राशि शासन से आवंटित की गई।
- इन वर्षों मे शासन ने आवंटित राशि का पत्र जनपद चिचोली / भीमपुर की सूचनार्थ भेजा गया या नहीं।
- सीईओ द्वारा आवंटित राशि की समीक्षा की गई /अथवा नही। उन्होंने रिकार्ड का सांधारण किया या नही।
- आवंटित राशि के एवज मे क्या शासन आय व्यय की जानकारी प्रेषित की गई।
- कैश बुक मे रिकार्ड क्यों नही लिखा गया। इसकी समीक्षा जानकारी शासन को भेजी या नही।
- आडिट समीक्षा में सारे तथ्यों को दरकिनार कर किस आधार पर आडिट किया गया।
- हर भुगतान के बाद सीईओ के मोबाइल पर बैंक के आने वाले मैसेज आए या नहीं।
- सीईओ ने यह क्यों नहीं देखा कि यह भुगतान मेरे द्वारा अप्रूड है या नहीं।
- भुगतान के पूर्व बनने वाले बाउचर बनाए गए या नहीं। अगर बनाए गए तो उन पर सीईओ ने हस्ताक्षर किए या नहीं।
- जिले में बैठे स्वच्छता प्रभारी ने अन्य जनपदों से तुलनात्मक भुगतान की समीक्षा की या नहीं।
- जिले में होने वाली साप्ताहिक समीक्षा बैठक में सीईओ जिला पंचायत, स्वच्छता प्रभारी और माह में भोपाल स्तर से होने वाली निगरानी, समीक्षा बैठक में क्या समीक्षा की गई।
- इस लापरवाही में जनपद से लेकर जिले और भोपाल स्तर तक किन किन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

मामले में अभी आरोपी राजेंद्र परिहार को बनाया गया है।
इन अधिकारियों ने किया इतना भुगतान जांच प्रतिवेदन के अनुसार चार सालों के दौरान दोनों जनपद पंचायतों में पदस्थ रहे सात मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के कार्यकाल में हुए 13 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ। जनपद पंचायत चिचोली में सीईओ के पद पर सिर्फ दो माह पदस्थ रहे, प्रशिक्षु आईएएस अफसर एश्वर्या वर्मा के कार्यकाल में 49 लाख, साढ़े तीन माह पदस्थ रहे बैतूल एसडीएम के.सी. परते के कार्यकाल में 59 लाख तथा बीते दस माह से पदस्थ सहायक संचालक कृषि रामगोपाल रजक के कार्यकाल में 3 करोड़ 30 लाख के गबन को अंजाम दिया गया।
सीईओ जपं चिचोली के तीन माह के कार्यकाल में 72 लाख और सीईओ जपं चिचोली के पद पर 19 माह पदस्थ रहे एसडीओ आरईएस अभिषेक वर्मा के कार्यकाल में लगभग 4 करोड़ रूपए का भुगतान किया। जबकि जनपद पंचायत भीमपुर सीईओ कंचन वास्कले के तीन वर्ष के कार्यकाल में 2 करोड़ 20 लाख और सीईओ जपं भीमपुर के पद पर पदस्थ रहे एसडीओ आरईएस अभिषेक वर्मा के 16 माह के कार्यकाल में 1 करोड़ 88 लाख रूपए का भुगतान हुआ।
इस मामले में प्रशासन की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है, जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन ने काल रिसीव नहीं किया। कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी के बैतूल से बाहर होने से उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। हालांकि वे पहले ही कह चुके है कि इस मामले में कोई भी दोषी बख्शा नहीं जायेगा।
उन्होंने जांच के लिए तीन अधिकारियों की जांच कमेटी भी बनाई है।
#सवचछ #भरत #मशन #म #करड #क #फरजवड #बतल #म #बन #कम #क #भगतन #अधकरय #क #जच #म #कलन #चट #Betul #News
#सवचछ #भरत #मशन #म #करड #क #फरजवड #बतल #म #बन #कम #क #भगतन #अधकरय #क #जच #म #कलन #चट #Betul #News
Source link